वीआइएसयूएल कंपनी पर लगे जुर्माने पर कोर्ट ने लगाई रोक
कोयला घोटाला मामले में पटियाला हाउस स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत द्वारा कोलकाता की विनी आयरन एंड स्टील उद्योग (वीआइएसयूएल) कंपनी पर लगाए गए 50 लाख रुपये के जुर्माने पर शुक्रवार को हाई कोर्ट ने रोक लगा दी। न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा ने जुर्माने पर 22 जनवरी तक रोक लगाते हुए सीबीआइ से मामले में जवाब मांगा है। कोर्ट का यह आदेश कंपनी द्वारा निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में दायर अपील पर आया।
-कोल ब्लॉक आवंटन घोटाला
-हाई कोर्ट ने सीबीआइ से मांगा मामले में जवाब
-16 दिसंबर को मधु कोड़ा समेत अन्य आरोपियों को सुनाई गई थी सजा
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले मामले में पटियाला हाउस स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत द्वारा कोलकाता की विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (वीआइएसयूएल) कंपनी पर लगाए गए 50 लाख रुपये के जुर्माने पर शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगा दी। न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा ने जुर्माने पर 22 जनवरी तक रोक लगाते हुए सीबीआइ से मामले में जवाब मांगा है। कोर्ट का यह आदेश कंपनी द्वारा निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में दायर अपील पर आया।
वहीं, कोर्ट ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के करीबी विजय जोशी की अपील याचिका पर सीबीआइ से जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई पूरी होने तक जोशी की सजा पर रोक लगाई और एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। जमानत देते हुए कोर्ट ने जोशी को निर्देश दिया कि अपील पर सुनवाई पूरी होने तक वह देश छोड़कर बाहर नहीं जाएंगे।
ज्ञात हो कि झारखंड के राजहरा उत्तरी कोयला ब्लॉक आवंटन में हुए 1.86 लाख करोड़ के कोयला घोटाले में 16 दिसंबर को पटियाला हाउस स्थित विशेष सीबीआइ न्यायाधीश भरत पराशर ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार बसु, विनी आयरन एंड स्टील उद्योग (वीआइएसयूएल) कंपनी के डायरेक्टर विजय जोशी को 3-3 साल की सजा सुनाई थी है। साथ ही कोड़ा व जोशी पर 25-25 लाख, गुप्ता व बसु पर 1-1 लाख व कंपनी पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगया था।