IPL में विदेशी खिलाड़ियों का है बोलबाला, अगर नहीं खेले तो आठों टीमों पर पड़ेगा बड़ा असर
IPL 2020 होगा या नहीं होगा इस पर अलग बहस है लेकिन अगर आइपीएल होता है और इसमें विदेशी खिलाड़ी नहीं खेलते हैं तो फिर मजा किरकिरा हो जाएगा।
कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। बिन चांद क्या चकोर, बिन बारिश क्या मोर और बिन विदेशी क्रिकेटर क्या आइपीएल! फिलहाल अभी यह तय नहीं है कि दुनिया की सबसे महंगी क्रिकेट लीग आइपीएल होगी या नहीं और अगर होगी तो उसमें विदेशी क्रिकेटर शामिल होंगे या नहीं। टोक्यो ओलंपिक के एक साल के स्थगन के बाद बीसीसीआइ के हुक्मरानों पर इसे भी रद करने का दबाव बढ़ गया लेकिन अभी तक दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड ने इस पर फैसला नहीं लिया है।
अभी तक की स्थिति यह है कि 14 अप्रैल तक देश में लॉक डाउन है और 15 अप्रैल तक वीजा संबंधी रोक होने के कारण देश में विदेशी खिलाड़ी प्रवेश नहीं कर सकते। इस समय जो हालात हैं, उसमें आइपीएल के आयोजन की संभावनाएं कम ही नजर आ रही हैं, लेकिन आगे अगर हालात संभलते हैं और विदेशी खिलाड़ी इसमें शिरकत नहीं कर पाते या खुद ही खेलने नहीं आते तो आठों फ्रेंचाइजियों पर इसका असर पड़ना तय है। आइए जानते हैं कि विदेशी क्रिकेटरों के नहीं खेलने से किस टीम पर कितना असर पड़ सकता है।
चेन्नई सुपर किंग्स
महेंद्र सिंह धौनी की तीन बार की चैंपियन इस टीम में एक से बढ़कर एक धाकड़ भारतीय खिलाड़ी हैं। चेन्नई में टी-20 क्रिकेट के महारथी सुरेश रैना के अलावा रवींद्र जडेजा, केदार जाधव, हरभजन सिंह, दीपक चाहर, शर्दुल ठाकुर, अंबाती रायुडु, मुरली विजय और पीयूष चावला सरीखे देसी खिलाड़ी भी हैं। इतने अच्छे भारतीय खिलाड़ियों से लैस होने के बावजूद टीम को ऑस्ट्रेलिया के धाकड़ आलराउंडर शेन वॉटसन और कैरेबियाई आलराउंडर ड्वेन ब्रेवो की कमी बेहद खल सकती है। ये दोनों कई मौकों पर मैच विनर रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज लुंगी नगिदी और अफ्रीकी स्पिनर इमरान ताहिर का न खेलना भी टीम की गेंदबाजी को कमजोर कर सकता है।
दिल्ली कैपिटल्स
आइपीएल के इतिहास में साल-दर-साल जितना बदलाव दिल्ली की टीम में देखने को मिला, उतना शायद ही किसी और टीम में दिखा हो। इस टीम की कमान अब श्रेयस अय्यर जैसे युवा के हाथों में है, जो टीम इंडिया में अपनी जगह मजबूत कर चुके हैं। टीम में शिखर धवन, अमित मिश्रा, अजिंक्य रहाणे, रविचंद्रन अश्रि्वन, पृथ्वी शॉ और रिषभ पंत जैसे शानदार भारतीय खिलाड़ी भी हैं लेकिन दक्षिण अफ्रीका के कसिगो रबादा, इंग्लैंड के जेसन राय व क्रिस वोक्स और वेस्टइंडीज के शिमरोन हेमटायर के बिना दिल्ली की डगर आसान नहीं होगी।
किंग्स इलेवन पंजाब
यह कहना गलत नहीं होगा कि पंजाब की बल्लेबाजी काफी हद तक विदेशी बल्लेबाजों पर ही निर्भर है इसलिए उसे बहुत ज्यादा फर्क पड़ सकता है। कप्तान लोकेश राहुल को छोड़ दिया जाए तो टीम में टी-20 क्रिकेट का और कोई भारतीय स्टार नहीं है, लेकिन विदेशी क्रिकेटरों की बात करें तो इस टीम के पास क्रिस गेल और ग्लेन मैक्सवेल के रूप में दुनिया के दो ऐसे विस्फोटक बल्लेबाज हैं, जो अपने बूते किसी भी मैच का रुख बदल सकते हैं। पिछली नीलामी में टीम को शेल्डन कोट्रेल के रूप में अच्छा कैरेबियाई गेंदबाज भी मिल चुका है।
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु
