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विराट ने कहा- 'पागल इंसान की तरह सोता था, 4-5 दिन में 40 टॉफियां खाता था', IPL 2012 ने मुझे बदला

विराट कोहली ने कहा कि 2012 आइपीएल सीजन के बाद जब मैंने खुद को देखा तो मुझे निराशा हुई और मैंने खुद को बदलने की बात सोची।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2020 01:49 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 05:32 PM (IST)
विराट ने कहा- 'पागल इंसान की तरह सोता था, 4-5 दिन में 40 टॉफियां खाता था', IPL 2012 ने मुझे बदला
विराट ने कहा- 'पागल इंसान की तरह सोता था, 4-5 दिन में 40 टॉफियां खाता था', IPL 2012 ने मुझे बदला

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली वर्ल्ड क्रिकेट में अपने प्रदर्शन के लिए तो जाने ही जाते हैं साथ ही साथ उनकी फिटनेस की पूरी दुनिया कायल है। विराट अपनी फिटनेस को लेकर बहुत ही सजग रहते हैं और अपने खान-पान से लेकर अपनी एक्सरसाइज पर विशेष ध्यान देते हैं। विराट कोहली के निरंतर प्रदर्शन के पीछे उनकी फिटनेस का भी अहम योगदान है तो वहीं एक वक्त ऐसा भी था जब वो फिटनेस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते थे। हाल ही में उन्होंने अपने उस वक्त को याद किया जब उन्हें अहसास हुआ कि वो उच्चतम स्तर पर सफल होने के लिए पर्याप्त मेहनत नहीं कर रहे हैं। 

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हाल ही में मयंक अग्रवाल से बात करते हुए उन्होंने बताया कि आइपीएल 2012 सीजन के बाद वो खुद को देखकर निराश थे और फिर उन्होंने फैसला किया कि वो जिस तरह से ट्रेनिंग कर रहे हैं उसमें बदलाव करेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि दुनिया की सभी टीमें बदल रही थी खास तौर पर ट्रेनिंग को लेकर जबकि टीम इंडिया फिटनेस को लेकर उनसे काफी फीछे थी जो बात उन्हें परेशान करती थी। 

विराट कोहली ने बताया कि उनका डायट कितना खराब था और वो आइपीएल के दौरान 4-5 दिन में 40 टॉफियां खा जाते थे। उन्होंने कहा कि उनके सामने जो भी होता था वो खा जाते थे और वो बहुत ही ज्यादा सोते थे जिसमें परिवर्तन करने की जरूरत थी। विराट के लिए आइपीएल 2011 काफी अच्छा रहा था और उन्होंने 16 मैचों में 557 रन बनाए थे जबकि अगले सीजन यानी 2012 में 16 मैचों में वो 364 रन की बना पाए। 2012 आइपीेएल सीजन में किए अपने प्रदर्शन के बाद ही विराट का अपने फिटनेस के प्रति मन बदला और उन्होंने अपनी डायट व ट्रेनिंग में बदलाव किए। 

विराट ने कहा कि आइपीएल 2012 के प्रदर्शन ने मुझे निराश किया और मैंने अपनी फिटनेस पर ध्यान देना शुरू किया। उस वक्त मेरे सामने जो आता था खा लेता था। हम ज्यादातर आइटीसी गार्डेनिया में रुकते थे जहां मेरे पास टॉफी का पैकेट होता था जिसमें 40 टॉफियां होती थी और मैं इसे 4-5 दिन में खा लेता था। उस वक्त वही मेरा डायट हुआ करता था। उन्होंने कहा कि मैं उस वक्त पागल इंसान की तरह सोता था क्योंकि उस समय मुझे सफलता मिली थी और सबकुछ अच्छा हो रहा था और मैं आइपीएल भी खेलने लगा था। हालांकि 2012 सीजन में किए प्रदर्शन की वजह से मुझे अहसास हुआ का मुझे बदलने की जरूरत है। मैं घर वापस गया और मुझे महसूस हुआ कि जिस तरह से मैं तैयारी कर रहा हूं उसे बदलने की जरूरत है। इसके बाद मैंने अगले ही दिन से सबकुछ बदल दिया। 


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