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क्या है IPL का बायो-बबल और कैसे बनाया गया, प्रोटोकॉल तोड़ने पर मिलेगी कड़ी सजा

चलिए हम आपको बताते हैं कि ये बायो-बबल है क्या? काम कैसे करता है? किस तरह से यह कोरोना से सबका बचाव कर सकता है?

By Viplove KumarEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 02:20 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 07:46 AM (IST)
क्या है IPL का बायो-बबल और कैसे बनाया गया, प्रोटोकॉल तोड़ने पर मिलेगी कड़ी सजा
क्या है IPL का बायो-बबल और कैसे बनाया गया, प्रोटोकॉल तोड़ने पर मिलेगी कड़ी सजा

नई दिल्ली, जेएनएन। इंडियन प्रीमियर लीग 2020 का इंतजार अब खत्म होने वाला है। 19 सितंबर यानी शनिवार को शुरू हो जाएगा दुनिया के सबसे रोमांचक टी20 लीग टूर्नामेंट का धमाल। कोरोना महामारी फैलने की वजह से इस बार इसको भारत के बाहर यूएई में कराया जा रहा है। कोरोना के खतरे को देखते हुए टीम के सभी खिलाड़ी, कोच, सपोर्ट स्टाफ और मैच ऑफिशियल्स के लिए एक खास बायो-सिक्योर वातावरण (बायो-बबल) का बनाया गया है।

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आपने कोरोना महामारी के बीच इंग्लैंड में कराए गए सीरीज के दौरान कई बार इको बबल या बायो बबल का नाम सुना होगा। अब आइपीएल के लिए भी इसका जिक्र लगातार किया जा रहा है। चलिए हम आपको बताते हैं कि ये बायो-बबल है क्या? काम कैसे करता है? किस तरह से यह कोरोना से सभी का बचाव कर सकता है? आखिरी क्यों इस बबल के बाहर किसी का जाना मना है और अगर किसी खिलाड़ी ने बायो-बबल तोड़ा तो क्या होगा?

क्या है यह इको या बायो-बबल ?

बेहद साधारण यानी बोल चाल की भाषा में समझाएं तो यह एक ऐसा वातावरण है, जिससे बाहरी दुनिया में रहने वालों को कोई संपर्क नहीं होता, इसमें रखे जाने वाले लोग बाहर की दुनिया से पूरी तरह से कट जाते है। इंडियन प्रीमियर लीग 2020 में भाग लेने वाले सभी खिलाड़ी, कोचिंग और सपोर्ट स्टाफ, मैच ऑफिशियल, होटल स्टाफ का कोरोना टेस्ट कराया जाता है इसके बाद सभी को बायो बबल में प्रवेश दिया जाता है।

एक बार इसमें जाने के बाद किसी को यहां तक की कोरोना टेस्ट करने वाली मेडिकल टीम को भी इसके बाहर जाने की अनुमति नहीं होती। इस घेरे में वही लोग होते हैं जो कोरोना टेस्ट के गुजरें हों और पूरी तरह से संक्रमण से दूर हों। इस घेरे में रहने वाले लोग बाहरी दुनिया के कट जाते हैं। यानी एक ऐसा घेरा जिसमें सिर्फ वही लोग रहते हैं जिनको जांच के बाद यहां रहने की अनुमति हासिल करते हैं।

किस तरह से बनाया गया बयो बबल है?

20 अगस्त के बाद से ही टीमों के दुबई आने का सिलसिला शुरू हो गया था। आईपीएल में भाग लेने पहुंचे हर एक खिलाड़ी, कोच, सपोर्ट स्टाफ का दुबई रवाना होने से पहले दो बार कोरोना टेस्ट करवाया गया था। दुबई में सभी को नियम के मुताबिक सात दिन के लिए क्वारंटाइन किया गया। इस अवधि में सभी का तीन बार टेस्ट नेगेटिव आने के बाद ही बबल में शामिल किया गया।

बबल में शामिल किए गए लोगों को सिर्फ मैदान और होटल तक ही रहने की अनुमति है। बबल के अंदर जितने लोग हैं सिर्फ उनसे ही वह मिल सकते हैं। टूर्नामेंट के दौरान फैंस दोस्त और रिश्तेदारों से भी मिलने की इजाजत नहीं होगी। मैच का प्रसारण करने वाली टीम के लोगों और बाकी स्टाफ के लिए अलग बबल तैयार किया गया है। बबल में जितने भी लोग हैं इनको टूर्नामेंट खत्म होने तक इसके बाहर जाने की इजाजत नहीं होगी। विशेष परिस्थिति में बाहर जाने वालों को बबल में लौटने से पहले क्वारंटाइन होना पड़ेगा।

बायो-बबल तोड़ने पर क्या होगा?

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के मुकाबिक बायो-बबल तोड़ने वाले को IPL कोड ऑफ कंडक्ट तोड़ने का दोषी माना जाएगा और इसके तहत सजा होगी। अगर कोई खिलाड़ी बायो-बबल से बाहर जाता है तो उसके उपर कुछ मैचों का प्रतिबंध लगाया जा सकता है। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर ने चेतावनी दे है कि बबल तोड़ने पर खिलाड़ी को कॉन्ट्रैक्ट से भी हाथ धोना पड़ सकता है।


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