Move to Jagran APP

सब कुछ सामने हो रहा था लेकिन श्रीनिवासन बस देखते रहे

मुद्गल समिति की रिपोर्ट ने आइसीसी चेयरमैन एन श्रीनिवासन को किसी भी सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग में लिप्त नहीं पाया है। रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने आइपीएल-6 में भ्रष्टाचार की जांच को भी प्रभावित करने की कोई कोशिश नहीं की। लेकिन रिपोर्ट में यह बात भी साफ है कि अन्य चार

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Tue, 18 Nov 2014 03:19 AM (IST)Updated: Tue, 18 Nov 2014 03:35 AM (IST)
सब कुछ सामने हो रहा था लेकिन श्रीनिवासन बस देखते रहे

नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। मुद्गल समिति की रिपोर्ट ने आइसीसी चेयरमैन एन श्रीनिवासन को किसी भी सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग में लिप्त नहीं पाया है। रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने आइपीएल-6 में भ्रष्टाचार की जांच को भी प्रभावित करने की कोई कोशिश नहीं की। लेकिन रिपोर्ट में यह बात भी साफ है कि अन्य चार बीसीसीआइ अधिकारियों के साथ-साथ श्रीनिवासन को भी एक खिलाड़ी की अनुचित गतिविधियों और आचार संहिता के उल्लंघन की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

loksabha election banner

रिपोर्ट के आधार पर ताजा खुलासा मामले में नया मोड़ माना जा सकता है। श्रीनिवासन को भले क्लीन चिट दे दी गई हो, लेकिन उनकी नाक के नीचे फिक्सिंग व सट्टेबाजी होने और उस पर कोई कार्रवाई नहीं करने के दाग से वह बच नहीं सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट द्वारा क्रिकेट में स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी की जांच के लिए गठित जस्टिस मुद्गल की अगुआई में तीन सदस्यीय समिति ने हालांकि श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन को चेन्नई सुपरकिंग्स फ्रेंचाइजी का अधिकारी (टीम प्रिंसिपल) बताते हुए सट्टेबाजी में संलिप्त बताया है। मयप्पन के अलावा राजस्थान रॉयल्स के सहमालिक राज कुंद्रा को सट्टेबाजों के संपर्क में रहने और फिक्सिंग में शामिल बताया है। आइपीएल के पूर्व मुख्य संचालन अधिकारी (सीओओ) सुंदर रमन के बारे में भी कहा गया है कि उनके पास भी एक सïट्टेबाज का फोन नंबर था, जिससे उन्होंने सत्र के दौरान आठ बार संपर्क किया।

श्रीनि 13वें नंबर के व्यक्ति मुद्गल समिति ने खिलाडिय़ों और क्रिकेट प्रशासकों को नंबर से चिह्नित किया है। श्रीनिवासन को 13वें नंबर का व्यक्ति बताया गया है, लेकिन उनके दामाद मयप्पन को पहले नंबर पर रखा गया है। राज कुंद्रा को 11 और सुंदर रमन को 12 नंबर दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि श्रीनि व अन्य अधिकारियों को 'नंबर 03' खिलाड़ी की गलत गतिविधियों की जानकारी थी।

दागी खिलाड़ी से जुड़े मयप्पन के खिलाफ फिक्सिंग को लेकर तो कोई सुबूत नहीं मिले हैं, लेकिन सट्टेबाजी में वह भी शामिल थे। वह एक ऐसे खिलाड़ी के संपर्क में थे, जिसकी सट्टेबाजों के साथ बातचीत जारी थी।

कुंद्रा का सट्टेबाजों से सीधा संपर्क रिपोर्ट में कहा गया है कि राज कुंद्रा सट्टेबाजों से सीधे संपर्क में थे, जिस दौरान उन्होंने बीसीसीआइ और आइपीएल के तमाम नियम-कानून तोड़े। इसमें कहा गया है कि उनके खिलाफ राजस्थान पुलिस ने अचानक अपनी जांच रोक दी थी। कुंद्रा का एक दोस्त घोषित बुकी है। उसने धारा 164 में दर्ज कराए बयान में स्वीकार किया है कि वह कुंद्रा की ओर से सट्टा लगा रहा था। रमन ने स्वीकारी जानकारी की बात आइपीएल के सीओओ रमन ने जांच समिति के समक्ष सट्टेबाज का नंबर होने की बात स्वीकारी, लेकिन उस शख्स के सट्टेबाजी से जुड़े होने की जानकारी से इन्कार किया। रमन ने यह बात भी स्वीकार की कि उन्हें 'नंबर 01' और 'नंबर 12' (मयप्पन व कुंद्रा) के सट्टेबाजी में शामिल होने की जानकारी मिली थी।

'मयप्पन और राज कुंद्रा के मामले में कार्रवाई की जाएगी। यदि सुंदर रमन से बुकी से संपर्क की बात साबित होती है तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होगी। बीसीसीआइ किसी को भी माफ नहीं करेगा।' -शिवलाल यादव, बीसीसीआइ के अंतरिम अध्यक्ष


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.