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नस्लवाद मामले में दक्षिण अफ्रीका के कोच मार्क बाउचर की परेशानी बढ़ी, गंवा सकते हैं पद

टीम इंडिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच शुक्रवार को दूसरा वनडे मैच होना है। इससे पहले टीम के मुख्य कोच मार्क बाउचर मुश्किल में फंसते दिखाई दे रहे हैं। क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (CSA) ने उनके खिलाफ नस्लवाद के आरोपों की अनुशासनात्मक सुनवाई के लिए समिति का गठन किया गया है।

By TaniskEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 07:50 AM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 07:50 AM (IST)
नस्लवाद मामले में दक्षिण अफ्रीका के कोच मार्क बाउचर की परेशानी बढ़ी, गंवा सकते हैं पद
दक्षिण अफ्रीका टीम के मुख्य कोच मार्क बाउचर।

जोहानसबर्ग, पीटीआइ। टीम इंडिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच शुक्रवार को दूसरा वनडे मैच होना है। इससे पहले टीम के मुख्य कोच मार्क बाउचर मुश्किल में फंसते दिखाई दे रहे हैं। क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (CSA) ने उनके खिलाफ नस्लवाद के आरोपों की अनुशासनात्मक सुनवाई के लिए समिति का गठन किया गया है। वरिष्ठ वकील टेरी मोटू को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। सोशल जस्टिस एंड नेशन-बिल्डिंग (SJN) ने दिसंबर में एक रिपोर्ट में बाउचर, पूर्व कप्तान और वर्तमान सीएसए निदेशक ग्रीम स्मिथ और पूर्व बल्लेबाज एबी डिविलियर्स पर अश्वेत खिलाड़ियों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया था। बाउचर के खिलाफ उनके पूर्व प्रोटियाज टीम के साथी पाल एडम्स द्वारा नस्लवाद के आरोप लगाए गए थे।

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शासी निकाय ने कहा कि यदि स्वतंत्र जांच में बाउचर को दोषी पाया जाता है, तो यह 'उनकी बर्खास्तगी का कारण बन सकता है'। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि कोई भी फैसले से पहले स्वतंत्र जांच में सभी आरोपों की जांच हो। 235 पेज की रिपोर्ट में एसजेएन आयोग के प्रमुख दुमिसा नत्सेबेजा ने संकेत दिया था कि वह कोई निष्कर्ष देने की स्थिति में नहीं हैं और सिफारिश की थी कि इस संबंध में आगे की प्रक्रिया शुरू की जाए।

सीएसए ने कहा कि बाउचर के खिलाफ अनुशासनात्मक आरोपों के साथ-साथ उनके अधिकारों के साथ एक चार्जशीट 17 जनवरी को उन्हें प्रदान की गई थी। सीएसए बोर्ड के अध्यक्ष लासन नाडू ने कहा कि बोर्ड नस्लवाद या भेदभाव के आरोपों को अत्यंत गंभीरता के साथ लेता है और दक्षिण अफ्रीका के संविधान और श्रम कानून के संदर्भ में निष्पक्षता और उचित प्रक्रिया सुनिश्चित करने के अपने कर्तव्य के प्रति सचेत रहता है। अब यह जांच पर निर्भर है कि आरोप किस हद तक सही हैं और आगे अनुशासनात्मक कदमों की आवश्यकता को सही ठहराते हैं या नहीं। यह मुद्दा तब सामने आया जब पूर्व गेंदबाज पाल एडम्स ने कहा था कि वर्तमान मुख्य कोच सहित उनकी राष्ट्रीय टीम के साथियों द्वारा उनको एक नस्लभेदी उपनाम दिया गया था।


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