IPL 2020 रद करने पर भी तैयार हो सकती हैं फ्रेंचाइजियां, मालिकों ने आपस में की कांफ्रेंस कॉल
IPL 2020 को पहले ही स्थगित किया जा चुका है। इसके अलावा ये आइपीएल सीजन कोरोना वायरस की वजह से रद भी किया जा सकता है।
नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना वायरस के कारण आइपीएल पर काले बादल मंडरा रहे हैं, लेकिन फ्रेंचाइजियां बीसीसीआइ के साथ मिलकर लीग के 13वें सत्र को आयोजित कराने के लिए मेहनत कर रही हैं। वहीं, फ्रेंचाइजियों के मालिकों ने अपने आप को लीग के रद होने की खबर सुनने के लिए भी तैयार कर लिया है। कोरोना के कारण ही इस लीग के 13वें सत्र को 15 अप्रैल तक स्थगित किया गया है।
आइपीएल की आठ फ्रेंचाइजियों की सोमवार को कांफ्रेंस कॉल हुई। एक फ्रेंचाइजी के अधिकारी ने कहा, 'सोमवार की बैठक में कुछ भी ठोस चर्चा नहीं की गई। यह सिर्फ एक आम बैठक थी। 48 घंटों में स्थिति नहीं बदली है इसलिए आइपीएल के रद करने के बारे में बात करना अभी ठीक नहीं है। हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा। हम जायजा लेने के लिए साप्ताहिक आधार पर यह कांफ्रेंस कॉल करते रहेंगे।'
कोरोना ने किया है परेशान
वहीं, एक अन्य फ्रेंचाइजी के अधिकारी ने कहा, 'कोरोना के कारण चीजें थोड़ी बहुत बिगड़ रहीं हैं। स्कूल, कॉलेज, मॉल, जिम और थिएटर आदि सभी बंद हैं। ऐसे में यह भी हो सकता है कि लीग इस सत्र के लिए रद कर दी जाए। बीसीसीआइ के साथ हुई बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया था कि सुरक्षा पहले है और हम ऐसी स्थिति में साथ हैं। देखते हैं कि चीजें कैसे होती हैं, हो सकता है कि इस साल लीग नहीं हो।'
जब उनसे पूछा गया कि क्या फ्रेंचाइजियां इस नुकसान के लिए तैयार हैं तो अधिकारी ने कहा, 'कोई और विकल्प नहीं है। हमें 15-20 करोड़ रुपये का नुकसान होगा, जो हमें वेतन देने और बाकी चीजों से होगा। यह पैसा लीग के सफल आयोजन से आता है लेकिन कुछ अन्य नुकसान भी हैं। टिकट आदि चीजों का बीमा है, लेकिन यह इस तरह का नुकसान है जो लीग के नहीं होने पर फ्रेंचाइजियों को ही उठाना पड़ेगा लेकिन हमें पता है कि कोई भी चीज इंसान की सुरक्षा से बढ़कर नहीं है।'
विदेशी खिलाड़ी नहीं आएंगे भारत?
बीसीसीआइ और आइपीएल फ्रेंचाइजियों ने सरकार द्वारा विदेशी खिलाड़ियों को लीग में खेलने की मंजूरी देने की बात की थी, लेकिन सवाल यह है कि क्या विदेशी बोर्ड अपने खिलाड़ियों को इस स्थिति में यहां आने की मंजूरी देंगे। अधिकारी ने आगे कहा, 'हम जहां विदेशी खिलाड़ियों के आने और उनके वीजा की बात कर रहे हैं, वहीं हमें यह भी देखना होगा कि क्या विदेशी बोर्ड अपने खिलाड़ियों को यहां आने की मंजूरी देंगे और क्या सरकार खिलाड़ियों के नियम में नरमी बरतेगी।
अभी सभी बोर्ड चाहते हैं कि आइपीएल हो, लेकिन आप नहीं जानते कि महीने के आखिरी में क्या फैसला लिया जाना है। यह इस पर निर्भर है कि क्या अंत में स्थिति में कोई हैरान करने वाला बदलाव आएगा।' कोरोना वायरस के कारण ही भारत सरकार ने 11 मार्च को कुछ अधिकारियों को छोड़कर विदेश से आने वाले सभी लोगों का वीजा 15 अप्रैल तक के लिए रोक दिया है।