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सुनील गावस्कर के टेस्ट डेब्यू के '50 साल' पूरे, बीसीसीआइ ने किया सम्मानित

सुनील गावस्कर को टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण के 50 साल पूरे होने पर शनिवार को नरेंद्र मोदी स्टेडियम में सम्मानित किया गया। बीसीसीआइ सचिव जय शाह ने भारत और इंग्लैंड के बीच चौथे क्रिकेट टेस्ट के तीसरे दिन लंच ब्रेक में स्मृति स्वरूप ब्लू कैप प्रदान की।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sat, 06 Mar 2021 07:51 PM (IST)Updated: Sat, 06 Mar 2021 07:51 PM (IST)
सुनील गावस्कर के टेस्ट डेब्यू के '50 साल' पूरे, बीसीसीआइ ने किया सम्मानित
सुनील गावस्कर को नरेंद्र मोदी स्टेडियम में सम्मानित किया गया (फोटो- दैनिक जागरण)

विशेष संवाददाता, अहमदाबाद। भारत के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर को टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण के 50 साल पूरे होने पर शनिवार को नरेंद्र मोदी स्टेडियम में सम्मानित किया गया। यहां कमेंटेटर के रूप में मौजूद 71 वर्ष के पूर्व कप्तान गावस्कर को बीसीसीआइ सचिव जय शाह ने भारत और इंग्लैंड के बीच चौथे क्रिकेट टेस्ट के तीसरे दिन लंच ब्रेक में स्मृति स्वरूप ब्लू कैप प्रदान की।

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बीसीसीआइ सचिव जय शाह ने कहा कि गावस्कर जी के भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण के 50 साल पूरे होने का जश्न। सभी भारतीयों के लिए यह बड़ा पल और हम दुनिया के सबसे बड़े नरेंद्र मोदी स्टेडियम में इसका जश्न मना रहे हैं। इस दौरान दर्शकों ने एक विशालकाय फ्लैक्स से एक स्टैंड को ढक दिया। इसमें सुनील मनोहर गावस्कर की तस्वीर के साथ उनकी उपलब्धियां दर्ज थीं।

गावस्कर ने 1971 से 1987 के बीच भारत के लिए 125 टेस्ट और 108 वनडे खेलकर क्रमश: 10122 और 3092 रन बनाए। वह 1983 की विश्व कप विजेता टीम के भी सदस्य थे। सचिन तेंदुलकर ने 2005 में उनके सर्वाधिक टेस्ट शतक (34) का रिकॉर्ड तोड़ा। गावस्कर ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पदार्पण मैच में पहली पारी में 65 और दूसरी में 67 रन बनाए थे। भारत ने वह मैच और वेस्टइंडीज में पहली सीरीज जीती थी।

खास बात यह है कि गावस्कर को जिस जगह सम्मानित किया गया, वहीं पर पुराने मोटेरा स्टेडियम में 34 साल पहले सात मार्च 1987 को उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 10,000 टेस्ट रन बनाए थे। पूर्व पाकिस्तानी कप्तान इंजमाम उल हक ने कहा था कि गावस्कर के तब के 10,000 रन अब के 16,000 रनों के बराबर हैं।

गावस्कर ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट की पहली पारी में 65 और दूसरी पारी में 67 रन बनाए थे। इसके बाद जॉर्जटाउन में खेले गए दूसरे टेस्ट की पहली पारी में 116 और दूसरी पारी में 64 नाबाद रन बनाए। तीसरे टेस्ट की पहली पारी उनके लिए खास नहीं रही थी और एक रन पर आउट हुए, लेकिन दूसरी पारी में 117 रन ठोक डंका बजाया। सीरीज का आखिरी टेस्ट पोर्ट ऑफ स्पेन में था और पहली पारी में उन्होंने 124 व दूसरी पारी में 220 रन बनाए। वह उनका पहला दोहरा शतक था। इसी के साथ भारत के नए टेस्ट युग का आगाज हुआ था। उन्होंने अपनी पहली टेस्ट सीरीज में चार टेस्ट में 154.80 के औसत के साथ 774 रन बनाए जो आज तक किसी भी भारतीय खिलाड़ी ने नहीं बनाए हैं। गावस्कर जब रिटायर्ड हुए थे तो सबसे ज्यादा टेस्ट रन और सबसे ज्यादा टेस्ट खेलने का रिकॉर्ड उनके नाम था।

नंबर गेम :

-10,000 रन बनाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज थे। फिलहाल दुनिया में सबसे ज्यादा टेस्ट रनों (15921) का रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर के नाम है। 

-34 टेस्ट शतक बनाए। गावस्कर ने ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमैन के 29 शतक का रिकॉर्ड तोड़ा था। बाद में सचिन (51) ने गावस्कर का रिकॉर्ड तोड़ा। 

-47 टेस्ट और 37 वनडे में भारत के लिए कप्तानी की। उन्होंने 125 टेस्ट में 51 की औसत से 214 पारियों में 10,122 रन बनाए। इसमें 45 अर्धशतक भी शामिल हैं। उनके नाम चार दोहरे शतक भी हैं। 

-700 से ज्यादा रन दो टेस्ट सीरीज में बनाने वाले इकलौते भारतीय बल्लेबाज। वह टेस्ट की दोनों पारियों में तीन बार शतक जड़ने वाले इकलौते भारतीय खिलाड़ी बने। 

-200 से ज्यादा रन उन्होंने टेस्ट की पहली, दूसरी, तीसरी और चौथी पारी में बनाए हैं। वह ऐसा करने वाले दुनिया के इकलौते क्रिकेटर हैं। 


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