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'चाबुक बल्लेबाज' Dhoni के टैलेंट को पहली ही नजर में पहचान लिया था गांगुली ने, की थी सटीक भविष्यवाणी

सौरव गांगुली ने कहा था कि हमारी टीम में चाबुक बल्लेबाज एम एस धौनी की एंट्री हो चुकी है।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Tue, 21 Jul 2020 04:23 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jul 2020 04:27 PM (IST)
'चाबुक बल्लेबाज' Dhoni के टैलेंट को पहली ही नजर में पहचान लिया था गांगुली ने, की थी सटीक भविष्यवाणी
'चाबुक बल्लेबाज' Dhoni के टैलेंट को पहली ही नजर में पहचान लिया था गांगुली ने, की थी सटीक भविष्यवाणी

नई दिल्ली, जेएनएन। सौरव गांगुली ने अपनी कप्तानी के दौरान कई युवा खिलाड़ियों को मौका दिया और उन्हें सपोर्ट किया। गांगुली के सपोर्ट और उन खिलाड़ियों पर जताए विश्वास की वजह से वो टीम इंडिया के लिए मैच जिताऊ खिलाड़ी बने। युवराज सिंह, वीरेंद्र सहवाग, हरभजन सिंह, आशीष नेहरा व जहीर खान ऐसे खिलाड़ी हैं जो समय-समय पर गांगुली के प्रति अपना आभार प्रकट करते रहते हैं कि किस तरह से इस कप्तान ने उन्हें बैक किया। यही नहीं ये गांगुली का ही फैसला था कि MS Dhoni को नंबर तीन पर बल्लेबाजी के लिए भेजा जाए और उनका ये फैसला भारतीय क्रिकेट के लिए काफी अच्छा साबित हुआ। 

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भारतीय क्रिकेट टीम में शुरुआत दिनों से ही धौनी को गांगुली द्वारा एक शक्तिशाली बल्लेबाज के रूप में पहचाना गया था क्योंकि गांगुली के पास शुरुआत से ही अच्छी प्रतिभा को पहचानने की काबिलियत थी। अब केकेआर के पूर्व टीम डायरेक्टर जॉय भट्टाचार्य ने बताया कि कैसे गांगुली ने धौनी की पहचान एक युवा 'चाबुक बैट्समैन' के तौर पर की थी। 

जॉय ने एक वाकया याद करते हुए कहा कि 2004 में बांग्लादेश दौरे के लिए जाते हुए एक फ्लाइट में गांगुली ने मुझसे कहा था कि हमारे पास अब नया चाबुक बल्लेबाज है। चाबुक बल्लेबाज का मतलब है कोड़ा मारने वाला बल्लेबाज। उन्होंने कहा कि ये नया चाबुक बल्लेबाज जो सामने आया है, आप देखना, एम एस धौनी एक दिन बड़ा स्टार बनेगा। 

भारत के लिए नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने वाले गांगुली ने कहा कि धौनी अब उनकी जगह बल्लेबाजी करेंगे और वो निचले क्रम पर उतरेंगे ताकि धौनी की क्षमता का सही इस्तेमाल हो सके। हालांकि वो कुछ मैचों में रन नहीं बना पाए, लेकिन उन्होंने 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ 123 गेंदों पर 148 रन की पारी खेलकर अपनी क्षमता को साबित कर दिया। 

जॉय ने कहा कि गांगुली में प्रतिभा को पहचानने की शानदार काबिलियत थी। अगर वो जान जाते थे कि आपमें प्रतिभा है तो वो आपको पूरा सपोर्ट करेंगे। अगर बल्लेबाज कुछ मौकों पर फेल भी हो जाता था तब भी वो उस खिलाड़ी को बैक करते थे क्योंकि उन्हें पता था कि आपमें रन बनाने की काबिलियत है। 

जय ने आगे कहा-'सौरव का वीरेंद्र सहवाग को सलामी बल्लेबाज बनाकर भेजना भारतीय क्रिकेट के लिए गेम चेंजर रहा है। उन्होंने सहवाग के कहा था कि मध्यक्रम में बहुत भीड़ है। अगर तुम भारत के लिए खेलना चाहते हो तो तुम्हें पारी की शुरुआत करनी होगी। मध्यक्रम में मैं, तेंदुलकर, द्रविड़, लक्ष्मण हैं। तुम्हें मौका कैसे मिलेगा? युवराज सिंह को इसी कारण कई साल तक मौका नहीं मिल पाया, इसलिए जाओ और पारी की शुरुआत करो।


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