सौरव गांगुली का खुलासा, इस खिलाड़ी की एक पारी ने बचाया लिया था मेरा करियर
सौरव गांगुली ने कहा कि मैंने कुछ समय पहले लक्ष्मण को मैसेज किया था कि इस किताब का शीर्षक गलत है
नई दिल्ली, जेएनएन। वीवीएस लक्ष्मण की करियर की जब भी बात होती है तो सबसे पहले आपके जहन में क्या आता है शायद वहीं जो सबके आता है, मतलब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई 281 रन की पारी। इस पारी से पहले वीवीएस लक्ष्मण कभी टीम से अंदर होते तो कभी बाहर। लेकिन इस पारी के बाद उन्होंने ना केवल टीम में अपनी जगह पक्की कर ली बल्कि उस समय टीम के कप्तान सौरव गांगुली का भी करियर बचाया। साल 2000 की शुरुआत में टीम इंडिया मैच फिक्सिंग के साए में घिरी हुई थी। और गहरे दबाव में थी।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उस सीरीज में टीम इंडिया पहले से ही 0-1 से पीछे थी और इसके बाद कोलकाता टेस्ट में उन्हें पहली पारी में फॉलओन झेलना पड़ा था लेकिन इसके बाद लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ ने ऐतिहासिक पारियां खेलते हुए मैच में आगे कर दिया। उस पारी में लक्ष्मण ने 281 और राहुल द्रविड़ ने 180 रन की पारी खेली थी। इन दोनों बल्लेबाजों ने 5वें विकेट के लिए 376 रव की साझेदारी कर भारत को 171 रन से जीत दिलाने में अहम योगदान दिया था। इसी हार के साथ स्टीव वॉ की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलिया टीम का लगातार 16 जीत का विजयरथ में रूक गया।
अब वीवीएस लक्ष्मण की आत्मकथा '281 ऐंड बियोंड’ के कोलकाता चरण के दौरान सौरव गांगुली ने कहा कि मैंने कुछ समय पहले लक्ष्मण को मैसेज किया था कि इस किताब का शीर्षक गलत है, क्योंकि इसका शीर्षक होना चाहिए था '281 ऐंड बियोंड और डेट सेव्ड सौरभ गांगुली करियर’
गांगुली ने कहा कि ये शीर्षक गलत है क्यों कि अगर लक्ष्मण 281 रन की पारी नहीं खेलता तो हम वह टेस्ट हार जाते और उसके बाद शायद मैं दोबारा कप्तान नहीं बन पाता। इसी के साथ गांगुली ने कहा कि उस दौरान उनसे गलती भी हुई कि उन्होंने साल 2003 वर्ल्डकप टीम से लक्ष्मण को बाहर कर दिया था।
लक्ष्मण ने कहा कि उस समय जब मैं टीम इंडिया से बाहर हुआ तो मुझे लगा कि मैं वर्ल्डकप खेलने के लिए क्रिकेटर नहीं बना हूं बल्कि खेल के लिए बना हूं। लक्ष्मण ने उस समय को याद करते हुए कहा कि मैंने अपने आप से कहा कि मैं उन चुनिंदा भाग्यशाली लोगों में से हूं, जिन्हें मौका मिला है और मुझे इसे बेकार नहीं देना चाहिए।