मोहम्मद कैफ ने यो-यो टेस्ट को लेकर किया कमेंट तो इरफान पठान ने कहा, 'हम क्या चने बेच रहे थे'
मोहम्मद कैफ ने कहा कि अगर हमारे वक्त में यो-यो टेस्ट होता तो सिर्फ मैं युवराज और बालाजी ही पास कर पाते।
नई दिल्ली, जेएनएन। टीम इंडिया के खिलाड़ियों के लिए जब पहली बार यो-यो टेस्ट आया था तब इस बात से काफी हलचल मच गई थी। दरअसल टीम में एंट्री के लिए यो-यो टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया था और ये नियम अब भी जारी है। अंबाती रायुडू यो-यो टेस्ट में फेल होने की वजह से इंग्लैंड दौरे पर जाने वाली टीम से बाहर कर दिए गए थे। इस बात की वजह से काफी हंगामा मचा था और विराट कोहली व टीम मैनेजमेंट की काफी आलोचना की गई थी।
भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने अब मॉडर्न डे क्रिकेट में फिटनेस को लेकर अपनी कुछ बातें सामने रखीं। इसके अलावा उन्होंने ये भी महसूस किया कि वो जिन दिनों क्रिकेट खेला करते थे उन दिनों अगर टीम में यो-यो टेस्ट होता तो सिर्फ वो (कैफ), युवराज सिंह और लक्ष्मीपति बालाजी की ये टेस्ट पास कर पाते। वहीं मो. कैफ की इन बातों पर इरफन पठान ने उन्हें जवाब दिया जो उनके साथ टीम इंडिया के लिए खेल चुके हैं।
कैफ द्वारा ये कहे जाने पर कि अगर उनके टाइम पर यो-यो टेस्ट होता तो वो, युवी और बालाजी ही उसे पास कर पाते। इरफान ने कहा कि मैंने तुम्हारी बातें सुनी कि यो-यो टेस्ट होता तो सिर्फ तीन खिलाड़ी ही उसे पास कर पाते तो फिर हम क्या कर रहे थे। चने बेच रहे थे हम (हंसते हुए)। आपने 16 की औसत से रन बनाए हैं तो मैंने 15.5 की औसत से।
इरफान पठान ने बताया कि भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली फिटनेस टेस्ट पास करते थे तब उतने ही नंबर लाते थे जितना की पास होने के लिए जरूरी थी। उन्होंने कहा कि मुझे याद है कि दादा पास करने के लिए जरूरी 12 अंक ही लाते थे। आपको बता दें कि मोहम्मद कैफ 2000 के दशक में युवराज सिंह के साथ भारतीय टीम के बेस्ट फील्डर थे। उन्होंने फील्डिंग में जो बेंचमार्क सेट किया उसे सुरेश रैना, रवींद्र जडेजा व विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों ने आगे बढ़ाया। अब टीम इंडिया की को दुनिया की बेहतरीन फील्डिंग साइड के तौर पर देखा जाता है और इसमें फिटनेस का अहम योगदान है।