युवराज सिंह ने रिटायरमेंट के एक साल बाद बीसीसीआइ को खास वजह से जमकर लताड़ा
युवराज सिंह ने कहा कि उनके करियर के अंत में बीसीसीआइ का जो रवैया था वो निराश करने वाला रहा।
नई दिल्ली, जेएनएन। युवराज सिंह ने 2017 में भारतीय वनडे टीम में वापसी की थी और वो वनडे वर्ल्ड कप 2019 के लिए टीम इंडिया का हिस्सा बनने को तैयार दिखे थे। युवी ने वापसी करने के बाद वनडे में 41.33 की औसत से रन बनाए थे, लेकिन फिटनेस की वजह से उन्होंने टीम में अपनी जगह खो दी। वेस्टइंडीज टूर के बाद युवराज सिंह यो-यो टेस्ट पास करने में सफल नहीं रहे और फिर उन्हें श्रीलंका के खिलाफ सीरीज के लिए टीम में नहीं चुना गया। हालांकि युवराज को बोर्ड की तरफ से यो-यो टेस्ट में फेल होने के बाद एक फेयरवेल मैच खेलने का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया था।
बाद में युवराज सिंह ने इस टेस्ट को पास कर लिया, लेकिन तब तक टीम मैनेजमेंट उनसे आगे निकल चुका था। युवराज सिंह ने फिर 2019 वनडे वर्ल्ड कप के दौरान इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट ले ली। अब अपने रिटायरमेंट के एक साल के बाद उन्होंने बीसीसीआइ पर हमला बोला है और कहा कि बोर्ड उनके करियर के अंतिम क्षणों में उनके प्रति अनप्रोफेशनल रहा और उनका बर्ताव निराश करने वाला रहा।
युवराज सिंह ने एक वेबसाइट से बात करते हुए कहा कि बोर्ड के इस रैवये से मुझे हैरानी नहीं हुई क्योंकि वर्ल्ड कप विनर वीरेंद्र सहवाग व जहीर खान जैसे खिलाड़ियों के साथ ऐसा हो चुका था। मुझे ऐसा महसूस होता है कि मेरे करियर के अंत में उन्होंने जिस तरह का बर्ताव मेरे साथ किया जो पूरी तरह से अनप्रोफेशनल था। आप देखें तो सहवाग, जहीर व हरभजन सिंह के साथ भी ऐसा हो चुका है और मेरे साथ भी ऐसा ही किया गया। इस तरह का बर्ताव करना भारतीय क्रिकेट का हिस्सा है।
युवराज सिंह साल 2012 के बाद वनडे टीम के नियमित सदस्य नहीं बन पाए थे। हालांकि उन्होंने इसके बाद तीन टी20 वर्ल्ड कप खेले, लेकिन वो वनडे में अपना स्थान नियमित नहीं कर पाए। साल 2014-15 रणजी सीजन में युवराज ने लगातार तीन शतकीय पारी खेली, लेकिन उन्हें 2015 वनडे वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया में शामिल नहीं किया गया। हालांकि 2017 में उन्होंने वनडे में वापसी की, लेकिन वो सिर्फ 7 महीनों तक ही खेल पाए। इस दौरान उन्होंने 11 वनडे और तीन टी20 मैच खेले। 304 वनडे में उन्होंने 8701 रन बनाए और 111 विकेट लिए। वहीं 58 टी20 मैचों में उन्होंने 1177 रन बनाए और 28 विकेट लिए। उन्होंने भारत के लिए 40 टेस्ट मैच भी खेले थे।