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आप से गठबंधन पर सीधे कुछ भी बोलने से बचे कांग्रेस अध्यक्ष

प्रदेश कांग्रेस के बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को आम आदमी पार्टी से गठबंधन पर कुछ भी बोलने से परहेज किया। उन्होने पार्टी कार्यकर्ताओं को दिल्ली की सातों सीटें जीतने और आप सरकार की पोल खोलने का संदेश तो दिया लेकिन गठबंधन के लिए न हां कहा और न ही ना।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Mar 2019 10:02 PM (IST)Updated: Mon, 11 Mar 2019 10:02 PM (IST)
आप से गठबंधन पर सीधे कुछ भी बोलने से बचे कांग्रेस अध्यक्ष
आप से गठबंधन पर सीधे कुछ भी बोलने से बचे कांग्रेस अध्यक्ष

गठबंधन की सुगबुगाहट अब भी जारी, संजय सिंह मिले अहमद पटेल से

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संजीव गुप्ता, नई दिल्ली

प्रदेश कांग्रेस के बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को आम आदमी पार्टी से गठबंधन पर कुछ भी बोलने से परहेज किया। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को दिल्ली की सातों सीटें जीतने और आप सरकार की पोल खोलने का संदेश तो दिया, लेकिन गठबंधन के लिए न हां कहा और न ही ना। ऐसे में दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच चुनावी गठबंधन की संभावनाओं पर अब भी पूर्णतया विराम नहीं लगा है। कहीं न कहीं गठबंधन की सुगबुगाहट अब भी चल रही है। सोमवार को आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से भी मुलाकात की।

सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार को हराने के लिए कांग्रेस पर महागठबंधन के सहयोगी राजनीतिक दलों द्वारा दिल्ली में आप के साथ गठबंधन करने के लिए लगातार दबाव डाला जा रहा है। बेशक, प्रदेश कांग्रेस इसके लिए कतई तैयार नहीं है। पिछले हफ्ते राहुल गांधी के साथ हुई बैठक में प्रदेश इकाई ने एक मत से गठबंधन के लिए इंकार भी कर दिया था और राहुल ने भी इस पर अपनी सहमति जता दी थी। लेकिन शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित की सोनिया गांधी के साथ हुई करीब पौने घंटे की मुलाकात ने एक बार फिर से गठबंधन के कयासों को हवा दे दी है। कहा जा रहा है कि इस मुद्दे पर दोबारा चर्चा शुरू हो गई है।

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राष्ट्रीय कांग्रेस की सोच अलग है। वह इस चुनाव को काफी गंभीरता से ले रही है और एक-एक सीट पर आकलन कर रही है। इसी के तहत गठबंधन की बातें की जा रही हैं। वहीं कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में चुनाव 12 मई को है। ऐसे में दोनों ही पार्टियों को गठबंधन के लिए और समय मिल गया है। चुनाव के काफी करीब जाकर भी वह इसकी घोषणा कर सकते हैं। सनद रहे कि पार्टी के प्रदेश प्रभारी पीसी चाको और पूर्व अध्यक्ष अजय माकन भी गठबंधन की वकालत कर रहे हैं। उनका सीधा तर्क है कि बदले राजनीतिक हालात में दिल्ली की सातों सीटें भाजपा को थाली में परोसकर नहीं दी जा सकती। कांग्रेस के कुछ नेताओं ने तो बाकायदा शर्त भी रख दी है कि वह लोकसभा चुनाव गठबंधन होने की सूरत में ही लड़ेंगे अन्यथा नहीं।

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जब मंच से एक कार्यकर्ता ने गठबंधन को कहा ना

बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन में मंच पर राहुल गांधी पहुंचे तो एक कार्यकर्ता भीमसेन अरोड़ा ने मंच से ही कहा, राहुल जी, आम आदमी पार्टी से गठबंधन मत करना।


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