EXCLUSIVE: अंजिक्य रहाणे से खास बातचीत, बेस्ट बने रहने के लिए करना होगा ये काम
अगर आपको लंबे समय तक नंबर वन बने रहना है तो आपको विदेशी दौरों पर जीतना होगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका की चुनौती से लड़ने के लिए तैयार है। दक्षिण अफ्रीका रवाना होने से पहले टीम के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि भारतीय टीम इस टेस्ट सीरीज को भी घरेलू सीरीज की तरह ही लेगी। पेश है अभिषेक त्रिपाठी की रहाणे से बातचीत के मुख्य अंश-
सवाल- नए साल में आपके सामने सबसे कठिन प्रतिद्वंद्वी है। दक्षिण अफ्रीका में मेजबान टीम की चुनौती का सामना कैसे करेंगे?
जवाब- निश्चित तौर पर यह दौरा बेहद चुनौतीपूर्ण होने वाला है। हमें पता है कि दक्षिण अफ्रीका कड़ा प्रतिद्वंद्वी है और पिछले कुछ सालों में उन्होंने अपनी धरती पर शानदार प्रदर्शन किया है लेकिन हम उसके बारे में ज्यादा नहीं सोच रहे हैं। हम इसे घरेलू सीरीज की तरह ले रहे हैं। अगर आप इसे घरेलू सीरीज की तरह लेंगे तो आपके ऊपर दबाव नहीं रहेगा। हम ज्यादा दबाव नहीं लेना चाहते हैं।
सवाल- टीम इंडिया के कई सदस्य पहले भी दक्षिण अफ्रीका का दौरा कर चुके हैं। क्या वह अनुभव काम आएगा?
जवाब- टीम के अधिकतर खिलाड़ियों ने 2012-13 में दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया था। ये बात सही है कि हम वहां टेस्ट सीरीज नहीं जीत सके थे लेकिन उसका अनुभव जरूर काम आएगा। उन्हें वहां की परिस्थितियों और मौसम के बारे में पता है जो फायदेमंद रहता है।
सवाल- लेकिन दक्षिण अफ्रीका का गेंदबाजी आक्रमण काफी पैना है। इसे कैसे संभालेंगे?
जवाब- दक्षिण अफ्रीकी टीम का हम पूरा सम्मान करते हैं। हमें पता है कि उनके पास डेल स्टेन, मोर्केल, फिलेंडर, रबादा और केशव महाराज हैं। हमें अपने आपको बेहतर ढंग से पेश करना होगा और उन्हें पछाड़ना होगा। अगर आपको लंबे समय तक नंबर वन बने रहना है तो आपको विदेशी दौरों पर जीतना होगा। यह हमारे लिए घर के बाहर घरेलू सीरीज होगी। अगर हम इस सोच के साथ जाएंगे तो हमारे लिए चीजें आसान होंगी। निश्चित तौर पर भारतीय टीम जीत के लिए उतरेगी।
सवाल- भारत की बल्लेबाजी को आप किस तरह आंकते हैं?
जवाब- सभी बल्लेबाजों का अपना स्टाइल है। सभी मैच की स्थितियों के हिसाब से खेलते हैं। चेतेश्वर पुजारा का काम क्रीज पर डटे रहना है। वह पहले विकेट और गेंदबाजों को समझता है और उसके बाद शॉट खेलता है। मेरे केस में भी लगभग ऐसा ही मामला रहता है। अगर आप विराट को देखेंगे तो वह पहली ही गेंद से रन बनाकर गेंदबाज पर हावी रहने की कोशिश करते हैं। हमें पता है कि अगर हम गेंद को बल्ले के बीचो-बीच खेलने में सफल रहते हैं तो सामने वाले गेंदबाजों पर दबाव बना सकते हैं। खुद दबाव में आने से अच्छा है क्यों न सामने वाले पर दबाव बनाया जाए। मैच से पहले हम सभी बल्लेबाज बात करेंगे कि हमें किस रणनीति के तहत खेलना है और कैसी बल्लेबाजी करनी है। हमें पता है कि अगर हम देर तक पिच पर जम गए तो रन अपने आप आएंगे। और अगर आप स्कोर बोर्ड पर बड़ा स्कोर टांगने में सफल रहे तो बाकी काम आपके गेंदबाज आसानी से कर देंगे।
सवाल- आपकी फॉर्म पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। आप कोई जवाब देना चाहेंगे?
जवाब- यह मेरे लिए नया नहीं है। अंडर-19 और रणजी ट्रॉफी क्रिकेट के दौरान भी मैंने ऐसा समय देखा है। आप अपने अनुभव से बहुत कुछ सीखते हो और उससे इस तरह के समय को काटने की हिम्मत आती है। सभी बड़े खिलाड़ियों के सामने ऐसा समय आता है। आप ऐसी परिस्थितियों में खुद को कैसे शांत रखते हो यह महत्वपूर्ण होता है। मैं सफलता और असफलता को एक ही तरह से आंकता हूं। आप दोनों ही तरह की परिस्थितियों से सीखते हो। मैं खराब समय में भी अपने आप को तैयार रखता हूं। सभी की तरह मैं भी एक मौके की तलाश में हूं।