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एसीबी चीफ नियुक्ति मामला : आर-पार की लड़ाई लडऩे की तैयारी में दिल्ली सरकार

भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) पर अधिकार को लेकर हो रहे टकराव में दिल्‍ली सरकार ने अपना रुख साफ कर दिया है। अब वह इस लड़ाई को आर-पार के मूड में है। सरकार के जुड़े सूत्रों का कहना है कि दिल्ली के उपराज्यपाल, पुलिस से लेकर गृह मंत्रालय तक कानून लड़ाई

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sun, 14 Jun 2015 12:04 PM (IST)Updated: Sun, 14 Jun 2015 12:12 PM (IST)
एसीबी चीफ नियुक्ति मामला : आर-पार की लड़ाई लडऩे की तैयारी में दिल्ली सरकार

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) पर अधिकार को लेकर हो रहे टकराव में दिल्ली सरकार ने अपना रुख साफ कर दिया है। अब वह इस लड़ाई को आर-पार के मूड में है। सरकार के जुड़े सूत्रों का कहना है कि दिल्ली के उपराज्यपाल, पुलिस से लेकर गृह मंत्रालय तक कानून लड़ाई के दायरे में रहेंगे।

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दिल्ली सरकार व दिल्ली प्रशासन में जारी जंग फिलहाल थमती नजर नहीं आ रहा है। इस खींचतान से हालात अभी और बिगड़ सकते हैं। इस पूरे मामले का केंद्र बिन्दु एसीबी में ज्वाइंट सीपी मुकेश मीणा की चीफ के रूप में हुई नियुक्ति है। इस मामले में दिल्ली सरकार उप राज्यपाल नजीब जंग, दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी और दिल्ली के गृह सचिव रहे धर्मपाल के खिलाफ अदालत में अवमानना का केस दर्ज करा सकती है। दिल्ली सरकार इस बात को मजबूत मान कर चल रही है कि दिल्ली हाईकोर्ट एक आदेश में एसीबी को दिल्ली सरकार के अधीन बता चुकी है।


इस सब के बावजूद मीणा की नियुक्ति के लिए पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने फाइल चलाई। उपराज्यपाल ने भी उस फाइल को दिल्ली के गृह सचिव को भेजी। इस आदेश पर मीणा ने पदभार भी संभाल लिया। नियुक्ति गैर कानूनी और असंवैधानिक है। सूत्रों का कहना है कि एसीबी को कमजोर करने की साजिश की जा रही है। लिहाजा दिल्ली सरकार पर थोपे जा रहे आदेशों के खिलाफ सरकार अदालत का रूख कर सकती है।


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