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के एल राहुल के 'दस्ताने' में कैद हुआ रिषभ पंत का क्रिकेट करियर, आगे राह हुई मुश्किल!

रिषभ पंत की जगह अब टीम में विकेटकीपर के तौर पर केएल राहुल पहली पसंद बन गए हैं।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 08:52 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jan 2020 07:51 AM (IST)
के एल राहुल के 'दस्ताने' में कैद हुआ रिषभ पंत का क्रिकेट करियर, आगे राह हुई मुश्किल!
के एल राहुल के 'दस्ताने' में कैद हुआ रिषभ पंत का क्रिकेट करियर, आगे राह हुई मुश्किल!

अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। कर्नाटक के लिए विकेटकीपिंग करने वाले केएल राहुल भारत के लिए 36 टेस्ट, 29 वनडे और 37 टी-20 खेलने के बाद टीम इंडिया के मुख्य विकेटकीपर बन गए हैं। रिषभ पंत के चोटिल होने के कारण राहुल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज के दो वनडे में विकेटकीपिंग की थी लेकिन तब वह इसकी पहली पसंद नहीं थे लेकिन उन दो मैचों में उनकी कीपिंग और बल्लेबाजी ने विराट को असफल पंत से दूर होने का मौका दे दिया। यही कारण है कि विराट ने न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टी-20 में पंत के उपलब्ध होने के बावजूद राहुल को विकेटकीपर के तौर पर उतारा और कर्नाटक के इस विकेटकीपर ने अपने ही प्रदेश के पूर्व दिग्गज राहुल द्रविड़ की याद दिलाते हुए अर्धशतक ठोका।

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द्रविड़ की याद दिलाते राहुल : राहुल द्रविड़ और केएल राहुल..दोनों ही कर्नाटक से आते हैं। एक भारत के सर्वकालिक दिग्गजों में शामिल है तो दूसरा उसका अनुसरण कर रहा है। विराट कोहली के केएल को विकेटकीपिंग देने के फैसले ने द्रविड़ की याद दिला दी। द्रविड़ मूलत: विकेटकीपर नहीं थे लेकिन इंग्लैंड में हुए 1999 विश्व कप में केन्या के खिलाफ मुकाबले में नयन मोंगिया के चोटिल होने के कारण कप्तान मुहम्मद अजहरुद्दीन ने उन्हें दस्ताने थमाए। द्रविड़ ने इससे पहले प्रथमश्रेणी मैच में सिर्फ एक स्टंपिंग की थी।

वह श्रीलंका के खिलाफ टांटन में अगले मैच में भी विकेटकीपर के तौर पर उतरे और पूरे 50 ओवर दस्ताने थामे रहे। खास बात यह रही कि इन दोनों मैचों में द्रविड़ ने शतक ठोंका। सौरव गांगुली की कप्तानी में द्रविड़ ने जून 2000 में ढाका में श्रीलंका के खिलाफ विकेटकीपिंग की। दक्षिण अफ्रीका में हुए 2003 विश्व कप में सही टीम संयोजन बनाने के लिए गांगुली ने वर्ष 2002 से ही द्रविड़ को वनडे में स्थायी विकेटकीपर बना दिया। वह विश्व कप में भी विकेटकीपर-बल्लेबाज के तौर पर खेले। वर्ष 2004 तक विकेटकीपिंग का सिलसिला लगातार जारी रहा।

टी-20 विश्व कप की तैयारी : खास बात यह है कि कभी बल्लेबाज की जगह विकेटकीपर-बल्लेबाज की तरह अंतिम-11 में फिट करने वाले कप्तान सौरव गांगुली अब बीसीसीआइ अध्यक्ष हैं और वह रिषभ पंत के खेल को पसंद भी करते हैं। रिषभ आइपीएल में दिल्ली कैपिटल्स के मुख्य बल्लेबाज हैं और पिछले साल गांगुली उसी टीम के सलाहकार थे। अब विराट ने गांगुली के पुराने दांव को ही चलकर पंत को अंतिम-11 से बाहर का रास्ता दिखा दिया है और अपने दोस्त राहुल की गोटी फिट कर दी है। अगर ओपनर शिखर धवन फिट भी हो जाते हैं तो विराट राहुल को विकेटकीपर-बल्लेबाज के तौर पर इस साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप में खिला सकते हैं क्योंकि राहुल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में पांचवें नंबर पर भी अच्छी बल्लेबाजी की थी।

रिषभ पंत को नुकसान : दिल्ली के युवा विकेटकीपर पंत पर टीम प्रबंधन ने पूरा विश्वास जताते हुए लगातार मौके दिए, लेकिन उन्होंने हर मोर्चे पर निराश किया। 11 टेस्ट, 16 वनडे और 27 टी-20 खेलने वाले पंत की विकेटकीपिंग कुछ खास नहीं है लेकिन बल्लेबाजी में एक्स फैक्टर के कारण उन पर ऐतबार जताया जा रहा था। टीम को लगता था कि वह महेंद्र सिंह धौनी की जगह ले लेंगे लेकिन वह अपनी भूमिका समझने में नाकाम रहे। राहुल जिस फॉर्म में हैं उसे देखते हुए पंत को फिलहाल तो मौका मिलते नजर नहीं आ रहा है। इस बारे में विराट ने भी कहा था कि केएल, राहुल द्रविड़ की तरह विकेटकीपिंग करके टीम का संतुलन बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इसकी वजह से उन्हें अंतिम एकादश में एक अतिरिक्त बल्लेबाज खिलाने का मौका मिल रहा है।


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