श्रीनिवासन और निरंजन शाह को सुप्रीम कोर्ट ने दिया नोटिस, जानिए क्या है वजह
श्रीनि व शीर्ष अदालत के आदेश की वजह से किसी भी पद पर रहने के अयोग्य हैं और वे राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के मनोनीत सदस्य के रूप में एसजीएम में शामिल नहीं हो सकते हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) की हाल ही में संपन्न विशेष आमसभा (एसजीएम) में बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन और पूर्व सचिव निरंजन शाह के शामिल होने का मामला शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की जांच के दायरे में आ गया। न्यायमूर्ति दीपक मिश्र, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय पीठ ने इस मुद्दे पर दोनों से जवाब मांगते हुए कहा कि अयोग्य घोषित किया गया कोई भी सदस्य राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के मनोनीत सदस्य के रूप में भी इस तरह की बैठक में शामिल नहीं हो सकता है। पीठ ने दोनों को नोटिस जारी किए। मामले की अगली सुनवाई 24 को होगी।
इस बीच, पूर्व सीएजी विनोद राय की अध्यक्षता वाली प्रशासकों की समिति (सीओए) ने अपनी चौथी स्टेटस रिपोर्ट केसाथ हाल ही में संपन्न विशेष आम सभा की एक सीडी संलग्न की और कहा कि श्रीनि व शीर्ष अदालत के आदेश की वजह से किसी भी पद पर रहने के अयोग्य हैं और वे राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के मनोनीत सदस्य के रूप में एसजीएम में शामिल नहीं हो सकते हैं। पीठ ने कहा कि वह सुनवाई की अगली तारीख पर मामले पर फैसला करेगी। उसने सीओए की रिपोर्ट में उठाई गई आपत्तियों पर श्रीनि और शाह का जवाब मांगा है।
गुहा व लिमये के इस्तीफे मंजूर : शीर्ष अदालत ने सीओए से रामचंद्र गुहा और विक्रम लिमये के त्याग पत्र स्वीकार करते हुए उन्हें उनकी जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया। इन दोनों ने बीसीसीआइ के प्रशासक के रूप में काम करने में असमर्थता व्यक्त करते हुए त्याग पत्र दे दिया था।