मुथैया मुरलीधरन ने आज ही के दिन बनाया था वो वर्ल्ड रिकॉर्ड जिसे तोड़ पाना है नामुमकिन!
श्रीलंकाई टीम के दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने आज ही दिन एक ऐसा वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जिसे तोड़ पाना किसी भी खिलाड़ी के लिए आने वाले एकाध दशक में मुमकिन नहीं है।
नई दिल्ली, जागरण स्पेशल। जिस तरह बल्लेबाजी के तौर पर सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के भगवान हैं, उसी तरह अगर गेंदबाजों में देखा जाए तो श्रीलंकाई दिग्गज ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन किसी देवता से कम नहीं हैं। बतौर बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं, ठीक उसी तरह एक गेंदबाज के तौर पर मुथैया मुरलीधरन के भी आंकड़े लाजबाव हैं, जो उन्हें वर्ल्ड क्लास स्पिनर बनाते हैं।
ऐसा ही एक वर्ल्ड रिकॉर्ड श्रीलंकाई दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने आज ही दिन भारत के खिलाफ साल 2010 में बनाया था जो आज तक एक अटूट है और अगले कुछ दशकों तक अटूट रहने वाला है। जी हां, हम बात कर रहे हैं मुथैया मुरलीधरन के टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट चटकाने के वर्ल्ड रिकॉर्ड की। मुथैया मुरलीधरन ने टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट अपने नाम किए हैं, जो एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है।
2010 में 22 जुलाई को गाले इंटरनेशनल स्टेडियम में मुथैया मुरलीधरन ने जैसे ही प्रज्ञान ओझा को महेला जयवर्धने के हाथों कैच आउट कराकर मैच का आठवां विकेट झटका, वैसे ही उनके टेस्ट क्रिकेट में विकेटों की संख्या 800 पहुंच गई, जो 9 साल बाद तक अटूट है। मुथैया मुरलीधरन के इस वर्ल्ड रिकॉर्ड के बाद दूसरे नंबर पर जो खिलाड़ी है, उसमें और मुथैया मुरलीधरन में 92 विकेटों का अंतर है।
मुथैया मुरलीधरन के बाद टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में दूसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज स्पिनर शेन वार्न हैं, जिन्होंने क्रिकेट के इस फॉर्मेट में कुल 708 विकेट चटकाए हैं। इनके बाद भारतीय स्पिनर अनिल कुंबले का नाम है, जिन्होंने 619 विकेट अपने नाम किए थे। अनिल कुंबले के बाद चौथे नंबर पर इंग्लिश गेंदबाज जेम्स एंडरसन हैं, जो 575 विकेट चटका चुके हैं और इकलौते ऐसे क्रिकेटर हैं जो खेल रहे हैं।
मुथैया मुरलीधरन का ये वर्ल्ड रिकॉर्ड इसलिए भी अगले कुछ दशकों के लिए अटूट माना जा रहा है क्योंकि जेम्स एंडरसन (575) और डेल स्टेन (439) ही ऐसे खिलाड़ी हैं जो क्रिकेट खेल रहे हैं। हालांकि, ये दोनों गेंदबाज भी जल्द संन्यास ले सकते हैं। इनके अलावा कोई भी गेंदबाज 400 के पार नहीं जो टेस्ट क्रिकेट खेल रहा हो। ऐसे में इस वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ने में दशकों लग जाएंगे।