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Ind vs Eng: इन पांच कारणों से भारत को इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन टेस्ट मैच में मिली हार

India vs England 5th test match बुमराह अपना और अपने अन्य गेंदबाजों का सही से इस्तेमाल नहीं कर पाए। उन्होंने एकमात्र स्पिनर रवींद्र जडेजा से लगातार निगेटिव लाइन पर गेंदबाजी कराकर उन्हें विकेट हासिल करने वाली गेंदबाजी से हटा दिया।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Tue, 05 Jul 2022 09:21 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jul 2022 08:16 AM (IST)
Ind vs Eng: इन पांच कारणों से भारत को इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन टेस्ट मैच में मिली हार
जसप्रीत बुमराह साथी गेंदबाज मो. सिराज के साथ (एपी फोटो)

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। एजबेस्टन टेस्ट मैच में रोहित शर्मा की जगह भारतीय टेस्ट टीम का कार्यवाहक कप्तान जसप्रीत बुमराह को बनाया गया। इस टेस्ट मैच के शुरुआती तीन दिनों तक भारतीय टीम इंग्लैंड पर पूरी तरह से हावी रही, लेकिन बाद में इंग्लैंड ने मैच पर अपनी पकड़ बना ली और भारत को 7 विकेट से हार मिली। आइए जानते हैं वो पांच कारण क्या रहे जिसकी वजह से टीम इंडिया को इस टेस्ट मैच में हार मिली। 

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पांचवें टेस्ट में भारत की हार के पांच मुख्य कारण

--पिछले साल भारत ने 2-1 से आगे होने के बाद कोविड के मामले आने पर पांचवां टेस्ट खेलने से मना कर दिया था। यदि टीम उस समय पांचवां टेस्ट खेलती तो शायद सीरीज अपने नाम कर सकती थी, क्योंकि उस समय टीम अच्छी फार्म में थी और उसका फोकस सीरीज जीतने पर बना हुआ था

-कप्तान के रूप में जसप्रीत बुमराह बिलकुल भी प्रभावित नहीं कर पाए। उन्हें कप्तानी के अनुभव की कमी खली। वह दवाब को नहीं झेल पाए। रिषभ पंत भी उप कप्तान की जिम्मेदारी निभाते नजर नहीं आए। जब टीम चर्चा करती थी तो पंत अलग-थलग रहते थे।

-बुमराह अपना और अपने अन्य गेंदबाजों का सही से इस्तेमाल नहीं कर पाए। उन्होंने एकमात्र स्पिनर रवींद्र जडेजा से लगातार निगेटिव लाइन पर गेंदबाजी कराकर उन्हें विकेट हासिल करने वाली गेंदबाजी से हटा दिया। शार्दुल ठाकुर का बहुत कम इस्तेमाल किया। बुमराह को अपने को दूसरे स्पैल में जल्द लाना चाहिए था, लेकिन वह काफी देर से आए। वहीं से भारत का नुकसान होना शुरू हो गया और रूट व बेयरस्टो साझेदारी बनाने में सफल रहे।

-- दोनों पारियों में भारत का शीर्षक्रम धराशायी हो गया। शुभमन गिल, हनुमा विहारी और विराट कोहली दोनों पारियों में असफल रहे, जबकि पहली पारी में नाकाम रहने के बाद चेतेश्वर पुजारा दूसरी पारी में सिर्फ 66 रन ही बना सके।

--भारतीय टीम का क्षेत्ररक्षण भी बेहद खराब था। खिलाड़ी एक-दो रन रोक नहीं पा रहे थे। काफी रक्षात्मक क्षेत्ररक्षण था। विकेट लेने के बजाय बाउंड्री रोकने की रणनीति थी। यह मूलभूत बात भूल गए कि बिना विकेट के टेस्ट मैच नहीं जीते जाते।

आपको बता दें कि पिछले साल जब यह सीरीज खेली जा रही थी तो भारतीय टीम अच्छी फार्म में थी, जबकि इंग्लैंड की टीम एक के बाद एक हार का सामना कर रही थी। हालांकि, उसके बाद नौ महीनों में दोनों टीमों में बहुत कुछ बदल गया। कोहली ने टेस्ट कप्तानी छोड़ दी थी, जिसके बाद रोहित शर्मा को नया कप्तान बनाया गया। इस दौरान इस सीरीज के चौथे व पांचवें टेस्ट के बीच में रोहित और केएल राहुल ने भी कप्तानी की, पर रोहित इस सीरीज कोविड पाजिटिव होने के कारण पांचवें टेस्ट में कप्तानी नहीं कर पाए और कप्तानी की जिम्मेदारी जसप्रीत बुमराह के कंधों पर आ गई। दूसरी ओर इंग्लैंड ने भी जो रूट को कप्तानी से हटाकर बेन स्टोक्स को नया कप्तान बना दिया। इतना ही नहीं, दोनों टीमों मुख्य कोच भी बदल गए। रवि शास्त्री की जगह राहुल द्रविड़ भारत के कोच बन गए तो क्रिस सिल्वरवुड की जगह ब्रेंडन मैकुलम ने इंग्लैंड के कोच की जिम्मेदारी संभाल ली। इस तरह इस सीरीज में दोनों टीमें दो-दो कप्तान और दो-दो कोच के मार्गदर्शन में खेलीं।


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