विदेशी दौरों पर क्रिकेटरों के परिवार को संभालना बीसीसीआइ के लिए बना बड़ा सिरदर्द
लंबे विदेशी दौरे पर क्रिकेटरों के परिवार उनके साथ दो सप्ताह तक रह सकते हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड इन दिनों एक नई समस्या से जूझ रहा है। दरअसल लंबे विदेशी दौरों के लिए बीसीसीआइ ने क्रिकेटरों के परिवार के लिए कुछ वक्त तय किए हैं जब वो उनके साथ रह सकते हैं। इस दौरान क्रिकेटर अपनी पत्नी, बच्चों और परिवारों के साथ यात्रा करते हैं। सूत्रों के मुताबिक बीसीसीआइ को ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बोर्ड को खिलाड़ियों व उनके परिवारों के साथ सपोर्ट स्टाफ के आने-जाने को लेकर काफी परेशानी उठानी पड़ी। वहां इन सबकी संख्या करीब 40 तक थी। इतनों लोगों को एक साथ लाने व ले जाने के लिए दो बसों को किराए पर लिया गया फिर भी इतने लोगों के संभालना मुश्किल हो रहा था। आपको बता दें कि बीसीसीआइ ने लंबे विदेशी दौरों के लिए खिलाड़ियों के परिवार को उनके साथ रहने के लिए दो सप्ताह की अनुमति दी है।
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने विदेशी दौरों पर पत्नी व गर्लफ्रेंड को साथ रखने की अनुमति देने के लिए कहा था। इसके बाद बोर्ड ने क्रिकेटरों के परिवार को टूर के शुरुआती दस दिनों के बाद ठहरने की अनुमति दी थी। इसके साथ ही फैमिली पीरियड की भी कोशिश की जिसमें तय समय के बीच परिवारों को खिलाड़ियों से मिलने की अनुमति दी जाती जो हर दौरे के साथ अलग-अलग था। हालांकि बोर्ड के लिए परिवारों की मुलाकात ज्यादा मंहगी नहीं पड़ती है क्योंकि खिलाड़ी अपने पविवारों के बिल खुद चुकाते हैं लेकिन उनके सामानों को लाना-लेजाना या फिर ट्रांसपोर्ट बड़ी चुनौती बन जाती है।
बीसीसीआइ के एक अधिकारी ने कहा कि अगर दौरे पर कम सदस्यों के साथ टीम जाती है तो उन्हें संभालना आसान होता है। पर ज्यादा लोगों को संभालना बड़ी चुनौती होती है। बोर्ड के स्टाफ के लिए मैदान से बाहर व्यवस्था कना भी आसान होता है। टिकट बुक करने से लेकर रूम तक सब कुछ बोर्ड के हाथ में ही है। अधिकारी ने कहा कि विश्व कप में इंग्लैंड दौरे पर खिलाड़ियों के परिवार उनके साथ होंगे और हमारे लिए सबकुछ संभालना थोड़ा मुश्किल होगा।
बोर्ड इस बात से भी खुश नहीं है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कुछ खिलाड़ी जो नियमित नहीं हैं उनके परिवार भी दो सप्ताह तक उनके साथ रहे। बोर्ड के मुताबिक सभी को एक साथ मैनेज करना काफी मुश्किल काम है। ये मामला पैसों का नहीं है। क्रिकेटरों के परिवार के लिए भी एक साथ मैच टिकट बुक कराना भी बड़ी चुनौती होती है।