क्रिकेट के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा, 12वें खिलाड़ी ने बल्लेबाजी कर बदला मैच का नतीजा
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के 140 साल से ज्यादा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब 12वें खिलाड़ी ने बल्लेबाजी की और मैच का नतीजा ही बदल दिया।
लंदन, रायटर। तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर की रफ्तार, दिग्गज बल्लेबाज स्टीव स्मिथ का जुझारूपन, बेन स्टोक्स का लंबे समय बाद शतक और बारिश का खलल। क्या कुछ नहीं था इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच लंदन के लॉर्ड्स मैदान पर खत्म हुए एशेज सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में। इंग्लैंड की टीम के मैच के पांचवें दिन रविवार को जीत की भरपूर कोशिश करने के बावजूद मेहमान टीम यह टेस्ट मैच बचाने में कामयाब रही।
इंग्लैंड की टीम ने बेन स्टोक्स के शतक के बाद अपनी पारी पांच विकेट पर 258 रनों पर घोषित करके ऑस्ट्रेलिया को जीतने के लिए 267 रनों का लक्ष्य दिया। जवाब में इंग्लैंड आखिरी दिन का खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया के छह विकेट ही निकाल सकी और यह मैच ड्रॉ हो गया। स्थानापन्न बल्लेबाज मार्नस लाबुशाने की 59 रन की पारी और ट्रेविस हेड के उपयोगी 42 रनों एवं दोनांे के बीच चौथे विकेट के लिए 85 रन की साझेदारी की बदौलत ऑस्ट्रेलियाई टीम यह मैच ड्रॉ कराने में सफल रही। पांच टेस्ट की सीरीज में ऑस्ट्रेलिया ने 1-0 की बढ़त बनाई हुई है।
267 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत बेहद खराब रही। तेज गेंदबाज आर्चर ने पहली ही गेंद से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों पर आक्रमण शुरू कर दिया। फॉर्म से बाहर चल रहे डेविड वार्नर आर्चर की तेज गेंदों के आगे जूझते दिखे। नतीजा यह रहा कि चौथे ही ओवर में इंग्लैंड को उनके रूप में पहला विकेट मिल गया। आर्चर ने उन्हें मात्र पांच रनों पर पवेलियन भेजा। इसके बाद उस्मान ख्वाजा भी आर्चर की बाहर जाती गेंद पर गच्चा खा गए और विकेट के पीछे जॉनी बेयरस्टो ने उनका कैच लपककर उन्हें पवेलियन भेज दिया। दो विकेट गंवा चुकी ऑस्ट्रेलिया को संभालने अब चौथे नंबर पर मार्नस लाबुशाने आए।
आर्चर ने पहली ही गेंद पर लाबुशाने को चारों खाने चित करके अपने कद का अहसास कराया। आर्चर की बाउंसर गेंद पर चोटिल होने के बाद लाबुशाने को दूसरी पारी में स्थानापन्न खिलाड़ी के तौर पर बल्लेबाजी करने का मौका मिला और पहली ही गेंद आर्चर ने लाबुशाने को बाउंसर फेंकी। यह गेंद लाबुशाने के हेलमेट पर जाकर लगी और लाबुशाने मैदान पर गिर पड़े। स्मिथ के साथ हुई घटना के बाद पूरा ऑस्ट्रेलियाई और इंग्लैंड का खेमा इस दृश्य को देखकर हतप्रभ रह गया। आर्चर को छोड़कर मैदान पर मौजूद इंग्लैंड के सभी खिलाड़ी लाबुशाने के पास उनका हाल जानने पहुंचे। यह गेंद इतनी तेज थी कि लाबुशाने का हेलमेट भी अंदर से टूट गया जिसके बाद उन्हें दूसरा हेलमेट मंगवाना पड़ा।
हालांकि, इसके बाद दोनों ही खिलाड़ी चायकाल तक विकेट बचाने में कामयाब रहे, लेकिन इसके बाद इंग्लैंड के गेंदबाजों ने अपनी पकड़ बनानी शुरू की। कैमरन बेनक्राफ्ट को स्पिनर जैक लीच ने 18 रनों पर पवेलियन भेजा। इस बीच स्मिथ की जगह बल्लेबाजी कर रहे लाबुशाने अपना चयन सही साबित करने में कामयाब रहे। उन्होंने संघर्ष दिखाते हुए र्धशतक पूरा किया, लेकिन उनका भाग्य ने साथ नहीं दिया। लीच की गेंद पर स्वीप खेलने के चक्कर में फॉरवर्ड शॉर्ट लेग पर खड़े बटलर की थाई से लगकर गेंद हवा में उछल गई और मिडविकेट पर खड़े कप्तान जो रूट ने उनका शानदार कैच लपककर उन्हें पवेलियन का रास्ता दिखाया।
लाबुशाने ने 100 गेंद में आठ चौकों की मदद से 59 रन बनाए। इसके बाद लीच ने मैथ्यू वेड को भी एक रन पर पवेलियन का रास्ता दिखाया। कप्तान टिम पैन भी आर्चर की गेंद पर चार रन बनाकर चलते बने। अंत में ट्रेविस हेड और पैट कमिंस ने कोई विकेट नहीं गिरने दिया। तीन अनिवार्य गेंद बचने से पहले दोनों टीमों की सहमति से मैच ड्रॉ हो गया। तब ऑस्ट्रेलिया के छह विकेट पर 154 रन बने थे।
इससे पहले, चौथे दिन के स्कोर चार विकेट पर 96 रन से आगे खेलते हुए इंग्लैंड के बल्लेबाजों स्टोक्स और जोस बटलर ने संभलकर बल्लेबाजी की। दोनों ही बल्लेबाजों ने पांचवें विकेट के लिए 90 रन जोड़ डाले और इससे इंग्लैंड अच्छी स्थिति में चला गया। बटलर हालांकि 31 रनों के निजी स्कोर पर पैट कमिंस का शिकार बन आउट होने वाले दिन के पहले बल्लेबाज बने। यहां से फिर स्टोक्स और बेयरस्टो ने पारी को आगे बढ़ाया। भोजनकाल के कुछ देर बाद स्टोक्स ने अपना शतक पूरा किया। इसके बाद दोनों बल्लेबाजों ने आक्रामक शॉट खेले और पांच विकेट पर 258 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। स्टोक्स ने 165 गेंद में 11 चौके और तीन छक्कों की मदद से नाबाद 115 रन बनाए। वहीं बेयरस्टो ने 37 गेंद में एक चौके और दो छक्कों की मदद से 30 रन बनाए।