सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं केपटाउन घटना के लिए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया भी दोषी
केपटाउन में हुई घटना के कसूरवार सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं हैं, इसमें क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया भी दोषी है।
मेलबर्न, एएफपी। दक्षिण अफ्रीका के बीच इस वर्ष मार्च में हुई टेस्ट सीरीज के दौरान गेंद से छेड़छाड़ की घटना हुई थी। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ, डेविड वॉर्नर और कैमरन बेनक्राफ्ट को साल भर के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था। इसी मामले पर सिडनी एथिक्स सेंटर ने अपनी समीक्षा रिपोर्ट जारी की है। इसमें उसने कहा है कि केपटाउन में हुई घटना के कसूरवार सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं हैं, इसमें क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया भी दोषी है।
सोमवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) में घमंडी और दूसरों पर काबू करने की संस्कृति है। यहां खिलाडि़यों को नैतिक मार्गदर्शन नहीं दिया जाता। ऑस्ट्रेलियाई खिलाडि़यों ने केपटाउन टेस्ट में गेंद से छेड़छाड़ के लिए सैंडपेपर का उपयोग किया था। इस घटना के बाद तत्कालीन कोच डैरेन लेहमन को इस्तीफा देना पड़ा था। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी जेम्स सदरलैंड और टीम निदेशक पैट हावर्ड को भी अपनी नौकरियां गंवानी पड़ी। वहीं, स्मिथ, वार्नर और बेनक्राफ्ट पर प्रतिबंध लगाया गया था। समीक्षा में कहा गया कि अधिकांश पक्षों का मानना है कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया अपने सिद्धांतों और मूल्यों पर अमल नहीं कर रहा। उसकी कथनी और करनी में अंतर है।
145 पेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि सीए लगातार खिलाडि़यों पर जीतने के लिए दबाव बनाता रहा है। वहीं सीए के नए चेयरमैन डेविड पीवर ने कहा कि यह कठिन समय है। गलतियां हुई हैं। बदलाव का दौर जारी रहेगा। इसी के साथ ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट संघ सदस्यों ने भी प्रतिबंधित खिलाडि़यों का समर्थन किया है। संघ ने साफ कहा कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया खिलाडि़यों पर जीतने का बेहद दबाव बनाता है, जिसकी वजह से ही खिलाडि़यों ने यह कृत्य किया। उन्होंने कहा कि खिलाडि़यों के प्रतिबंध के समय को घटाना चाहिए। सीए ने साथ ही कहा है कि भारत के खिलाफ होने वाली सीरीज में भी वार्नर, स्मिथ पर प्रतिबंध जारी रहेगा। उनके प्रतिबंध को कम किए जाने पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है।