DLS मेथड से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बदलाव लाने वाले टोनी लुईस का निधन
DLS मेथड से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बड़ा बदलाव आया था। इस मेथड के एक जनक टोनी लुईस का निधन हो गया है।
लंदन, आइएएनएस। डकवर्थ-लुईस मेथड यानी DLS मेथड से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बड़ा बदलाव आया था, क्योंकि इस पद्धति से बारिश से बाधित मैचों का नतीजा निकालने में आसानी होती थी। इसी मेथड को बनाने वाले यानी इस मेथड के एक जनक टोनी लुईस (Tony Lewis) का निधन हो गया है। टोनी लुईस ने 78 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। 90 के दशक में टोनी लुईस ने अपने साथी मैथमैटिशियन फ्रैंक डकवर्थ (Frank Duckworth) के साथ मिलकर इस नियम को बनाया था।
साल 1997 में इस पद्धति को टोनी लुईस और फ्रैंक डकवर्थ ने बनाया था, जिसे साल 1999 में आधिकारिक रूप से इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आइसीसी ने अपनाया था। रन चेज करते हुए अगर बारिश आती है तो फिर आइसीसी के डीएलएस मेथड से ही मैचों का नतीजा निकाला जाता है। हालांकि, 2014 से पहले इस मेथड का नाम सिर्फ डीएल मेथड था, लेकिन 2014 में इसके साथ एस नाम और जुड़ गया था।
डीएल मेथड बना डीएलएस मेथड
दरअसल, साल 2014 में टोनी लुईस और फ्रैंक डकवर्थ की टीम को ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड के रहने वाले प्रोफेसर स्टीवन स्टर्न भी इसमें शामिल हो गए थे। इसके बाद इस मेथड को नाम मिला डकवर्थ-लुईस-स्टर्न मेथड यानी DLS मेथड। इस मेथड का सबसे पहला प्रयोग साल 2015 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में हुए वर्ल्ड कप में हुआ था, जिसमें मिली सफलता के बाद इस नियम को लगातार जारी रखा गया, जो अब आधिकारिक है।
फिलहाल, बात टोनी लुईस की करते हैं जिनका निधन हो गया है। इस बात की जानकारी इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने एक बयान जारी कर दी है, जिसमें लिखा है, "यह ईसीबी के लिए बहुत दुख की बात है कि टोनी लेईस एमबीई का निधन 78 वर्ष की उम्र में हो गया है। टोनी और फ्रैंक दोनों के क्रिकेट में दिए गए योगदान के लिए हम सभी ऋणी हैं। हम टोनी के परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं।"