Vivo के बाद अब IPL से हो सकती है दो और बड़ी कंपनियों की छुट्टी, चीन से जुड़ा है रिश्ता
स्वदेशी जागरण मंच चाहती है कि BCCI IPL के केंद्रीय प्रायोजक और भारतीय प्रायोजक जैसे PayTm ड्रीम 11 बायजूस और अन्य कंपनियों को भी हटाए जिन्हें चीनी कंपनी फंड करती हैं।
नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग में चीनी स्पांसरशिप विवाद खत्म होता नहीं दिख रहा है। वीवो के कदम पीछे हटाने के बाद भी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड पर चीनी लिंक वाली भारतीय कंपनियों को भी स्पांसरशिप से हटाने का दबाव बन रहा है।
स्वदेशी जागरण मंच चाहती है कि बीसीसीआइ आइपीएल के केंद्रीय प्रायोजक और भारतीय प्रायोजक जैसे पेटीएम, ड्रीम 11, बायजूस और अन्य कंपनियों को भी हटाए, जिन्हें चीनी कंपनी फंड करती हैं। स्वदेशी जागरण मंच ने चीन छोड़ो अभियान की शुरुआत की है और वह चीनी लिंक वाले सभी आइपीएल प्रायोजकों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
रिपोर्ट की मानें तो स्वदेशी जागरण मंच के लिए बीसीसीआइ ही बड़ा लक्ष्य है। मंच के वरिष्ठ कार्यकर्ता धनंजय भिडे ने कहा कि यह अभियान आत्मनिर्भर भारत को ब़़ढावा देने के लिए है और वह इससे कड़ा संदेश देना चाहते हैं कि चीन से जुड़ाव रखना भारी पड़ेगा। भिडे ने कहा कि क्रिकेट को आत्मनिर्भर भारत या चीनी पैसा लगे प्रायोजक में से किसी एक को चुनना ही होगा।
भारतीय खिलाड़ी हेलमेट पर तिरंगा पहनते हैं और भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं, तो वे कैसे आसानी से चीनी कंपनियों के खिलाफ छिड़े अभियान को नजरअंदाज कर सकते हैं। दरअसल, ड्रीम 11 में चीन की टेनसेंट कंपनी का 20 प्रतिशत हिस्सा है। वहीं पेटीएम में चीन की कंपनियों का करीब 55 प्रतिशत पैसा लगा है। वहीं बायजूस में टेनसेंट का 15 प्रतिशत पैसा लगा है।
बीसीसीआई को मिली सरकार की लिखित मंजूरी
गौरतलब है सोमवार को ही भारत सरकार की तरफ से यूएई में आयोजित होने वाले टूर्नामेंट को कराने के लिए लिखित मंजूरी मिली है। इस बात की जानकारी आईपीएल के चेयरमैन बृजेश पटेल ने दी। इस बार के टूर्नामेंट का आयोजन 19 सितंबर से 10 नवंबर के बीच कराया जाना है। इसी साल मार्च में टूर्नामेंट की शुरुआत होनी थी लेकिन कोरोना महामारी फैलने की वजह से इसे स्थगित कर दिया गया था।