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Ind vs Ban: डे-नाइट टेस्ट को लेकर 'पिंक बॉल' पर फंस गया पेंच, क्या भारत में हो पाएगा इसका आयोजन!

सौरव गांगुली की कोशिश है कि टीम इंडिया बांग्लादेश के खिलाफ अपना पहला डे-नाइट टेस्ट मैच खेले।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Tue, 29 Oct 2019 03:16 PM (IST)Updated: Tue, 29 Oct 2019 07:22 PM (IST)
Ind vs Ban: डे-नाइट टेस्ट को लेकर 'पिंक बॉल' पर फंस गया पेंच, क्या भारत में हो पाएगा इसका आयोजन!
Ind vs Ban: डे-नाइट टेस्ट को लेकर 'पिंक बॉल' पर फंस गया पेंच, क्या भारत में हो पाएगा इसका आयोजन!

नई दिल्ली, जेएनएन। बीसीसीआइ (BCCI) के नए अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) की पूरी कोशिश है कि टीम इंडिया बांग्लादेश के साथ डे-नाइट टेस्ट (Day Night test match) मैच खेले। कयास ये लगाया जा रहा है कि बांग्लादेश के खिलाफ कोलकाता में भारतीय क्रिकेट टीम (Indian cricket team) अपना पहले डे-नाइट टेस्ट मैच खेल सकती है, लेकिन इस पर एक बड़ा पेंच फंसता दिख रहा है। बीसीसीआइ के सामने गेंद को लेकर एक बड़ी समस्या सामने आ गई है। भारतीय सरजमीं पर डे-नाइट टेस्ट मैच कराने के लिए स्तरीय पिंक बॉल की जरूरत है। 

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डे-नाइट टेस्ट मैच को लेकर भारत ने बांग्लादेश (Bangladesh cricket team) को सामने अपना प्रस्ताव भी रख दिया है। 2016 में दुलीप ट्रॉफी का आयोजिन पिंक बॉल से किया गया था जो ज्यादा सफल नहीं रहा था। इसके बाद गेंद और भारतीय कंडीशन को लेकर कई तरह की समस्याएं सामने आई थी। इस गेंद के साथ जो सबसे बड़ी समस्या सामने आई थी वो ये थी कि पहले 20 ओवर के बाद ही अपना रंग खोने लगती है, साथ ही मुलायम होने लगती है। 

बीसीसीआइ के सूत्र ने एक अंग्रेजी अखबार से कहा कि भारतीय मैदान इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की तरह नहीं हैं। यहां की पिच रफ है और गेंद 20-30 ओवर में ही अपने शेप और रंग खोने लग जाती है। हालांकि बोर्ड ने एसजी से दपील ट्रॉफी के लिए गुणवत्ता वाली गुलाबी गेंदों का उत्पादन करने लिए कहा था पर बाद में इस पर यू-टर्न ले लिया गया और फिर पारंपरिक लाल गेंदों के साथ ही टूर्नांमेंट खेला गया। हालांकि फाइनल मैच गुलाबी गेंद से खेला जाना था, लेकिन बोर्ड ने इसके खिलाफ फैसला किया था।  

बीसीसीआइ स्तरीय एसजी गेंद को लेकर आश्वस्त नहीं है। ऐसे में अगर इसका आयोजन करना है तो ड्यूक और कूकाबूरा दूसरे ऑप्शन हैं। अगर यहां पर बोर्ड दूसरे विकल्प की तरफ नहीं जाता है तो उसे कम से कम 24 गेंदों की जरूरत है जिससे की टीम प्रैक्टिस कर सके और मैच खेल सके। इसके अलावा बोर्ड के लिए सबसे बड़ी समस्या ये होगी कि अगर गेंद को बीच में बदलने की जरूरत हुई तो उस स्थिति में क्या किया जाएगा ये सबसे बड़ी समस्या है। भारत और बांग्लादेश के बीच तीन मैचों की टी20 सीरीज के बाद दो टेस्ट मैचों का आयोजन किया जाएगा। दूसरा टेस्ट मैच कोलकाता में 22 से 26 नवंबर के बीच खेला जाएगा। 

वैसे सौरव गांगुली के साथ-साथ भारतीय कप्तान विराट कोहली भी डे-नाइट टेस्ट मैच खेलने को तैयार हैं पर गेंद और कंडीशन की समस्या के साथ क्या बोर्ड ने नए अध्यक्ष इसकी शुरुआत कर पाएंगे या नहीं ये देखना बड़ा दिलचस्प होगा। वैसे टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले हर देश ने लगभग डे-नाइट टेस्ट मैच खेले हैं पर भारत अब तक  इसका हिस्सा नहीं बन पाया है और यहां पर एक बार भी अंतरराष्ट्रीय डे-नाइट टेस्ट मैच का आयोजन नहीं हो पाया है। 


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