नीतिश राणा ने ठोका तूफानी शतक, एक दिन में 300 से ज्यादा रन बनाकर दिल्ली ने जीता मैच
Nitish Rana Century बुधवार को समाप्त हुए एक रणजी मैच में दिल्ली की ओर से नीतिश राणा ने तूफानी शतक जड़ा और अपनी टीम को जीत दिलाई।
नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। लगातार दो बार की रणजी चैंपियन विदर्भ ने जब दिल्ली के खिलाफ ग्रुप-ए के मुकाबले के तीसरे दिन अपनी दूसरी पारी 330 रन पर घोषित कर मेजबानों को 347 रनों का लक्ष्य दिया था तो अरुण जेटली स्टेडियम में मौजूद दर्शक, दोनों टीमों के खिलाड़ी, राष्ट्रीय चयनकर्ता और मेजबान टीम के चयनकर्ताओं को भी लग रहा था कि अब मैच दिल्ली के लिए बचाना आसान नहीं होगा लेकिन बुधवार को नीतिश राणा ने जो किया उसने सबको गलत साबित कर दिया।
दिल्ली की टीम बुधवार की सुबह दूसरी पारी में 10 रन से आगे खेलने उतरी। पहली पारी में 163 रन पर आउट होने वाली इस टीम के लिए यह नई सुबह थी और नीतिश उसके लिए सूरज बनकर आए। उन्होंने सिर्फ 68 गेंद में सात छक्कों और आठ चौकों की मदद से नाबाद 105 रन की पारी खेलकर अपनी टीम को हार से ही नहीं बचाया बल्कि सीधी जीत दिला दी। इससे दिल्ली ने 73 ओवर में चार विकेट पर ही लक्ष्य हासिल कर लिया।
दिल्ली ने छह विकेट से यह मुकाबला जीता। विदर्भ ने पहली पारी में 179 रन बनाए थे जवाब में मेजबान टीम 163 रन पर ढेर हो गई थी और मेहमान टीम ने 16 रन की बढ़त ली थी। इसके बाद दूसरी पारी में विदर्भ ने तीन विकेट पर 330 रनों पर पारी घोषित की थी। दिल्ली ने अपनी दूसरी पारी में 347 रनों का लक्ष्य हासिल कर लिया।
प्रतिभा के धनी
इस मैच में पहली पारी में विदर्भ के गेंदबाज अदित्य ठाकरे का बोलबाला रहा था जिन्होंने सात विकेट लेकर मेजबान टीम के बल्लेबाजों की एक नहीं चलने दी थी लेकिन बुधवार को नीतिश पर किसी का कोई असर नहीं पड़ा और वह अपने शानदार कट, पुल शॉटों से सभी का दिल जीतते रहे। आइपीएल में कोलकाता नाइटराइडर्स के लिए खेलने वाले राणा की प्रतिभा को देखते हुए बीसीसीआइ ने उन्हें 2018-19 में घरेलू सीमित ओवरों के क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंड खेल के लिए लाला अमरनाथ पुरस्कार दिया था।
नीतिश का दिन
मैन ऑफ द मैच नीतिश जब क्रीज पर आए तो दिल्ली का स्कोर एक विकेट पर 163 रन था और उन्होंने शुरुआत से अपने आक्रामक तेवरों से गत विजेता विदर्भ के खेमे में हलचल मचा दी। नीतिश ने 26 गेंदों में 50 रन पूरे किए। उनको रोकने की विदर्भ की सभी कोशिशें नाकाम साबित हुई। जब टीम को जीत के लिए पांच रनों की दरकार थी तो उन्होंने छक्का जड़कर अपनी टीम को जीत दिलाई।
नीतिश का विदर्भ से लगाव
नीतिश ने रणजी करियर का पदार्पण 2015 में विदर्भ के खिलाफ ही किया था और उस मैच में उन्होंने 61 रन बनाए थे। दिल्ली ने वह मैच अपने घर में 10 विकेट से जीता था। राणा ने 2017 के रणजी फाइनल में विदर्भ के खिलाफ दूसरी पारी में 64 रन बनाए थे। हालांकि वह मैच दिल्ली हार गई थी। जहां तक इस मैच की बात है तो नीतिश ने विदर्भ के खिलाफ मुख्य स्पिनर अक्षय वाखरे को निशाना बनाया। वाखरे ने नौ ओवर में 64 रन खर्च किए। विदर्भ के कोच चंद्रकांत पंडित ने पहली पारी में दिल्ली के बल्लेबाजों का फ्लॉप शो देखकर दूसरी पारी को घोषित करके मैच जीतने के लिए जुआ खेला, लेकिन वह हार गए। नीतिश जब क्रीज पर आए थे तो विदर्भ के कप्तान फैज फजल ने उनके लिए सात खिलाड़ी ऑफ साइड में खड़े किए लेकिन उनकी यह नकारात्मक रणनीति भी फेल हो गई।
