शार्दुल ठाकुर को ब्रिसबेन टेस्ट के बाद मिला नया 'निकनेम', सचिन तेंदुलकर का नाम भी साथ जोड़ा गया
शार्दुल ठाकुर ने ब्रिसबेन टेस्ट मैच की पहली पारी में 67 रन बनाए थे जिसमें उन्होंने 9 चौके व 2 छक्के लगाए थे। अपनी पारी के दौरान उन्होंने कमाल के बैक-फुट पंच कवर ड्राइव और फ्लिक शॉट लगाए और इसके बाद उन्हें नया निकनेम मिला था।
नई दिल्ली, जेएनएन। Shardul Thakur new nickname Shardulkar: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे यानी ब्रिसबेन टेस्ट मैच में टीम इंडिया की जीत में बड़ी भूमिका कई कम अनुभवी खिलाड़ियों ने निभाई थी और गाबा टेस्ट मैच जीतकर भारतीय टीम ने अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में टेस्ट सीरीज में जीत हासिल की थी। कई भारतीय खिलाड़ी इस टेस्ट मैच से पहले चोटिल होकर सीरीज से बाहर हो गए थे या फिर खेलने लायक नहीं थे ऐसे में भारत ने अपने बेंच स्ट्रेंथ को आजमाया और उन्होंने कमाल किया। इस मैच में शार्दुल ठाकुर को भी मौका मिला था जो साल 2018 में भारत के लिए एक टेस्ट मैच खेल चुके थे, लेकिन उन्होंने अपने डेब्यू टेस्ट में सिर्फ 11 गेंदें ही फेंकी थी।
ब्रिसबेन में उन्हें जैसे ही मौका मिला, ऐसा लगा जैसे कि वो इसका इंतजार कर रहे थे और उन्होंने ना सिर्फ अपनी गेंदबाजी बल्कि बल्लेबाजी से भी सबको चौंका दिया। ब्रिसबेन टेस्ट मैच की पहली पारी में टीम इंडिया के छह विकेट 186 रन पर गिर गए थे, लेकिन इसके बाद शार्दुल ने वाशिंगटन सुंदर के साथ मिलकर सातवें विकेट के लिे 123 रन की साझेदारी करते हुए टीम के स्कोर को 300 के पार पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। इस पारी में उन्होंने 9 चौके व 2 छक्कों की मदद से 67 रन बनाए थे और भारत की तरफ से पहली पारी में सबसे ज्यादा स्कोर बनाने वाले बल्लेबाज रहे थे।
शार्दुव व सुंदर की ऐसी बल्लेबाजी से टीम इंडिया को पहली पारी में संजीवनी मिल गई थी और फिर दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाजों ने कमाल करते हुए मैच जीत लिया। वैसे शार्दुल ने जो पारी खेली थी उसकी तारीफ कमेंटेटर व उनके साथी खिलाड़ियों ने भी की थी। अपनी पारी के दौरान शार्दुल ने जो शॉट्स लगाए खास तौर पर बैक-फुट पंच, कवर ड्राइव और फ्लिक शॉट कमाल के थे। अब टीम इंडिया के फिल्डिंग कोच आर श्रीधर ने बताया है कि शार्दुल ठाकुर की इस पारी के बाद उन्हें एक नया निकनेम दिया गया।
आर श्रीधर ने आर अश्विन के साथ उनके यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए बताया कि, शार्दुल के बैटिंग स्किल और खास तौर पर उनके फ्लोलेस ड्राइव और फ्लिक शॉट के लिए उन्हें नया निकनेम दिया गया। हमने उनका नाम 'शार्दुलकर' रखा यानी तेंदुलकर के बाद। हमारे पास शार्दुलकर थे जो शानदार कवर ड्राइव लगा रहे थे।