गुरु पूर्णिमा पर दिखाई गई सत्यजीत रे पर बनी फिल्म 'ए रे ऑफ जीनियस'
गुरु पूर्णिमा पर सत्यजीत रे पर बनी फिल्म ए रे ऑफ जीनियस का आनलाइन प्रीमियर हुआ।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली:
गुरु पूर्णिमा पर सत्यजीत रे पर बनी फिल्म 'ए रे ऑफ जीनियस' का आनलाइन प्रीमियर हुआ। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आइजीएनसीए) द्वारा प्रदर्शित इस फिल्म में सत्यजीत रे की जिदगी व फिल्मी सफर से दर्शक रूबरू हुए। फिल्मों से इतर ग्राफिक आर्टिस्ट, लेखक, कैलीग्राफी के उनके कौशल के बारे में भी विस्तार से बताया गया। श्वेत श्याम व रंगीन तस्वीरों व वीडियो की मदद से यह फिल्म बनाई गई। करीब सात मिनट की फिल्म को बड़ी संख्या में दर्शकों ने देखा व पसंद किया।
आइजीएनसीए निदेशक आर ए रंगनेकर ने बताया कि गुरु पूर्णिमा पर हम युवाओं को सत्यजीत रे की जिदगी से रूबरू कराना चाहते थे। नई पीढ़ी को सिनेमा में उनके योगदान के अलावा उनके व्यक्तित्व को जानना चाहिए। फिल्म में सत्यजीत रे के फिल्में बनाने के दौरान के दृश्य भी है और फिल्मी ²श्य भी। पाथेर पांचाली के अलावा चारूलता, अपराजितो (1956 ),पारस पत्थर (1958) ,जलसाघर (1958) ,अपूर संसार (1959) ,देवी (1960) ,महानगर (1963) ,चारुलता (1964) ,सोनार केला (1974) ,पीकू (1980) और गणशत्रु (1989) फिल्मों के नायाब मोती है। सत्यजीत रे पर बनी फिल्म राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अनिरुद्ध रॉय चौधरी और अर्घ्य कमल मित्रा द्वारा बनाई गई है। अनिरुद्ध रॉय चौधरी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जब हमें सत्यजीत रे के लिए एक श्रद्धांजलि फिल्म बनाने हेतू संपर्क किया गया, तो बड़ी चुनौती यह थी कि हम मुंबई में थे, ज्यादातर स्त्रोत कोलकाता में थे और भारत में लॉकडाउन था। हमने बहुत ही चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में इसे बनाया है।