मजबूत साझेदारी
दिल्ली की टीम बुधवार को बिना विकेट खोए 10 रन से आगे खेलने उतरी। कुणाल चंदीला (75) और हितेन दलाल (82) की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 163 रन जोड़कर टीम को शानदार शुरुआत दिलाई। रजनीश गुरबानी ने 49वें ओवर में हितेन को पवेलियन भेजकर इस साझेदारी को तोड़ा। आदित्य ठाकरे के अगले ओवर में कुणाल भी विकेटकीपर को कैच दे बैठे जिससे टीम का स्कोर दो विकेट पर 169 रन हो गया। राणा ने इसके बाद कप्तान ध्रुव शौरी (44) के साथ तीसरे विकेट के लिए सिर्फ 14.5 ओवर में 118 रन की साझेदारी करके टीम को लक्ष्य के करीब पहुंचाया। अक्षय वाखरे ने इसके बाद शौरी और ललित यादव (07) को आउट किया। राणा ने इसके बाद अपना छठा प्रथम श्रेणी शतक पूरा किया और अनुज रावत (नाबाद 18) के साथ मिलकर टीम को लक्ष्य तक पहुंचाया। दिल्ली की इस सत्र की यह दूसरी जीत है। उसे इससे छह अंक मिले। टीम के पांच मैचों में 16 अंक हो गए हैं। विदर्भ के इतने ही मैचों में 17 अंक हैं।
दिल्ली की टीम के बल्लेबाज नीतिश राणा ने कहा, "मैंने हमारे कोच को भरोसा दिलाया था कि 75 ओवर में लगभग 320 रन हमे बनाने हैं तो हम जरूर जीतेंगे। मेरी यह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ पारी है। मैं इंदौर में 2017 के फाइनल को नहीं भूला हूं जब विदर्भ ने हमसे मैच छीनकर जीत हासिल कर ली थी। मैं जानता हूं कि मैं स्पिनरों के खिलाफ लंबे शॉट खेल सकता हूं। मैं लोगों की सलाह को सुनता हूं जो कहते हैं कि मुझे अपने खेल में बदलाव करना चाहिए लेकिन यह मेरा खेलने का तरीका है और इसे मैं पसंद करता हूं।"
गुजरात ने पंजाब को 110 रन से हराया
वलसाड़ : गुजरात के 220 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए पंजाब की टीम 109 रन पर ढेर हो गई। पंजाब की टीम बुधवार को चार विकेट पर 87 रन से आगे खेलने उतरी लेकिन अर्जन नागवसवाला (5/50) और चिंतन गजा (4/35) की धारदार गेंदबाजी के सामने 22 रन जोड़कर उसने बाकी बचे छह विकेट भी गंवा दिए। पंजाब की ओर से गुरकीरत सिंह (34) की 30 रन के आंकड़े को पार कर पाए। गुजरात को इस जीत से छह अंक मिले। टीम के पांच मैचों में 19 अंक हो गए हैं। पंजाब के छह मैचों में 18 अंक हैं।
गोवा ने चंडीगढ़ को ड्रॉ पर रोका
सलामी बल्लेबाज सुमिरन अमोनकर और अमूल्य पेंड्रेकर के अर्धशतक से गोवा ने रणजी ट्रॉफी प्लेट ग्रुप मैच के चौथे और अंतिम दिन बुधवार को चंडीगढ़ को जीत से वंचित किया। पहली पारी में 329 रन से पिछड़ने के बाद गोवा ने दूसरी पारी में छह विकेट पर 253 रन बनाकर मैच ड्रॉ कराया। अमोनकर ने 64 जबकि पेंड्रेकर ने 60 रन की पारी खेली। विकेटकीपर स्मिट पटेल ने भी 40 रन बनाए। अमोनकर ने 290 गेंद का सामना करते हुए सात चौके मारे जबकि पेंड्रेकर ने 183 गेंद की पारी में आठ चौके जड़े। दोनों ने बेहद धीमी बल्लेबाजी करते हुए 60.2 ओवर में तीसरे विकेट के लिए 113 रन जोड़े। चंडीगढ़ को पहली पारी में बढ़त के आधार पर तीन जबकि गोवा को एक अंक मिला। गोवा छह मैचों में 30 अंक के साथ दूसरे जबकि चंडीगढ़ इतने ही मैचों में 26 अंक के साथ तीसरे स्थान पर है।