World Cup 2019: बलि का बकरा बने कुलदीप यादव, विराट के 'चहल' प्रेम ने किया टीम से बाहर
CWC 2019 अच्छे प्रदर्शन के बावजूद कुलदीप यादव को बांग्लादेश के खिलाफ ड्रॉप कर दिया गया।
अभिषेक त्रिपाठी, बर्मिघम। भले ही इंग्लैंड में टीम इंडिया किसी के भी कारण टेस्ट सीरीज हारे, भले ही इंग्लैंड के खिलाफ विश्व कप मुकाबले में युजवेंद्रा सिंह चहल बिना विकेट लिए 88 रन खर्च करके इस टूर्नामेंट में एक पारी में सबसे ज्यादा रन खर्च करने वाले भारतीय गेंदबाज बनें, भले ही वह पिछले साल आयरलैंड व इंग्लैंड के खिलाफ चार टी-20 में सबसे ज्यादा 12 विकेट ले चुके हों, लेकिन जब भी टीम में बदलाव की जरूरत होगी तो कुलदीप यादव को ही बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा और ऐसा ही मंगलवार को बांग्लादेश के खिलाफ हुए मुकाबले में भी दिखाई दिया।
जहां टीम इंडिया को चहल को बाहर का रास्ता दिखाना था, वहां कप्तान विराट कोहली ने अपनी आइपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) के गेंदबाज को बचाया और चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप की जगह तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार को अंतिम-11 में जगह दी। भारत ने इस मैच के लिए एक बदलाव और किया। इसमें केदार जाधव की जगह दिनेश कार्तिक को मौका दिया गया। इंग्लैंड के खिलाफ हार के बाद भारतीय टीम दबाव में थी और उसे सही संयोजन खोजना था और इस खोज में उसने जाधव के साथ कुलदीप को बलि का बकरा बनाना उचित समझा।
कलाई के स्पिनर चहल ने रविवार को बर्मिघम के ही एजबेस्टन स्टेडियम में इंग्लैंड के खिलाफ 10 ओवर में 88 रन दिए। इंग्लिश बल्लेबाजों ने उनके ओवरों में सात चौके और छह छक्के लगाए। कोई ऐसा ओवर नहीं गया जब ऐसा लगा हो कि वह विपक्षी टीम पर दबाव बनाने की स्थिति में हों। वहीं, कुलदीप ने 10 ओवर में 72 रन दिए और जेसन रॉय का विकेट गिराया। रॉय का विकेट गिरने के बाद ही इंग्लैंड का रन रेट कम हुआ और 360 की ओर बढ़ रही मेजबान टीम 337 रनों पर सीमित हो गई। हालांकि, इसके बावजूद भारतीय टीम वह मैच 31 रनों से हार गई। कुलदीप के ओवरों में पांच चौके और तीन छक्के लगे। यही नहीं, इंग्लैंड के मुकाबले में चहल और कुलदीप में कौन बेहतर था इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चहल के नौवें और मैच के 40वें ओवर में बेन स्टोक्स ने रिवर्स स्लॉग स्वीप के जरिये छक्का मारा, जो आम बात नहीं है।
चहल के अगले ओवर में स्टोक्स ने सबसे लंबे काऊ कॉर्नर पर छक्का और रूट ने चौका लगाया। वहीं, अपने शुरुआती चार ओवरों में 46 रन देने वाले कुलदीप ने आखिरी छह ओवर में सिर्फ 26 रन देकर इंग्लैंड के स्कोर पर लगाम लगाई और चहल से बेहतर गेंदबाजी की। बेयरस्टो और रॉय के अलावा कोई बल्लेबाज उनको मार नहीं सका। वहीं, चहल को हर बल्लेबाज ने उधेड़ा। 24 वर्षीय कुलदीप ने 50 वनडे में 4.93 की इकॉनमी और 23.59 के औसत से 92 विकेट लिए हैं, जबकि चहल ने इस मैच से पहले 47 वनडे में 5.04 के इकॉनमी और 25.62 के औसत से 82 विकेट लिए हैं। हालांकि, इस विश्व कप में चहल ने 10 विकेट लिए हैं, जबकि कुलदीप ने पांच विकेट लिए हैं। हालांकि, विराट ने इस दौरान उन्हें 10 से 40 ओवर के बीच गेंदबाजी कराई जिसमें विकेट कम मिलते हैं।
पहले भी हुआ है ऐसा : ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब कुलदीप बलि का बकरा बने हैं। पिछले साल जब भारतीय टीम आयरलैंड और इंग्लैंड के दौरे पर गई थी तो कुलदीप ने आयरलैंड के खिलाफ पहले टी-20 में चार, दूसरे में तीन, इंग्लैंड के खिलाफ पहले टी-20 में पांच और दूसरे में कोई विकेट नहीं लिया। वहीं, चहल ने इन चार मैचों में क्रमश: तीन, तीन, शून्य और एक विकेट लिया। इसके बावजूद ब्रिस्टल में हुए तीसरे टी-20 में कुलदीप को यह कहकर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया कि यहां का मैदान छोटा है इसलिए उसके आकार को देखकर उन पर ज्यादा रन बनेंगे, जबकि वह इससे पहले के चार मैचों में 12 विकेट ले चुके थे। वहीं, चहल को इस मैच में भी मौका दिया गया और उन्होंने चार ओवर में 30 रन खर्च किए और कोई विकेट नहीं लिया। इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ तीन वनडे में कुलदीप ने क्रमश: छह, तीन और शून्य विकेट लिए वहीं चहल ने एक, तीन और शून्य विकेट लिया।
इंग्लैंड के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मैच में भारत के टेस्ट स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को उतारा और दूसरे टेस्ट में लॉर्ड्स की तेज गेंदबाजों की पिच पर टीम प्रबंधन ने खराब फैसला लेते हुए दो स्पिनर उतारने का फैसला किया। बारिश के कारण इस मैच का टॉस भी दूसरे दिन हुआ और भारतीय प्रबंधन को छोड़कर सबको पता था कि नमी से ओतप्रोत इस पिच पर दो स्पिनर नहीं उतारने चाहिए तब भी रवि शास्त्री और विराट ने अश्विन और कुलदीप को उतारने का फैसला किया। इस मैच में कुलदीप से सिर्फ नौ ओवर गेंदबाजी कराई गई और ट्रेंट ब्रिज में हुए तीसरे टेस्ट में बिना उतारे ही उन्हें मुरली विजय के साथ वापस भारत भेज दिया गया। विशेष तरह की गेंदबाजी करने वाले और पूरी दुनिया के बल्लेबाजों को डराने वाले कुलदीप को लेकर उस समय शेन वार्न ने भी कहा था कि यह भारत की गलती है। भारत को साउथैंप्टन और ओवल में आखिरी दो टेस्ट मैचों में उनकी कमी खलेगी और वैसा ही हुआ। अनफिट अश्विन कुछ नहीं कर पाए और आखिरी दो टेस्ट में भारत को हार का सामना करना पड़ा।