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मधु कोड़ा के खिलाफ सजा का एलान कल

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में दोषी ठहराए गए झारखंड के

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Dec 2017 09:05 PM (IST)Updated: Thu, 14 Dec 2017 09:05 PM (IST)
मधु कोड़ा के खिलाफ सजा का एलान कल
मधु कोड़ा के खिलाफ सजा का एलान कल

-कोल ब्लॉक आवंटन घोटाला

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-झारखंड के पूर्व सीएम सहित पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार बसु भी हैं दोषी

-सभी दोषियों ने सजा में नरमी और जुर्माना न लगाए जाने की अपील की

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में दोषी ठहराए गए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा सहित अन्य के खिलाफ गुरुवार को सजा पर बहस के बाद विशेष सीबीआइ अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। अदालत शुक्रवार (16 दिसंबर) को सजा सुनाएगी। कोड़ा के साथ इस मामले में पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार बसु, कोड़ा के करीबी विजय जोशी व कोलकाता की कंपनी विनी आयरन स्टील एंड उद्योग लिमिटेड (वीआइएसयूएल) को भी दोषी ठहराया गया है। यह मामला झारखंड के पलामू स्थित राजहरा नॉर्थ कोल ब्लॉक का आवंटन वीआइएसयूएल को देने में अनियमितता से जुड़ा है।

गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष सीबीआइ अदालत में मधु कोड़ा समेत अन्य दोषियों की तरफ से पेश हुए वकीलों ने बीमारी व अन्य वजहों का हवाला देते हुए कोर्ट से सजा में नरमी बरतने की अपील की। जिन धाराओं के तहत दोष तय किए गए हैं उनमें न्यूनतम एक वर्ष व अधिकतम सात साल की सजा व जुर्माने का प्रावधान है। स्पेशल सीबीआइ जज भरत पराशर के समक्ष पेश हुए मधु कोड़ा ने कहा कि वह 46 साल के हैं। उन्हें हाईपरटेंशन व बहुत सारी बीमारिया हैं। उनकी पत्नी व दो नाबालिग बेटियां हैं। वह हमेशा ट्रायल के दौरान उपस्थित रहे हैं। लिहाजा, सजा में नरमी बरती जाए।

वहीं, एचसी गुप्ता ने कहा कि उनकी उम्र 70 साल है। एक बेटा है जिसकी शादी नहीं हुई है। उनके खिलाफ कभी भी विभागीय जांच नहीं हुई है। उनकी पेंशन से ही घर का खर्च चलता है। उन्हें डर है कि सजा के बाद पेंशन बंद न हो जाए। उन्होंने कहा कि उन पर 50 हजार रुपये से ज्यादा जुर्माना न लगाया जाए। इसी तरह अशोक कुमार बसु व जोशी के वकीलों ने उन पर पूर्व में कोई आपराधिक मामला न होने, घर में इकलौते कमाऊ व बीमारी का हवाला देते हुए कम से कम सजा एवं जुर्माना लगाने की अपील की। वीआइएसयूएल का तर्क था कि उसकी आर्थिक हालत ठीक नहीं है, उस पर जुर्माना न लगाया जाए।

सीबीआइ ने सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी सजा की अपील की। जांच एजेंसी ने कहा कि यह भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। लिहाजा, कोर्ट ऐसा फैसला दे जिससे समाज में एक संदेश जाए और आम नागरिकों के बीच उदाहरण पेश हो। उसने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व में भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में दिए गए फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे मामलों में दोषियों को सजा में नरमी देने का कोई आधार नहीं है। भ्रष्टाचार जैसे मामले में दोषियों को सख्त सजा दी जाए, ताकि लोगों का भरोसा कोर्ट पर बना रहे।


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