जांच होने तक हार्दिक और राहुल टीम में हों शामिल- बीसीसीआइ के इस अधिकारी ने की मांग
प्रशासकों की समिति चाहती है कि उच्चतम न्यायालय पांड्या और राहुल के भाग्य का फैसला करने के लिए लोकपाल की नियुक्ति करे।
नई दिल्ली। बीसीसीआइ के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना ने प्रशासकों की समिति (सीओए) से आग्रह किया कि ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या और लोकेश राहुल पर से निलंबन हटा दिया जाए और जांच जारी रखते हुए उन्हें टीम में जगह दी जाए। इसके अलावा खन्ना ने लोकपाल की नियुक्ति के लिए विशेष आम बैठक (एसजीएम) को बुलाने से भी इन्कार कर दिया क्योंकि मामला अभी न्यायालय के अधीन है। पांड्या और राहुल एक टीवी कार्यक्रम के दौरान अपनी आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए अभी निलंबन झेल रहे हैं।
खन्ना ने सीओए को लिखे पत्र में कहा कि हार्दिक और राहुल ने गलती की है। उन दोनों को निलंबित करते हुए ऑस्ट्रेलिया से वापस बुला लिया था। उन्होंने बिना शर्त माफी भी मांग ली थी। मेरा सुझाव है कि दोनों क्रिकेटरों को फिर से बहाल करना चाहिए और जल्द से जल्द भारतीय टीम में शामिल करना चाहिए। उन्हें न्यूजीलैंड में टीम के साथ जुड़ने के लिए अनुमति देनी चािहए। दोनों क्रिकेटरों को मैच खेलने की जरूरत है क्योंकि विश्व कप के लिए लगभग चार महीने का समय बचा है। हमें इन उभरते हुए क्रिकेटरों को सुधरने का मौका देना चाहिए। मैं इस मुद्दे को प्राथमिकता पर हल करने के लिए सीओए और पदाधिकारियों के बीच एक बैठक का आग्रह करता हूं। वे दोनों प्रतिभाशाली क्रिकेटर हैं जिन्होंने एक कार्यक्रम में गलत शब्दों का इस्तेमाल किया। वे इसके लिए माफी मांग चुके हैं। जांच चलती रहे और उसका जो फैसला आए उसे बाद में लागू कर दिया जाए।'
वहीं, प्रशासकों की समिति चाहती है कि उच्चतम न्यायालय पांड्या और राहुल के भाग्य का फैसला करने के लिए लोकपाल की नियुक्ति करे। लगभग 14 राज्य इकाइयों ने खन्ना से आपात एसजीएम बुलाने का आग्रह किया जिसे 10 दिन के समय में बुलाना होता है। हालांकि इन इकाइयों में अधिकतर बीसीसीआइ के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के वफादार हैं। कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी ने भी खन्ना को पत्र लिखकर जल्द से जल्द एसजीएम बुलाने का आग्रह किया ताकि बोर्ड के सदस्य लोकपाल की नियुक्ति पर फैसला कर सके। खन्ना ने अपने पत्र में लिखा कि क्योंकि मामला अभी न्यायालय के अधीन है इसलिए वह इंतजार करना चाहेंगे। खन्ना ने चौधरी के जवाब में कहा, 'बीसीसीआइ के संविधान के अनुसार लोकपाल की नियुक्ति एजीएम में की जा सकती है और इसके अलावा मामला न्यायालय के अधीन है।' खन्ना ने इस पर बीसीसीआइ के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी की राय भी जाननी चाही और उन्होंने भी लोकपाल की नियुक्ति को लेकर नए संविधान के अनुच्छेद 40 का हवाला दिया। वहीं, बीसीसीआइ के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, 'खन्ना या अमिताभ विशेष आम बैठक बुलाने के लिए नोटिस पर क्यों हस्ताक्षर करें जबकि मामला न्यायालय के अधीन है इसमें अदालत की अवमानना का जोखिम बना रहेगा।'