IPL 2019: आइपीएल फिक्सिंग मसले पर धौनी ने तोड़ी चुप्पी, कही दिल की बात
धौनी हमेशा अपना काम चुपचाप करने में विश्वास करते हैं और कई बार उनकी खामोशी को गलत समझ लिया जाता है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। महेंद्र सिंह धौनी हाव भाव से जल्द अपने जज्बात जाहिर नहीं होने देते और उनका मानना है कि यही वजह है कि लोग उनसे कभी नहीं पूछते कि 2013 आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में उन्होंने बेबुनियाद आरोपों का सामना कैसे किया।
धौनी हमेशा अपना काम चुपचाप करने में विश्वास करते हैं और कई बार उनकी खामोशी को गलत समझ लिया जाता है। हॉटस्टार पर जारी डॉक्यूमेंट्री में धौनी ने कहा कि लोगों को लगता है कि आप बहुत मजबूत हैं और वे पूछते नहीं है कि आप कैसे हैं। मैंने इसका सामना ऐसे ही किया। मैं इस बारे में दूसरों से बात नहीं करना चाहता था लेकिन अंदर से यह मुझे कुरेद रहा था। मैं नहीं चाहता कि किसी भी चीज का असर मेरे खेल पर पड़े क्योंकि मेरे लिए क्रिकेट सबसे अहम है।
आइपीएल 2013 के फिक्सिंग प्रकरण को अपने जीवन का सबसे कठिन और निराशाजनक दौर बताते हुए धौनी ने कहा कि इसमें खिलाडि़यों का क्या कसूर था। दो बार के विश्व कप विजेता भारतीय टीम के पूर्व कप्तान ने 'रोड ऑफ द लायन' डॉक्यूड्रामा में इस मसले पर अपनी चुप्पी तोड़ी। भारतीय क्रिकेट को झकझोर देने वाले इस प्रकरण में प्रबंधन की भूमिका के कारण चेन्नई सुपरकिंग्स को दो साल का प्रतिबंध झेलना पड़ा। धौनी ने कहा कि 2013 मेरे जीवन का सबसे कठिन व निराशाजनक दौर था। मैं कभी इतना निराश नहीं हुआ, जितना उस समय था। इससे पहले विश्व कप 2007 में निराशा हुई थी जब हम ग्रुप चरण में ही हार गए थे, लेकिन उसमें हमने खराब क्रिकेट खेली थी। 2013 में तस्वीर बिलकुल अलग थी। लोग मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग की बात करते थे। उस समय देश भर में यही बात हो रही थी।
धौनी ने इस डॉक्यूमेंट्री के पहले एपिसोड 'व्हाट डिड वी डू रांग' में कहा कि हमें सजा मिलने जा रही थी। बस यह जानना था कि सजा कितनी होगी। चेन्नई सुपरकिंग्स पर दो साल का प्रतिबंध लगा। उस समय लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं थीं क्योंकि आप बहुत सी बातों को खुद पर ले लेते हैं। मेरा कप्तान के तौर पर यही सवाल था कि टीम की क्या गलती थी। हमारी टीम ने गलती की, लेकिन क्या खिलाड़ी इसमें शामिल थे? उन्होंने कहा कि फिक्सिंग से जुड़ी बातों में मेरा नाम भी उछला। मीडिया और सोशल मीडिया में ऐसे दिखाया जाने लगा मानो टीम भी शामिल हो, मैं भी शामिल हूं। क्या यह संभव है? हां, स्पॉट फिक्सिंग कोई भी कर सकता है। अंपायर, बल्लेबाज या गेंदबाज, लेकिन मैच फिक्सिंग में खिलाड़ी शामिल होते हैं। अंत में धौनी ने चेन्नई सुपरकिंग्स के साथ अपने साथ को अरेंज मैरिज बताया।
धौनी ने डॉक्यूमेंट्री के ट्रेलर में फिक्सिंग को कत्ल से भी बड़ा गुनाह बताया है। उन्होंने कहा कि मैं आज जो कुछ भी हूं, क्रिकेट की वजह से हूं। मेरे लिए सबसे बड़ा गुनाह कत्ल नहीं, बल्कि मैच फिक्सिंग है। लोगों को अगर लगता है कि मैच का नतीजा असाधारण इसलिए है क्योंकि वह फिक्स है तो लोगों का क्रिकेट से विश्वास उठ जाएगा और मेरे लिए इससे दुखदायी कुछ नहीं होगा।