जिस टीम के पास विराट कोहली जैसा दुनिया का मौजूदा दौर का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हो, उसके बारे में और क्या कहना, लेकिन कहावत है न कि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता। ठीक उसी तरह कोहली हर बार अकेले अपनी टीम की नैया पार नहीं करा सकते। बेंगलुरु की टीम बल्लेबाजी में कोहली के अलावा दक्षिण अफ्रीका के 360 डिग्री बल्लेबाज एबी डीविलियर्स पर काफी हद पर निर्भर रही है। टीम में आरोन फिंच जैसा उम्दा ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज भी है और अब तो उसे डेल स्टेन के रूप में बेहद अनुभवी तेज गेंदबाज भी मिल गया है। इन विदेशी खिलाड़ियों के बिना बेंगलुरु को रॉयल चैलेंज का सामना करना पड़ सकता है। वैसे टीम की स्पिन गेंदबाजी भारतीयों पर ही निर्भर है। टीम में युजवेंद्र चहल और वाशिंगटन सुंदर जैसे अच्छे स्पिनर हैं।
सनराइजर्स हैदराबाद
इस टीम की तो कमान ही विदेशी खिलाड़ी डेविड वार्नर के हाथों में है, जो अपने आप में बेहद खतरनाक बल्लेबाज हैं। न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन और इंग्लैंड के स्टार बल्लेबाज जॉनी बेयरस्ट्रो भी इस टीम का हिस्सा हैं। वैसे आइपीएल में पहला शतक जडऩे वाले मनीष पांडेय और मौजूदा समय के सर्वोत्तम भारतीय टेस्ट विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा इस टीम के पास हैं और भुवनेश्र्वर कुमार जैसा शानदार तेज गेंदबाज भी, लेकिन विदेशी खिलाड़ियों के बिना इस टीम की भी राह आसान नहीं होगी क्योंकि मैच जिताने वाले अफगानी स्पिनर राशिद खान भी उपलब्ध नहीं हो पाएंगे।
राजस्थान रॉयल्स
राजस्थान ने पहला और एकमात्र आइपीएल खिताब विदेशी कप्तान शेन वार्न की अगुआई में ही जीता था। इस टीम को पिछली नीलामी में रॉबिन उथप्पा जैसा अनुभवी और यशस्वी जायसवाल जैसा युवा बल्लेबाज मिल चुका है। इस टीम में आइपीएल से चमकने वाले संजू सैमसन और सौराष्ट्र को बतौर कप्तान पिछली रणजी ट्राफी जिताने वाले तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट भी हैं। फिर भी आस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ, इंग्लैंड के बेन स्टोक्स व जोस बटलर व जोफरा आर्चर और दक्षिण अफ्रीका के डेविड मिलर न होने से टीम की बल्लेबाजी और गेंदबाजी, दोनों की धार कुंद होगी। स्टीव स्मिथ नहीं खेले तो राजस्थान को नया कप्तान भी तलाशना होगा। अजिंक्य रहाणे कप्तान के तौर पर नाकाम रहे हैं।
मुंबई इंडियंस
धौनी की तरह ये रोहित शर्मा भी अपनी टीम को तीन बार आइपीएल ट्राफी जिता चुके हैं। रोहित की टीम में हार्दिक और क्रुणाल पांड्या के अलावा जसप्रीत बुमराह जैसे दिग्गज भारतीय खिलाड़ी हैं। फिर भी कैरेबियाई आलराउंडर किरोन पोलार्ड और श्रीलंकाई तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा के बिना इस टीम की कल्पना नहीं की जा सकती। टीम को ट्रेंट बोल्ट का झटका भी लग सकता है।
कोलकाता नाइटराइडर्स
शाह रुख खान की कोलकाता टीम की बात करें तो आइपीएल की यह अकेली ऐसी टीम है जो पहले सत्र से ही विदेशी खिलाड़ियों पर निर्भर रही है। पहले ब्रेंडन मैकुलम, क्रिस गेल और जैक कैलिस तो पिछले सत्र में आंद्रे रसेल ने इस टीम को संभाला है। वेस्टइंडीज के स्पिनर सुनील नारायण के बिना भी इस टीम का काम नहीं चलता। उन्हें वषरें से इस टीम ने रिटेन किया हुआ है। देसी खिलाड़ियों में सिर्फ पूर्व कप्तान गौतम गंभीर और अनुभवी बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा ही टीम में चमक बिखेर पाए हैं। टीम ने इस साल नीलामी में ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज पैट कमिंस को 15.5 करोड़ रुपये की भारी-भरकम रकम खर्च करके खरीदा है, जो आइपीएल के इतिहास में किसी विदेशी खिलाड़ी पर लगी अब तक की सबसे ऊंची बोली है। कोलकाता ने इंग्लैंड को पिछले साल 50 ओवरों का विश्र्वकप जिताने वाले ईयान मोर्गन को भी फिर से खरीदा है। यह दोनों खिलाड़ी इस बार कोलकाता के गेम प्लान का अहम हिस्सा हैं। ऐसे में अगर ये विदेशी खिलाड़ी नहीं खेल पाए तो दिनेश कार्तिक के नेतृत्व वाली कोलकाता बेहद कमजोर टीम साबित हो सकती है।