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BCCI के सीईओ राहुल जौहरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले की सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

यौन उत्पीड़न मामले में सीएबी के सचिव आदित्य वर्मा ने दायर की याचिका।

By Rajat SinghEdited By: Published: Tue, 07 May 2019 08:34 AM (IST)Updated: Tue, 07 May 2019 10:04 AM (IST)
BCCI के सीईओ राहुल जौहरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले की सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
BCCI के सीईओ राहुल जौहरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले की सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली,जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह जुलाई में बीसीसीआइ के सीईओ राहुल जौहरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के मामले में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (CAB) के सचिव आदित्य वर्मा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति एसए बोबडे और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ ने कहा कि उचित पीठ के समक्ष अन्य आवेदनों के साथ वर्मा के आवेदन को भी शामिल किया जाए।

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पटना हाई कोर्ट के वकील जगनाथ सिंह ने वर्मा के वकील के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में जौहरी के ऊपर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के बारे में सुप्रीम कोर्ट से सुनने की गुहार लगाई। हालांकि, बीसीसीआइ के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि याचिकाकर्ता का बेटा राज्य की टीम में नहीं खेल पा रहा है इसलिए वह जौहरी के नाम को खराब करने के लिए ऐसा कर रहे हैं, लेकिन कोर्ट ने बोर्ड के वकील की बातों की अनसुनी कर दी और कहा कि वह इस मामले को जुलाई के पहले सप्ताह में सुनेगा। हाल ही में खबर आई थी कि सुप्रीम कोर्ट जौहरी से संबंधित यौन उत्पीड़न मामले के लिए विशेष सुनवाई नहीं करेगा।

यौन उत्पीड़न मामले में सीएबी के सचिव आदित्य वर्मा ने दायर की याचिका
वर्मा लगातार प्रशासकों की समिति (सीओए) के प्रमुख विनोद राय पर दोहरे मानदंड अपनाने के आरोप लगाते रहे हैं। वर्मा ने कहा कि जब तक बीसीसीआइ में राहुल जौहरी और सीओए के अध्यक्ष विनोद राय जैसे लोग रहेंगे, तब तक बोर्ड में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी होती रहेगी। साफ दिखता है कि सीओए ने जौहरी को बचाने का काम किया। मैं लंबे समय से बीसीसीआइ में हो रही गड़बड़ियों के खिलाफ लड़ता रहा हूं लेकिन जिस तरह से सीओए द्वारा यौन उत्पीड़न के मामले का निपटारा किया गया, उससे मैं दुखी हूं। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने भी इनकी कार्य शैली पर सवाल उठाए हैं।

क्या है मामला
जौहरी पर बीसीसीआइ में काम करने वाली एक महिला ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था लेकिन सीओए द्वारा गठित जांच समिति ने उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया था। जौहरी के मामले के लिए तीन सदस्यीय स्वतंत्र जांच समिति बनाई गई थी, लेकिन उसके तीनों सदस्य राकेश शर्मा (रिटायर्ड), बरखा सिंह और वीना गौड़ा के विचारों में मतभेद थे। दो सदस्यों ने संदेह का लाभ देते हुए जौहरी को क्लीन चिट दी, जबकि एक सदस्य (गौड़ा) ने उन्हें अपराधी बताया था।

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