आइपीएल फिक्सिंग: शलभ जांच आयोग के समक्ष पेश
ारतीय क्रिकेट बोर्ड ने लुभावनी इंडियन प्रीमियर लीग में स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण की जांच शुरू कर दी। पहले दिन निलंबित खिलाडि़यों में शामिल शलभ श्रीवास्तव जांच आयोग के समक्ष पेश हुए।
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने लुभावनी इंडियन प्रीमियर लीग में स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण की जांच शुरू कर दी। पहले दिन निलंबित खिलाडि़यों में शामिल शलभ श्रीवास्तव जांच आयोग के समक्ष पेश हुए। आइपीएल में भ्रष्टाचार का रहस्योद्घाटन करने का दावा करने वाले एक टेलीविजन के स्टिंग आपरेशन के मद्देनजर बीसीसीआइ के पांच दागी खिलाडि़यों को निलंबित करने के एक दिन बाद जांच आयोग के प्रमुख रवि सवानी स्टिंग आपरेशन पर श्रीवास्तव का पक्ष जानने के लिए उनसे मिले। पता चला है कि पांच सितारा होटल में हुई यह बैठक एक घंटा चली। बीसीसीआइ ने हालांकि इस बारे में कोई औपचारिक जानकारी नहीं दी है।
आइसीसी की भ्रष्टाचार रोधी और सुरक्षा इकाई के पूर्व प्रमुख सवानी को 15 दिन के भीतर बीसीसीआइ की अनुशासन समिति को रिपोर्ट सौंपने को कहा है। सवानी अब बीसीसीआइ की भ्रष्टाचार रोधी इकाई के प्रमख हैं। श्रीवास्तव के अलावा बीसीसीआइ ने गुरुवार को मोहनीश मिश्रा, टीपी सुधींद्र, अमित यादव और अभिनव बाली को तुरंत प्रभाव से जांच लंबित रहने तक निलंबित कर दिया था। बीसीसीआइ के आला अधिकारियों और आइपीएल संचालन परिषद के सदस्यों ने मंगलवार को टेलीकांफ्रेंस के जरिए लंबी बैठक के बाद यह फैसला किया था। सवानी बाकी चार खिलाडि़यों से अगले कुछ दिन में मुलाकात करने के बाद बीसीसीआइ को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। घरेलू खिलाडि़यों की नीलामी पर विचार करे बीसीसीआइ
नई दिल्ली। पांच घरेलू खिलाडि़यों के निलंबन और क्रिकेटरों को काला धन दिए जाने के आरोपों को देखते हुए आइपीएल के आगामी सत्रों में अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेलने वाले घरेलू खिलाडि़यों के लिए बीसीसीआइ अलग से नीलामी कर सकता है। तीन फ्रेंचाइजी टीमों ने बीसीसीआइ के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। आइपीएल टीम के एक अधिकारी ने कहा, इन आरोपों से ब्रांड पर असर पड़ता है और इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि या तो खुली नीलामी की जाए या फिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेलने खेलने वाले घरेलू खिलाडि़यों के लिए अलग से नीलामी कराई जाए। हमने इस संबंध में आइपीएल संचालन परिषद को अपनी इच्छा से अवगत करा दिया है। उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि इस मामले पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
अभी तक बीसीसीआइ की वेतन कैप के अनुसार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेलने वाला घरेलू खिलाड़ी अधिकतम 30 लाख रुपए ही कमा सकता है, बशर्ते उसे प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पांच साल का अनुभव हो। बीसीसीआइ के अधिकारी ने कहा, हम निश्चित रूप से घरेलू खिलाडि़यों के लिए अलग नीलामी के बारे में सोच सकते हैं। भले ही इसका टीवी पर प्रसारण नहीं किया जाए। जहां तक भुगतान का संबंध है तो यह निश्चित रूप से पारदर्शिता को कायम रखने के लिए एक कदम होगा। भ्रष्टाचार की तह तक जाए बीसीसीआइ : माकन
नई दिल्ली। आइपीएल में भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद खेल मंत्री अजय माकन ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड [बीसीसीआइ] को भ्रष्टाचार की तह तक जाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा, पांच खिलाडि़यों के निलंबन से कुछ नहीं होगा। यदि फ्रेंचाइजी के मालिक काला धन देने के दोषी पाए जाते हैं तो इसकी भी जांच होनी चाहिए। हर तरह के भ्रष्टाचार पर रोक लगानी जरूरी है। यदि खिलाडि़यों को फ्रेंचाइजी ने काला धन दिया है तो इसकी भी जांच जरूरी है।
माकन ने खेल विधेयक की जरूरत पर फिर जोर देते हुए कहा, खेलों में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए सभी खेल महासंघों को आरटीआइ के दायरे में आना होगा। मैं खेल विधेयक की जरूरत पर जोर देता आया हूं और चाहता हूं कि इसे जल्दी पारित किया जाए। इससे खेल महासंघों में वह पारदर्शिता आएगी जो क्रिकेट और आइपीएल में बहुत जरूरी है। बीसीसीआइ अकेला ऐसा खेल महासंघ है जो खेल मंत्रालय में पंजीकृत नहीं है। यह कॉरपोरेट इकाई है। वे भले ही अपने खातों को उजागर नहीं करें लेकिन खाते और कार्यप्रणाली को आरटीआइ के जरिए जनता के लिए सार्वजनिक किया जाना चाहिए। यह जरूरी है कि आइपीएल विदेशों में होने वाले बाकी टूर्नामेंटों की तरह मूल खेल संगठन से अलग रहे। आइपीएल को बीसीसीआइ से अलग रहना होगा ताकि हितों का टकराव ना हो। इंग्लिश प्रीमियर लीग और अन्य फुटबॉल लीग भी अपने मूल संस्थानों से अलग रहते हैं। वही प्रारूप आइपीएल में भी अपनाया जाना चाहिए।
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