महिला क्रिकेटर हरमनप्रीत को लेकर राजनेता व नौकरशाह आमने-सामने
हरमनप्रीत कौर के डीएसपी पद को लेकर पंजाब में राजनेता व ब्यूरोक्रेसी में मतभेद पैदा हो गए हैं।
कैलाश नाथ, चंडीगढ़। महिला विश्व कप में अपनी बल्लेबाजी के दम पर पहचान बनाने वाली और टी-20 भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर के डीएसपी पद को लेकर पंजाब में राजनेता व ब्यूरोक्रेसी में मतभेद पैदा हो गए हैं। ग्रेजुएशन की फर्जी डिग्री के कारण हरमन का डीएसपी पद खतरे में है। मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर सिंह इस हक में हैं कि ऑनरेरी डीएसपी बनाकर उसके पद को बचा लिया जाए, लेकिन ब्यूरोक्रेसी इसके हक में नहीं है। अहम पहलू यह है कि सीएमओ के अधिकारी ही इस हक में नहीं हैं कि ग्रेजुएशन के बिना हरमनप्रीत को डीएसपी बनाया जाए।
ब्यूरोक्रेसी जहां इस बात को लेकर चिंतित है कि अगर हरमनप्रीत को ऑनरेरी डीएसपी पद दिया गया तो इससे भविष्य में कई परेशानियां खड़ी हो जाएंगी। गोल्डन गर्ल मनजीत कौर का डीएसपी पद भी इसी कारण छिना था क्योंकि वह ग्रेजुएट नहीं थीं। खुलकर कोई भी अधिकारी इस पर बोलने को तैयार नहीं है लेकिन ब्यूरोक्रेसी का यह कहना है कि इससे पुलिस फोर्स के मनोबल पर भी असर पड़ सकता है। ब्यूरोक्रेसी के विरोध के कारण फिलहाल यह विवाद शांत होता नहीं दिख रहा है। एक वर्ग इस बात का भी इंतजार कर रहा है कि अगर सरकार हरमनप्रीत को डीएसपी बनाए रखती है तो हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा।
रोजाना फंस रहे नए पेंच के कारण सरकार हरमनप्रीत को लेकर फिलहाल किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रही है। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि बिना ग्रेजुएशन किए डीएसपी पद नहीं दिया जा सकता है। यह जरूर है कि सरकार अपने वायदे पर कायम रहेगी। हरमनप्रीत ग्रेजुएशन कर ले तो उसे डीएसपी बना दिया जाएगा, बिना ग्रेजुएशन के कांस्टेबल पद पर ही काम करना पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि मोगा निवासी हरमनप्रीत कौर ने ग्रेजुएशन का जो प्रमाण पत्र पुलिस विभाग के पास जमा करवाया है वह जांच में फर्जी पाया गया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर सिंह द्वारा डीएसपी पद का ऑफर दिए जाने के बाद उसने रेलवे की नौकरी छोड़कर डीएसपी पद पर ज्वाइन किया था।
हैरानी है कि उच्च नेता व डीजीपी हरमनप्रीत की पैरवी कर रहे हैं, जबकि उन्होंने फर्जी प्रमाण पत्र देकर अपराध किया है। यह बात सही है कि उन्होंने देश का मान बढ़ाया है, लेकिन अब वह धोखाधड़ी करके डीएसपी की नौकरी हासिल करेंगी तो युवाओं का रोल मॉडल कैसे हो सकती हैं। (कृपाल सिंह औलख, पूर्व कुलपति, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय)