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युवराज सिंह को सुरेश रैना ने दिया करारा जवाब- 'Dhoni को पता है मैं टैलेंटेड हूं, तभी किया सपोर्ट'

सुरेश रैना ने कहा कि MS Dhoni की अच्छी बात ये थी कि अच्छा नहीं खेलने पर वो तुरंत कहते थे कि अगर सही नहीं खेला तो मुझे बड़ा कदम उठाना होगा।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 07:47 AM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 08:00 AM (IST)
युवराज सिंह को सुरेश रैना ने दिया करारा जवाब- 'Dhoni को पता है मैं टैलेंटेड हूं, तभी किया सपोर्ट'
युवराज सिंह को सुरेश रैना ने दिया करारा जवाब- 'Dhoni को पता है मैं टैलेंटेड हूं, तभी किया सपोर्ट'

नई दिल्ली, जेएनएन। सुरेश रैना ने अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करियर के ज्यादातर मैच MS Dhoni की कप्तानी में ही खेला। धौनी ने रैना के मुश्किल समय में भी उन्हें काफी सपोर्ट किया और इस खिलाड़ी ने भी कभी अपने कप्तान को निराश नहीं किया। हाल ही में युवराज सिंह ने कहा था कि जब धौनी कप्तान थे तब सुरेश रैना उनके फेवरेट प्लेयर थे। 

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सरेश रैना ने अब युवराज की इस बात का जवाब देते हुए कहा है कि माही भाई हमेशा उन्हें सपोर्ट करते थे क्योंकि उन्हें पता था कि मैं टैलेंटेड हूं। रैना ने याद करते हुए कहा कि किस तरह से उनके खराब फॉर्म के दौरान धौनी उन्हें सावधान करते थे। इसके बाद रैना उन्हें विश्वास दिलाते थे कि वो गलतियों को नहीं दोहराएंगे और आने वाले मुकाबले में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। 

रैना ने कहा कि एम एस मुझे सपोर्ट करते थे। वो इसलिए मेरा समर्थन करते थे क्योंकि उन्हें पता था कि मुझमें टैलेंट है। उन्होंने मुझे सपोर्ट किया और मैंने टीम इंडिया और सीएसके के लिए अच्छा प्रदर्शन किया। उनकी सबसे अच्छी बात ये है कि वो आपको दो मैच के बाद कहेंगे कि अगर तुम स्कोर नहीं करोगे, तो मैं कोई बड़ा कदम उठाना होगा। फिर मैं कहता था मुझे एक या दो मैच में मौका दो, मैं अपनी गलतियों को फिर नहीं दोहराउंगा। रैना ने फैनकोड से बात करते हुए ये बातें कहीं। 

रैना ने कहा कि मध्यक्रम के बल्लेबाजों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है क्योंकि लगभग हर मैच में उन्हें अलग-अलग तरह की चुनौतियां मिलती हैं।  रैना टीम इंडिया के लिए पांचवें या छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते थे, एक बार उन्होंने चौथे नंबर पर बल्लेबाजी की थी, तब काफी सारे सवाल खड़े हुए थे। उन्होंने कहा कि मध्यक्रम में बल्लेबाजी आसान नहीं होता। कभी आपको 10-15 ओवर तो कभी 30 ओवर भी बल्लेबाजी करनी होती है। हमें हर बार अलग-अलग स्थिति का सामना करना होता है। मध्यक्रम में बल्लेबाजी मेरे लिए चुनौती रही है और मैंने इसे हमेशा ही सकारात्मक तौर पर लिया है। 

रैना ने कहा कि मैं एमएस धौनी का शुक्रगुजार हूं क्योंकि वो हमेशा मेरे प्रशंसक रहे हैं और उन्हें हमेशा से पता था कि मेरे पास किस तरह की प्रतिभा है। दादा (सौरव गांगुली) के बाद वो हमारे सबसे महान कप्तान हैं। मुझे लगता है कि हमें उन बातों का आनंद उठाना चाहिए जब हमने वर्ल्ड कप खेला था। साल 2011 में धौनी ने रैना को सपोर्ट किया था और इसी वजह से वो इस वर्ल्ड कप का हिस्सा बन पाए थे। रैना ने कहा कि मैं खुश हूं कि मैं वनडे वर्ल्ड कप 2011 का हिस्सा था क्योंकि उन्होंने मुझे सपोर्ट किया था। 


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