ट्रॉमा सेंटर के चिकित्सा अधीक्षक के बचाव में उतरे एम्स के डॉक्टर
एम्स ट्रॉमा सेंटर में चिकित्सा अधीक्षक को हटाने का फैसला फैकल्टी एसोसिएशन को रास नहीं आया।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली:
एम्स ट्रॉमा सेंटर में प्रशासनिक खामियों के मद्देनजर चिकित्सा अधीक्षक को हटाने का फैसला फैकल्टी एसोसिएशन को रास नहीं आया। फैकल्टी एसोसिएशन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के फैसले के विरोध और ट्रॉमा सेंटर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अमित लथवाल के बचाव में उतर आई है। एसोसिएशन ने एम्स निदेशक व संस्थान के सभी डॉक्टरों को पत्र लिखकर स्वास्थ्य मंत्री की कार्रवाई को गलत ठहराया है और इसे संस्थान की स्वायत्तता में दखल बताया है। इस वजह से आने वाले दिनों में संस्थान में प्रशासनिक बदलाव के मामले पर फैकल्टी एसोसिएशन व मंत्रालय के बीच टकराव बढ़ सकता है।
वैसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री एम्स के अध्यक्ष भी होते हैं। ऐसे में कई डॉक्टरों का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री के पास कार्रवाई करने का अधिकार है। पत्रकार तरुण सिसोदिया की मौत के मामले में एम्स द्वारा गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद शुक्रवार को डॉ. हर्षवर्धन ने एम्स ट्रॉमा सेंटर के चिकित्सा अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दिया है। एम्स प्रशासन ने अभी किसी दूसरे डॉक्टर को यह जिम्मेदारी नहीं सौंपी है। एम्स में बड़े पैमाने पर हो सकती है प्रशासनिक फेरबदल
डॉ. हर्षवर्धन ने एम्स में बडे़ पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल करने का इशारा भी किया है। इसके लिए उन्होंने एक अलग कमेटी भी बनाई है, जो 27 जुलाई तक उन्हें रिपोर्ट सौंपेगी। इस कमेटी की सिफारिशों के अनुसार, एम्स में प्रशासनिक बदलाव किए जाएंगे। ऐसे में लंबे समय से एक ही पद पर काबिज कई अधिकारियों पर गाज गिरने का डर सताने लगा है। इस बीच फैकल्टी एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इस मामले पर एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया के साथ बैठक भी की और उन्होंने कार्रवाई पर आपत्ति जताई है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राकेश यादव ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने सोशल मीडिया पर ट्रॉमा सेंटर के बारे में निराधार बयान दिया है।
लंबे समय एक ही पद पर काबिज हैं कुछ डॉक्टर
एम्स में कई डॉक्टर एक ही पद पर लंबे समय से काबिज हैं। रजिस्ट्रार, एसोसिएट डीन व सब डीन के पद पर भी लंबे समय से बदलाव नहीं हुआ है। इसके अलावा एम्स में विभागाध्यक्ष के पद पर रोटेशन सिस्टम लागू करने का प्रस्ताव भी लंबे समय से लंबित है। मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) में एक निश्चित समय अंतराल के बाद विभागाध्यक्ष बदल जाते हैं और दूसरे डॉक्टर को यह जिम्मेदारी संभालने का मौका दिया जाता है। एम्स में किसी डॉक्टर के विभागाध्यक्ष बनने पर उसके सेवानिवृत्ति के बाद ही दूसरे को मौका मिलता है।