Yuvraj Singh ने ऐसे तय किया था सफलता का सफर, इन पारियों को याद रखेगी दुनिया
भारतीय टीम के विस्फोटक बल्लेबाज रहे Yuvraj Singh के टैलेंट को 2000 में तब पहचान मिली जब वह अंडर 19 वर्ल्ड कप में अपने करियर के दूसरे वनडे मैच में ही दोहरा शतक ठोक दिया।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय टीम के विस्फोटक बल्लेबाज रहे युवराज सिंह के टैलेंट को 2000 में पहचान मिली। वह अंडर 19 वर्ल्ड कप के दौरान अपने दूसरे वनडे मैच में ही दोहरा शतक जमाकर दुनिया भर के क्रिकेट के चाहने वालों की नजरों आ गए। श्रीलंका के खिलाफ खेले गए इस मैच में युवराज सिंह ने जबरदस्त बल्लेबाजी करते हुए सेलेक्टर्स का ध्यान अपनी ओर खींचा। आइए नजर डालते हैं युवराज सिंह के सक्सेसफुल क्रिकेट करियर पर।
जनवरी 2000: 12 दिसंबर 1981 को जन्मे युवराज सिंह ने 2000 में अंडर 19 वर्ल्ड कप में अपने करियर के दूसरे वनडे मैच में ही धमाका कर दिया था। ट्रिअंफ में खेले जा रहे अंडर 19 वर्ल्ड कप में उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ दोहरा शतक जमाकर क्रिकेट की दुनिया में तहलका मचा दिया था। उन्होंने ताबड़तोड़ 203 रन बनाए थे। इस टूर्नामेंट के कुछ समय बाद ही युवराज सिंह को राष्ट्रीय टीम में शामिल कर लिया गया था।
अक्टूबर 2000: युवराज सिंह ने एक बार फिर अपने प्रदर्शन से दुनिया भर के क्रिकेट फैंस को चौंका दिया जब भारतीय टीम मैच फिक्सिंग क्राइसिस से जूझ रही थी। इस दौरान आईसीसी के नॉकआउट टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ युवराज सिंह ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की थी। इस मैच में युवराज ने 80 बॉल में तेज तर्रार 84 रनों की पारी खेली थी। उन्होंने अपने दम पर यह मैच टीम को जिताया था।
जुलाई 2002: नेटवेस्ट सीरीज के दौरान इंग्लैंड के खिलाफ युवराज सिंह की मोहम्मद कैफ के साथ खेली गई पारी को उनके फैंस आज तक नहीं भुला सके हैं। इस मैच में भारतीय टीम 325 रनों का पीछा कर रही थी और शीर्ष क्रम सस्ते में आउट होकर पवेलियन जा चुका था। हार का सामना करती दिख रही भारतीय टीम को युवराज सिंह ने तेज तर्रार 69 रन बनाकर जीत दिलाई थी।
सितंबर 2007: पहले टी 20 वर्ल्ड कप में युवराज सिंह ने अपने शानदार प्रदर्शन से रिकॉर्ड बना दिए। इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए मैच में युवराज सिंह ने तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड की 6 गेंदों पर 6 छक्के लगाकर रिकॉर्ड कायम कर दिया। उनका यह रिकॉर्ड आज तक कोई भी खिलाड़ी नहीं तोड़ सका है।
सितंबर 2007: टी 20 वर्ल्ड कप के दौरान सेमीफाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ युवराज सिंह ताबड़तोड़ बल्लेबाजी को याद किया जाता है। इस मैच में युवराज ने ताबड़तोड़ 70 रन बनाए थे। यह वर्ल्ड कप भारतीय टीम ने जीता था।
6️⃣ 6️⃣ 6️⃣ 6️⃣ 6️⃣ 6️⃣
Wishing Yuvraj Singh a happy retirement from international cricket ✊ pic.twitter.com/Te0duzjlA0 — ICC T20 World Cup (@T20WorldCup) June 10, 2019
वर्ल्ड कप 2011: यह वर्ल्ड कप युवराज सिंह के लिए यादगार रहा। उन्होंने इस टूर्नामेंट में 1 शतक और 4 अद्धर्शतक लगाए। इस वर्ल्ड कप में उनका शानदार प्रदर्शन बरकरार रहा और युवराज ने 15 विकेट भी हासिल किए। यही वजह रही कि वह 4 बार मैन ऑफ द मैच भी चुने गए। पूरे विश्व कप टूर्नामेंट में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए युवराज को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट भी चुना गया। वह ऐसे इकलौते ऑलराउंडर हैं जिन्होंने एक वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में 15 विकेट और 302 रन बनाए हैं।
3️⃣9️⃣9️⃣ India caps
1️⃣7️⃣ international hundreds
6️⃣ sixes in an over
🏆 Player of the Tournament at #CWC11
Thank you, Yuvraj Singh! pic.twitter.com/cG5f4Y4r0B — ICC (@ICC) June 10, 2019
गौरतलब है कि 12 दिसंबर 1981 को जन्मे युवराज सिंह पिछले दो साल से टीम इंडिया के लिए किसी भी फॉर्मेट में क्रिकेट नहीं खेल रहे थे। खराब फॉर्म के कारण वह भारतीय टीम से बाहर चल रहे थे। युवराज सिंह ने भारतीय टीम के साथ अपना आखिरी वनडे मैच 30 जून 2017 को वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था। इसके अलावा युवराज ने ने अपना आखिरी टी-20 मैच 1 फरवरी 2017 को इंग्लैंड के खिलाफ खेला। युवराज सिंह ने अपना आखिरी टेस्ट मैच दिसंबर 2012 में इंग्लैंड के ही खिलाफ खेला था।
The man who starred in India's 2007 World T20 and 2011 World Cup victories, @YUVSTRONG12 announces his retirement from International cricket.
What's your favourite #YuvrajSingh moment in international cricket? pic.twitter.com/7Bw5LnwOFG— BCCI (@BCCI) June 10, 2019
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