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खिताबी हैट्रिक पर होगी चेन्नई की नजर

लगातार तीसरा खिताब जीतने की कोशिश में जुटी धौनी की टीम चेन्नई सुपरकिंग्स को रविवार को होने वाले खिताबी मुकाबले में कोलकाता नाइटराइडर्स की गंभीर चुनौती से पार पाना होगा। महेंद्र सिंह धौनी की टीम का यह लगातार तीसरा फाइनल है, दूसरी ओर केकेआर का पांच आइपीएल में यह पहला फाइनल है।

By Edited By: Published: Sun, 27 May 2012 08:09 AM (IST)Updated: Sun, 27 May 2012 08:09 AM (IST)
खिताबी हैट्रिक पर होगी चेन्नई की नजर

चेन्नई। लगातार तीसरा खिताब जीतने की कोशिश में जुटी धौनी की टीम चेन्नई सुपरकिंग्स को रविवार को होने वाले खिताबी मुकाबले में कोलकाता नाइटराइडर्स की गंभीर चुनौती से पार पाना होगा। महेंद्र सिंह धौनी की टीम का यह लगातार तीसरा फाइनल है, दूसरी ओर केकेआर का पांच आइपीएल में यह पहला फाइनल है।

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अच्छी किस्मत के दम पर प्लेऑफ में पहुंची चेन्नई ने दमदार प्रदर्शन करते हुए मुंबई इंडियंस और लीग चरण की शीर्ष टीम दिल्ली डेयरडेविल्स को हराकर फाइनल में जगह बनाई। वहीं केकेआर ने पहले क्वालीफायर में दिल्ली को मात देते हुए फाइनल में जगह सुनिश्चित की थी। बड़े मैचों में खेलने का अनुभव, सभी बल्लेबाजों की शानदार फॉर्म और घरेलू दर्शकों के समर्थन को देखते हुए चेन्नई का पलड़ा भारी लग रहा है।

दूसरी ओर कोलकाता की जीत की कुंजी उसके कैरेबियाई स्पिनर सुनील नरेन की फॉर्म होगा। मुरली विजय से लेकर कप्तान महेंद्र सिंह धौनी और ड्वेन ब्रावो तक चेन्नई के सभी बल्लेबाज फॉर्म में हैं। शुरुआती खराब प्रदर्शन के बाद पिछले दो मैचों में उन्होंने जबर्दस्त प्रदर्शन किया है लिहाजा यह मुकाबला कोलकाता के गेंदबाजों और चेन्नई के बल्लेबाजों का होगा।

केकेआर के कप्तान गौतम गंभीर ने खराब फॉर्म में चल रहे ब्रेंडन मैकुलम और यूसुफ पठान जैसे बल्लेबाजों पर अपार भरोसा जताया और आखिरकार उनका भरोसा सही साबित हुआ। दिल्ली के खिलाफ पहले क्वालीफायर में यूसुफ 40 रन बनाकर जीत के नायक बने। मैकुलम से टीम को अभी भी बड़ी पारी का इंतजार है। केकेआर खेमा दुआ कर रहा होगा कि फाइनल में उनकी फॉर्म लौट आए।

गंभीर भी अच्छी फॉर्म में हैं। कप्तानी की जिम्मेदारी ने उन्हें बेहतर बल्लेबाज बनाया है और वह इस बड़े मैच में खुद को साबित करने को लालायित होंगे। दक्षिण अफ्रीका के जैक्स कैलिस भी उनके स्टार खिलाड़ी हैं। गंभीर, मनोज तिवारी, मैकुलम और कैलिस चल निकले तो उन्हें रोक पाना नामुमकिन होगा।

