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पराली के धुएं की 42 फीसद 'गंभीर' हिस्सेदारी

दिल्ली में प्रदूषण में बृहस्पतिवार को पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से निकले धुएं की हिस्सेदारी 42 फीसद तक पहुंच गई। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता निगरानी संस्था सफर के मुताबिक यह इस सीजन का सर्वाधिक स्तर है जब राजधानी में वायु गुणवत्ता का स्तर और गिर गया है। प्रदूषण का गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Nov 2020 06:27 PM (IST)Updated: Thu, 05 Nov 2020 06:27 PM (IST)
पराली के धुएं  की 42 
फीसद 'गंभीर' हिस्सेदारी
पराली के धुएं की 42 फीसद 'गंभीर' हिस्सेदारी

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली के प्रदूषण में बृहस्पतिवार को पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से निकले धुएं की हिस्सेदारी 42 फीसद तक पहुंच गई। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता निगरानी संस्था सफर के मुताबिक यह इस सीजन का सर्वाधिक स्तर है जब राजधानी में वायु गुणवत्ता का स्तर और गिर गया है। प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है।

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सफर ने कहा कि हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और यह इस साल के सर्वाधिक स्तर (4,135) पर है। सफर का कहना है कि निचले स्तर पर हवा की गति, धूल उड़ना और कम आर्द्रता जैसे कुछ अन्य कारण भी हैं जिनके कारण प्रदूषण के लिहाज से हालात प्रतिकूल हैं। हालांकि सफर के अनुसार एक सकारात्मक संकेत यह है कि शुक्रवार को हवा की दिशा में फिर से बदलाव हो सकता है। उस सूरत में एयर इंडेक्स कुछ नीचे आ सकता है।

एजेंसी ने कहा कि एयर क्वालिटी इंडेक्स में शुक्रवार को थोड़ा सुधार होने की उम्मीद है। शनिवार तक वायु गुणवत्ता में थोड़ा और सुधार होने की उम्मीद है जो बहुत खराब स्तर की श्रेणी में भी हो सकती है।


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