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हड़ताल जारी, वकीलों ने कोर्ट परिसर के गेट किए बंद

राजधानी में मंगलवार को पुलिस के प्रदर्शन के बाद बुधवार को वकीलों ने जिला अदालतों में प्रदर्शन किया। हड़ताल जारी रखते हुए वकीलों ने कोर्ट परिसर में प्रवेश के गेट बंद कर दिए। जिस कारण विभिन्न मामलों की सुनवाई और पेशी पर आने वाले आम लोगों को भारी परेशानी हुई। लोगों ने घंटों गेट खुलने का इंतजार किया लेकिन वे मायूस होकर घर लौट गए। इनमें काफी संख्या में ऐसे लोग शामिल थे जो दिल्ली के बाहर से आए हुए थे लेकिन उन्हें बिना कोई काम हुए वापस लौटना पड़ा। इतना जरूर रहा कि उन्हें अगली तारीख मिल गई लेकिन इससे कोर्ट पहुंचने वाले नाखुश नजर आए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 09:17 PM (IST)Updated: Sat, 09 Nov 2019 06:40 AM (IST)
हड़ताल जारी, वकीलों ने कोर्ट परिसर के गेट किए बंद
हड़ताल जारी, वकीलों ने कोर्ट परिसर के गेट किए बंद

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : राजधानी में मंगलवार को पुलिसकर्मियों के प्रदर्शन के बाद बुधवार को वकीलों ने जिला अदालतों में प्रदर्शन किया। हड़ताल जारी रखते हुए वकीलों ने कोर्ट परिसर में प्रवेश के गेट बंद कर दिए। इससे विभिन्न मामलों की सुनवाई और पेशी पर आने वाले आम लोगों को काफी परेशानी हुई। लोगों ने गेट खुलने का घंटों इंतजार किया, लेकिन आखिर में मायूस होकर घर लौटना पड़ा। इनमें काफी संख्या में ऐसे लोग शामिल थे, जो दिल्ली के बाहर से आए हुए थे। हालांकि उन्हें अगली तारीख मिल गई है।

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पटियाला हाउस और साकेत कोर्ट परिसर के सभी गेटों पर वकीलों ने ताले जड़ दिए थे। जिस कारण कोर्ट में विभिन्न कार्यो से आने वाले लोगों को अंदर जाने का मौका तक नहीं मिला। तीस हजारी कोर्ट के गेट खुले रहे, लेकिन वकील हड़ताल पर रहे। जिन लोगों के मामलों की सुनवाई थी, उन्हें जाने दिया गया, लेकिन हड़ताल की जानकारी होने के चलते भीड़ सामान्य दिनों की अपेक्षा कम रही। राउज एवेन्यू कोर्ट में काम नहीं हुआ, लेकिन यहां आम जन नहीं आएं, क्योंकि यहां सामान्य मामलों की सुनवाई होने के बजाय विशेष मामलों की सुनवाई होती है।

द्वारका और रोहिणी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में लोगों की आवाजाही बेहद कम रही। वकीलों के हड़ताल पर होने के कारण जिन लोगों को तारीख मिली, उन्हें अब अगली तारीख दी गई। इनमें से अधिकांश ऐसे लोग थे जो दिल्ली के बाहर के थे। उन्हें दिल्ली में वकीलों की हड़ताल के बारे में पता नहीं था। ये लोग कोर्ट में उपस्थिति दर्ज कराने के बाद वापस चले गए। लोगों का कहना था कि यदि उन्हें हड़ताल के मामले की जानकारी होती तो वे तारीख पर आने से पहले ही अपने वकील से बात कर वस्तुस्थिति की जानकारी ले लेते।

कड़कड़डूमा कोर्ट में वकीलों की हड़ताल बुधवार को भी जारी रही। न्यायाधीशों ने कोर्ट में पहुंचकर काम किया, लेकिन कोई भी वकील कोर्ट रूम में नहीं गया। बहुत ही कम संख्या में वे लोग पहुंचे, जिनके केस कोर्ट में चल रहे हैं। कोर्ट ने मामले की सुनवाई किए बिना ही उन्हें केस की अगली तारीख दे दी।

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मेरा चेक बाउंस का केस कोर्ट में चल रहा है, बुधवार को केस की सुनवाई थी, लेकिन वकील हड़ताल थे, इस वजह से कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। अगली तारीख मिल गई, वकीलों की हड़ताल न होती तो केस आज ही निपट जाता।

संजीव जैन, कड़कड़डूमा

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मेरा भाई मारपीट सहित अन्य धाराओं में जेल में बंद है, उसकी रिहाई के लिए याचिका लगाई हुई है। लेकिन वकीलों की हड़ताल की वजह से याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट ने अगले महीने की तारीख दी है, तब तक भाई जेल में ही बंद रहेगा।

-शिवाली, बलबीर नगर


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