चेन्नई के पास बेन हिल्फेनहास, एल्बी मोर्केल और आर अश्विन तथा शादाब जकाती जैसे गेंदबाज हैं। इनके अलावा रवींद्र जडेजा भी अब तक 14 विकेट लेकर अपनी उपयोगिता साबित कर चुके हैं। फाइनल की तैयारी के बारे में पूछने पर मुरली विजय ने कहा, हम फाइनल के लिए तैयार हैं, लेकिन चीजों को हल्के में नहीं ले रहे। मैं बस इतना कह सकता हूं कि हम फाइनल के लिए तैयार हैं। दिल्ली डेयरडेविल्स के कोच एरिक सिमंस ने भी कहा था कि चेन्नई ऐसी टीम है जो बड़े मैचों में हमेशा अच्छा खेलती है। कप्तान आमने-सामने गौतम गंभीर : केकेआर की टीम को फर्श से अर्श तक पहुंचाने वाले कप्तान गंभीर के लिए इस मैच में बहुत कुछ दांव पर लगा है। केकेआर टीम की अगुआई कई खिलाडि़यों को सौंपी गई, लेकिन कोई टीम की किस्मत नहीं बदल सका। इस सत्र से पहले आइपीएल में सबसे फिसड्डी टीमों में शामिल केकेआर इस सत्र में बहुत बदली नजर आई। गंभीर हमेशा से ही यही मानते आए हैं कि कप्तान से टीम नहीं होता, बल्कि टीम से कप्तान होता है। टीम अच्छी हो तो वह सफल जरूर होगी। इसके बावजूद इसमें कोई दो मत नहीं कि गंभीर की बेहतरीन कप्तान के कारण ही केकेआर की टीम आज फाइनल में है और यदि टीम खिताब जीत लेती है तो आइपीएल को उसका नया चैंपियन तो मिलेगा ही साथ ही धौनी के बाद राष्ट्रीय टीम की अगुआई करने का उनका दावा और भी मजबूत हो जाएगा। एमएस धौनी : धौनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने ट्वेंटी-20 विश्वकप खिताब जीता, विश्वकप खिताब जीता, राष्ट्रीय टीम टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक स्थान पर पहुंची, आइपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स ने दो खिताब जीते, बावजूद इसके उनके आलोचकों ने उन्हें निशाने पर रखा और उनकी सफलताओं को किस्मत का खेल बताते हुए उन्हें मुकद्दर का सिकंदर साबित करने की कोशिश की। आलोचनाएं कितनी ही क्यों न हो, लेकिन सच्चाई यही है कि धौनी की कप्तानी में हर टीम में निखार आया और उसने सफलता के झंडे गाड़े। इसमें कोई दो मत नहीं कि इस सत्र में टीम प्लेऑफ में किस्मत के सहारे ही पहुंची, लेकिन इसके बाद एलिमिनेटर में मुंबई के खिलाफ धौनी ने धमाकेदार पारी खेलकर टीम का मनोबल बढ़ाया और टीम अपने रंग में लौट आई। एक बार फिर धौनी खिताब के करीब हैं और इसे जीतकर वह एक बार फिर अपने आलोचकों का मुंह बंद करने की कोशिश करेंगे। ट्रंप कार्ड सुनील नरेन [केकेआर] : पूरा सत्र समाप्त होने को है और इस कैरेबियाई स्पिनर की गेंद अभी भी अबूझ पहेली बनी हुई है। नरेन की फिरकी पर धुरंधर से धुरंधर बल्लेबाज नाचते दिखे। केकेआर की सफलता में नरेन का बहुत बड़ा योगदान रहा है। बहुत हद तक फाइनल में नरेन का प्रदर्शन तय करेगा कि टीम की झोली में ट्रॉफी आएगी या नहीं। मुरली विजय [सीएसके]: पूरे टूर्नामेंट में फ्लॉप रहे मुरली टीम में बने रहे और आखिर में सबसे अहम मुकाबले यानी दूसरे क्वालीफायर में उनका बल्ला बोला और टीम शान से फाइनल में पहुंच गई। उनकी बल्लेबाजी शैली की सबसे बड़ी खासियत उनका खुलकर और साफ-सुथरे क्रिकेटिया शॉट खेलना है। मुरली ने अपने आप को बड़े मैच का खिलाड़ी साबित किया है। बड़ी पारी खेलने में माहिर मुरली का बल्ला यदि एक बार फिर चला तो मैच का रुख शुरुआत में ही तय हो जाएगा। टीमें : कोलकाता नाइटराइडर्स :

गौतम गंभीर [कप्तान], ब्रेंडन मैकुलम, जैक्स कैलिस, मनोज तिवारी, यूसुफ पठान, देवब्रत दास, लक्ष्मीरतन शुक्ला, रजत भाटिया, सुनील नरेन, ब्रेट ली, इकबाल अब्दुल्ला, चिराग जानी, इरेश सक्सेना, जयदेव उनादकट, मानविंद्र बिस्ला, प्रदीप सांगवान, संजू सैमसन, सरबजीत सिंह, मुहम्मद शमी अहमद, ईयोन मोर्गन, मर्चेंट डि लांगे, रेयान टेन डोएशे और शाकिब-अल-हसन। चेन्नई सुपरकिंग्स :

महेंद्र सिंह धौनी [कप्तान], माइकल हसी, फाफ डु प्लेसिस, मुरली विजय, सुरेश रैना, रवींद्र जडेजा, श्रीकांत अनिरुद्ध, ड्वेन ब्रावो, एल्बी मोर्केल, आर अश्विन, बेन हिल्फेनहास, शादाब जकाती, डग बॉलिंगर, जॉर्ज बेली, स्कॉट स्टायरिस, सूरज रणदीव, अभिनव मुकुंद, जी विग्नेश, जोगिंदर शर्मा, के वासुदेवदास, एस बद्रीनाथ, सुदीप त्यागी, यो महेश और ऋद्धिमान साहा।

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