बल्लेबाज नहीं, गेंदबाज बनना चाहते थे रोहित शर्मा
रोहित ने गेंदबाज के तौर पर क्रिकेट में अपना करियर शुरू किया था।
कोलकाता। वनडे क्रिकेट में तीन दोहरे शतक लगाने वाले दुनिया के इकलौते बल्लेबाज रोहित शर्मा की गिनती भले आज विस्फोटक सलामी बल्लेबाजों में होती हो लेकिन शर्मा जी शुरू में बल्लेबाज नहीं बल्कि गेंदबाज बनना चाहते थे। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, 'मैंने गेंदबाज के तौर पर खेलना शुरू किया था। बल्लेबाजी पर मैंने बाद में काम करना शुरू किया। कुछ लोग मुझे 'गिफ्टेड क्रिकेटर' मानते हैं, लेकिन मैं इस टैग को पसंद नहीं करता क्योंकि मुझमें जो योग्यता है, उसे विकसित करने के लिए मैंने काफी मेहनत की है। मैं जब भी मैदान में उतरता हूं तो अपना सबकुछ लगाने की कोशिश करता हूं और अंत तक इसी में लीन रहता हूं।'
मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शारीरिक स्फूर्ति की तरह ही मानसिक शांति को भी खेल के लिए समान रूप से जरूरी मानते हैं। उन्होंने कहा, 'पेशेवर खिलाड़ी बनने के लिए मन का शांत होना भी उतना ही जरूरी है, जितना कि शारीरिक स्फूर्ति। मैंने इस बात को महसूस किया है कि मन को शांत रखने का मतलब आप जो कर रहे हैं, उसपर ध्यान केंद्रित करना है।'
31 वर्षीय रोहित ने आगे कहा, 'कामयाबी का कोई शॉर्ट कट नहीं होता। हम सब अलग-अलग तार से जुड़े हुए हैं। मैं अनुशासन पर काफी ध्यान देता हूं लेकिन जब मैं नहीं खेल रहा होता हूं तो दोस्तों के साथ रात को घूमने निकल जाता हूं।' मुंबई इंडियंस के बारे में रोहित ने कहा, 'मैं अपनी टीम के लिए जो भी सबसे अच्छा होता है, वो करता हूं और अपने खिलाडि़यों की क्षमता का सबसे अच्छा इस्तेमाल करने की कोशिश करता हूं। अक्सर ऐसा होता है कि अंतिम एकादश का सर्वोत्तम तरीके से इस्तेमाल नहीं हो पाता इसलिए मैं इस बात का पूरा ध्यान रखता हूं।'