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पूर्व बीसीसीआइ अध्यक्ष ने दी आइपीएल-7 टालने की सलाह

पूर्व बीसीसीआइ अध्यक्ष शशांक मनोहर का कहना है कि आइपीएल फिक्सिंग मामला समस्या का एक अंश भर है। इस मामले की सीबीआइ से जांच होनी चाहिए और जब तक दोषियों को सजा नहीं मिल जाती तब तक आइपीएल को टाल देना चाहिए। 200

By Edited By: Published: Wed, 26 Mar 2014 10:49 PM (IST)Updated: Wed, 26 Mar 2014 10:50 PM (IST)
पूर्व बीसीसीआइ अध्यक्ष ने दी आइपीएल-7 टालने की सलाह

नई दिल्ली। पूर्व बीसीसीआइ अध्यक्ष शशांक मनोहर का कहना है कि आइपीएल फिक्सिंग मामला समस्या का एक अंश भर है। इस मामले की सीबीआइ से जांच होनी चाहिए और जब तक दोषियों को सजा नहीं मिल जाती तब तक आइपीएल को टाल देना चाहिए।

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2008 से 2011 तक बोर्ड के अध्यक्ष रहे मनोहर ने बुधवार को आइपीएल को संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित करने के फैसले की भी आलोचना करते हुए कहा कि इससे आइपीएल की पहले से धूमिल छवि को और नुकसान पहुंचेगा। मेरा मानना है कि जब तक खेल के प्रति लोगों का भरोसा बहाल नहीं हो जाता तब तक इस साल आइपीएल को टाल देना चाहिए। बोर्ड के सदस्यों को खुद को यह याद दिलाना होगा कि मुनाफा कमाना बोर्ड का लक्ष्य नहीं बल्कि खेल को साफ सुथरा बनाना उनकी प्राथमिकता है।

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पेशे से वकील मनोहर ने कहा कि जब यह फिक्सिंग प्रकरण सामने आया था तभी से मैं कह रहा था कि सभी आइपीएल मैचों की जांच होनी चाहिए। यह पूरी समस्या का एक पहलू भर है। मेरा मानना है कि इस मामले की जांच सीबीआइ से करानी चाहिए। मनोहर का यह बयान सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के एक दिन बाद आया है, जिसमें कोर्ट ने श्रीनिवासन को बीसीसीआइ अध्यक्ष पद छोड़ने की सलाह दी थी। मनोहर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी यह दर्शाती है कि मुद्गल समिति की रिपोर्ट में काफी गंभीर आरोप लगाए गए हैं और जब तक श्रीनिवासन अध्यक्ष पद नहीं छोड़ते निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती।


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