जहीर बिना दिल्ली और टाइ बिना गुजरात की टीमों के बीच होगी भिड़ंत
जहीर फिट नहीं हैं और उनके खेलने पर संशय है।
नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। थकी हुई दिल्ली डेयरडेविल्स ने विजयी घर वापसी जरूर कर ली है, लेकिन उसे इस एक जीत पर न ही इतराना चाहिए और न ही बहुत ज्यादा खुश होना चाहिए। क्योंकि उसने शुरुआत में जो खराब प्रदर्शन किया है उससे उसका पीछा नहीं छूटने वाला है। कहते हैं कि पिछले जन्म के पाप पीछा नहीं छोड़ते। कुछ ऐसा ही आइपीएल-10 में दिल्ली की टीम के साथ हो रहा है। उसने अपने शुरुआती आठ में से छह मैच गंवाकर इतनी खराब नींव बनाई कि उसके लिए इस सत्र के प्लेऑफ में पहुंचना बहुत ही मुश्किल हो गया है।
गुजरात से होगी भिड़ंत
दिल्ली ने लगातार पांच हार के बाद हैदराबाद सनराइजर्स के खिलाफ छह विकेट से जीत हासिल की। इसके बाद उनके गेंदबाज अमित मिश्रा ने कहा कि हमारी प्लेऑफ में पहुंचने की उम्मीदें बरकरार हैं। मैं उनसे यही कहना चाहूंगा कि आपकी उम्मीदें बरकरार नहीं हैं, बल्कि डेयरडेविल्स के प्लेऑफ में नहीं पहुंचने की बात पुष्ट होने में थोड़ा और समय मिल गया है। टीम को गुरुवार को अपने अगले मैच में अपने ही मैदान में गुजरात लायंस से भिड़ना है।
गुजरात के पास बल्लेबाजों की कमी नहीं है, लेकिन ब्रेंडन मैकुलम (318 रन), सुरेश रैना (318 रन), दिनेश कार्तिक (221), एरोन फिंच (199), इशान किशन (149), ड्वेन स्मिथ (94) जैसे बल्लेबाजों के बावजूद वह नीचे से दूसरे स्थान पर है। उसके ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज एंड्रयू टाइ के कंधे की चोट के कारण बाहर होने का टीम पर असर हुआ है। लायंस के लिए प्लेऑफ में पहुंचना लगभग नामुमकिन लग रहा है।
जहीर का चोटिल होना फायदेमंद
चोटिल होने के कारण दिल्ली के मुख्य कप्तान जहीर खान दो मैच में नहीं खेल पाए। करुण नायर ने दोनों मैचों में कप्तानी की, जिसमें एक में टीम 70 से कम पर ऑलआउट हुई जबकि दूसरे में 189 रन बनाकर टीम ने जीत हासिल की। युवा कप्तान के होने के कारण कुछ अच्छे या खराब फैसले हो सकते हैं लेकिन इससे बदलाव आता है और टीम को नई ऊर्जा मिलती है।
जहीर फिट नहीं हैं और उनके खेलने पर संशय है। दिल्ली को अपने बचे हुए पांच में से चार मैच घरेलू मैदान पर खेलने हैं। दिल्ली के लिए क्रिस मॉरिस और मोहम्मद शमी तुरुप का इक्का हैं। कुल मिलाकर जिन दो टीमों के बीच मुकाबला है उन दोनों के ही प्लेऑफ में पहुंचने की उम्मीद कम है। इस मैच में कोई जीतेगा, कोई हारेगा। इससे एक टीम की उम्मीदें पूरी तरह खत्म हो जाएंगी जबकि एक की कुछ और दिन के लिए बरकरार रहेंगी।