युवा भारतीय बल्लेबाज पृथ्वी शॉ मामले में फंसा BCCI, लगा था आठ महीने का बैन
सीओए ने भी पृथ्वी शॉ के निलंबन के बावजूद इस युवा बल्लेबाज के अकादमी में ट्रेनिंग करने के विवाद पर चुप्पी साध ली है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के सीओओ तूफान घोष के बाद प्रशासकों की समिति (सीओए) ने भी पृथ्वी शॉ के निलंबन के बावजूद इस युवा बल्लेबाज के अकादमी में ट्रेनिंग करने के विवाद पर चुप्पी साध ली है। किसी को भी इस बारे में कुछ जानकारी नहीं है कि 16 जुलाई को शॉ को थमाए गए अस्थायी निलंबन के बाद वह 17 जुलाई को अकादमी में क्या कर रहे थे।
शॉ को डोपिंग रोधी नियमों के उल्लंघन के चलते आठ महीनों के लिए क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से निलंबित कर दिया गया है। उनका निलंबन 15 नवंबर को समाप्त होगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति (सीओए) के एक सदस्य ने कहा कि हमको इस मामले में लूप में नहीं रखा गया, इसलिए इस मुद्दे पर टिप्पणी करना उनके लिए उचित नहीं होगा।हमें इस मुद्दे पर तकनीकी चीजों के बारे में जानकारी नहीं है। हम नियम नहीं जानते और इसलिए इस पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। यह कहना मुश्किल है कि हम सीओए की अगली बैठक में इस पर चर्चा करेंगे या नहीं।
भारत के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने 17 जुलाई को एक फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी जिसमें शॉ, धवन और उमेश यादव के साथ दिखाई दे रहे हैं जबकि बीसीसीआइ ने 16 जुलाई को ही डोपिंग नियमों का उल्लंघन करने के कारण उन्हें निलंबित कर दिया था।
जब शॉ को 16 जुलाई को ही निलंबित कर दिया था तब वह 17 जुलाई को एनसीए में क्या कर रहे थे, इस सवाल पर घोष कोई भी जबाव नहीं दे रहे हैं। घोष ने कहा कि मैं इस पर कुछ नहीं कह सकता। मैं इस मुद्दे पर बात करने के लिए सही व्यक्ति नहीं हूं, आप बीसीसीआइ से बात कीजिए।' उनसे जब पूछा गया कि क्या आपको प्रतिबंध के बारे में बीसीसीआइ के सीईओ राहुल जौहरी ने बताया तो घोष ने फोन काट दिया।
बीसीसीआइ के पदाधिकारी ने बताया कि बोर्ड के ऐंटी डोपिंग मैनेजर, कानूनी टीम और सीईओ को इस पूरी प्रक्रिया के बारे में पता था और शॉ के निलंबित होने के बाद एनसीए में ट्रेनिंग करने का सवाल ही नहीं उठता। इस मुद्दे पर हैरानी जताते हुए बीसीसीआइ के एक कार्यकारी ने कहा कि ऐंटी डोपिंग क्लास का नियमित आयोजन किया जा रहा है और शॉ का दवाई लेना और फिर यह कहना है कि यह गलती से हुआ, इस बात में दम नहीं दिखता है। वह अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं और लगातार ऐंटी डोपिंग क्लास चलती रहती हैं। वह सिर्फ घरेलू खिलाडि़यों के लिए नहीं होती बल्कि अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी के लिए भी होती हैं।'
इस प्रक्रिया में एक और बात पर पर्दा डाला गया है। जब तक इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) खत्म हुआ तब तक बीसीसीआइ के पास इसकी पूरी रिपोर्ट (17 मई) आ गई थी)। इसके बाद 14 मई से मुंबई टी-20 लीग शुरू हुई। शॉ को इस लीग में हिस्सा लेने से रोका जाना चाहिए था क्योंकि बीसीसीआइ के पास पहले से ही रिपोर्ट थी। बावजूद इसके शॉ नॉर्थ मुंबई पैंथर्स के लिए खेलते रहे। इस बात को भी नहीं भूलना चाहिए शॉ कैसे एनसीए में ट्रेनिंग करते रहे।
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