घुसपैठिए किए जाएंगे देश से बाहर: शाह
-कहा, कांग्रेस और आप सहित अन्य विपक्षी दल देश की सुरक्षा से कर रहे हैं खिलवाड़ -महागठबंधन को ब
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली :
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने रो¨हग्या व बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया। उन्होंने कहा कि करोड़ों की संख्या मेंघुसपैठिये देश के भविष्य को दीमक की तरह चाट रहे हैं। इसके बावजूद कांग्रेस व आम आदमी पार्टी इनके समर्थन में खड़े हैं, लेकिन भाजपा देश की सुरक्षा व विकास से कोई समझौता नहीं करेगी। 2019 में भाजपा की सरकार बनने के बाद पूरे देश में घुसपैठियों की पहचान करके उनको बाहर किया जाएगा।
पूर्वाचल महाकुंभ में उन्होंने कहा कि घुसपैठियों को बाहर किया जाता है तो किसी भी राष्ट्रभक्त को चिंता नहीं होनी चाहिए। केंद्र में नरेंद्र मोदी और असम में भाजपा की सरकार बनने के बाद घुसपैठियों की पहचान का काम शुरू हुआ। राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) बनाई गई। प्रथम दृष्टि में 45 लाख घुसपैठियों की पहचान की गई है। जांच करने के बाद इनके नाम मतदाता सूची से निकाले जाएंगे। इस पर विपक्षी पार्टियों ने शोर मचाना शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि घुसपैठिये यहां के युवकों का रोजगार हथिया रहे हैं। गरीबों का राशन खा रहे हैं। देश की सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं, बम धमाके करते हैं जिससे लोगों की जान जाती है। इसके बावजूद विपक्षी पार्टियों को इन लोगों के मानव अधिकार की चिंता है। उन्हें अपने देश व देशवासियों की कोई चिंता नहीं है। आम आदमी पार्टी के सांसद सदन में इनके समर्थन में बोलते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि राहुल व केजरीवाल जैसे लोग वोट बैंक की राजनीति करते हैं। भाजपा कभी भी वोट बैंक की सियासत नहीं करती है। इसलिए इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगी। आप व कांग्रेस को भी घुसपैठियों को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस की जांच में शहरी नक्सलवादियों की पहचान हुई। ये लोग प्रधानमंत्री की हत्या करना चाहते हैं, मोर्टार बनाना चाहते हैं, देश में अस्थिरता पैदा करना चाहते हैं। ऐसे लोगों की जब गिरफ्तारी हुई तो फिर से विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने शोर मचाना शुरू कर दिया। इन्हें स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जो देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करेगा वह जेल जाएगा।
भाजपा को रोकने के लिए महागठबंधन बनाया जा रहा है। इसका न तो कोई नेता है और न ही इसकी देशहित में कोई नीति है। राहुल गांधी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होने का अन्य पार्टियों के नेता विरोध कर रहे हैं। किसी भी एक नेता के नाम पर इनमें सहमति नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति देश से गरीबी व बेरोजगारी हटाने की है, लेकिन महागठबंधन बनाने वालों की नीति मोदी हटाओ की है। मायावती कहती हैं कि मजबूत नहीं मजबूर प्रधानमंत्री होना चाहिए, पूर्वाचल व देश के अन्य लोग यह फैसला करेंगे कि उन्हें पाकिस्तान को जवाब देने वाला और देश का विकास करने वाला मजबूत प्रधानमंत्री चाहिए या भ्रष्टाचार करने वाला कमजोर प्रधानमंत्री।