'चकदह एक्सप्रेस' झूलन गोस्वामी के सामने हाई स्पीड बरकरार रखने की चुनौती
महिलाओं के 50 ओवरों के विश्वकप के एक साल आगे बढ़ने से भारतीय तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी की राह कठिन हुई।
विशाल श्रेष्ठ, कोलकाता। भारतीय महिला क्रिकेट में तेज गेंदबाजी का जिक्र होते ही सबसे पहला नाम जो उभरकर सामने आता है, वह है बंगाल की 'चकदह एक्सप्रेस' झूलन गोस्वामी का। अपने 18 वर्षो के लंबे क्रिकेट करियर में अब तक कई चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना कर चुकीं झूलन के सामने एक नई चुनौती है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) ने कोरोना महामारी के मद्देनजर महिलाओं के 50 ओवरों के विश्वकप को एक साल आगे बढ़ा दिया है।
महिला विश्वकप के पहले अगले साल न्यूजीलैंड में छह फरवरी से सात मार्च तक आयोजित होने की बात थी लेकिन अब इसके फरवरी, 2022 से पहले होने की संभावना नहीं है। झूलन अभी 37 वर्ष की हैं। 2022 तक वह 39 को पार कर जाएंगी। जानकारों का कहना है कि उस उम्र में फिटनेस को बरकरार रखना असंभव तो नहीं लेकिन बेहद चुनौतीपूर्ण होगा। झूलन चूंकि तेज गेंदबाज हैं इसलिए उनके लिए और भी ज्यादा कठिन होगा। इसकी एक प्रमुख वजह यह भी है कि झूलन ने पिछले कई महीनों से क्रिकेट नहीं खेला है और कोरोना के कारण विश्वकप से पहले ज्यादा वनडे टूर्नामेंटों का शायद ही आयोजन हो पाए। ऐसे में फिटनेस को कायम रख पाना कतई आसान नहीं होगा।
एक बड़ा सवाल यह भी है कि क्या उस वक्त चयनकर्ता विश्वकप जैसे शिखर टूर्नामेंट के लिए इतनी उम्रदराज खिलाड़ी का टीम में चयन करना चाहेंगे? पुरुष क्रिकेट पर नजर डालें तो ऐसे कई खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 40 की उम्र के बाद भी क्रिकेट खेला है। ऐसे में झूलन को अपने लंबे अनुभव का फायदा मिल सकता है। झूलन महिला क्रिकेट के वनडे फारमेट में सबसे ज्यादा विकेट चटकाने वाली गेंदबाज हैं।
सूत्रों की मानें तो झूलन विश्वकप खेलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विदाई लेना चाहती हैं। वह टी-20 फॉर्मेट को पहले ही अलविदा कह चुकी हैं। आइसीसी के फैसले का हालांकि झूलन ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा-'भारतीय टीम के लिए यह अच्छी बात है। विश्वकप की तैयारियां करने के लिए एक साल का अतिरिक्त समय मिलेगा। पिछले कई महीनों से हम सभी घरों में बंद हैं। अभ्यास नहीं हो पा रहा इसलिए अगले साल फरवरी में विश्वकप होने पर तैयारियों के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता।'
अगले करीब दो साल तक फिटनेस बनाए रखना कितना मुश्किल होगा, इस पर झूलन ने कहा- 'अभी इस सवाल का जवाब देना संभव नहीं है। झूलन को करीब से जानने वालों का कहना है कि वह मानसिक रूप से बेहद मजबूत हैं। वह सही मायने में बंगाल की बाघिन है। परिस्थितियों से हार मारना उन्हें मंजूर नहीं है। अगर झूलन ने तय कर लिया है कि उन्हें विश्वकप खेलना है तो फिटनेस बरकरार रखने के लिए वह जो भी करना होगा, करके दिखाएंगी।' गौरतलब है कि झूलन के नाम 10 टेस्ट मैचों में 40, 182 वनडे में 225 और 68 टी-20 मैचों में 56 विकेट दर्ज हैं।