देश में संस्कृत मृत भाषा नहीं है : प्रो. तेजपाल शर्मा
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: विश्व संस्कृत दिवस के उपलक्ष्य में जारी संस्कृत सप्ताह के दौरान रविवार
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली:
विश्व संस्कृत दिवस के उपलक्ष्य में जारी संस्कृत सप्ताह के दौरान रविवार को राजधानी में संस्कृत वाहन शोभायात्रा निकाली गई। इस शोभायात्रा की शुरुआत इंडिया गेट से हुई और इसमें शामिल संस्कृत के विद्वान राजघाट तक गए। जहां एकत्र हुए संस्कृत के जानकारों ने संस्कृत में इस भाषा के प्रचार-प्रसार और महत्व को लेकर अपने विचार व्यक्त किए।
संस्कृत भारती के नेतृत्व में देश के विभिन्न संस्कृत भाषा से जुडे़ संस्थानों व संगठनों के प्रयास से आयोजित इस शोभा यात्रा में मुख्य अतिथि के तौर शामिल हुए जगन्नाथ संस्कृत विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. तेजपाल शर्मा ने अपने विचार व्यक्त किए। प्रो. तेजपाल ने कहा कि राजधानी में जुटे संस्कृत प्रेमियों की संख्या ने साबित कर दिया है कि देश में संस्कृत मृत भाषा नहीं है बल्कि इसे बोलने समझने वाले लोग अब भी अपने-अपने क्षेत्र में इसके प्रचार प्रसार के लिए कार्यरत हैं। कार्यक्रम में संस्कृत भारती के दिल्ली प्रांत के संगठन मंत्री सुधिष्ठ कुमार मिश्र ने भी हिस्सा लिया।
इस कार्यक्रम के सह संयोजक गवीश द्विवेदी ने कहा कि भारत सरकार की ओर से लगातार संस्कृत के प्रचार प्रसार की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं और हमें इस बात का संतोष है कि सरकार की ओर से तैयार की जा रही नई शिक्षा नीति में इस भाषा पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। इस मौके पर गवीश ने बताया कि आज देश में संस्कृत के प्रचार प्रसार को लेकर किस तरह का काम हो रहा है इसका पता इस बात से चल जाता है कि आज देश में ऐसे कई केंद्र चल रहे हैं जहां मात्र 20 घंटे के प्रशिक्षण में लोगों को संस्कृत में बोलचाल का हुनर सिखाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रयास के अंतर्गत करीब 10 लाख लोग प्रशिक्षण पा रहे हैं। कार्यक्रम में शामिल वक्ताओं का कहना था कि हमें अंग्रेजी, हिंदी व अन्य किसी भाषा से ऐतराज नहीं है बस हमारी मांग है कि संस्कृत को भी देश में महत्व मिले।