पंजाब के लिए आखिरी मौका, बैंगलोर को हराकर जीतना होगा हर मैच
अंतरराष्ट्रीय सत्र में शानदार प्रदर्शन करने वाले कोहली के लिए आइपीएल का यह सत्र निराशाजनक रहा।
नई दिल्ली, पीटीआइ। आइपीएल 10 के प्लेऑफ की दौड़ में बरकरार पंजाब का शुक्रवार को टूर्नामेंट से बाहर हो चुकी बैंगलोर के खिलाफ मैच है। पंजाब का इरादा इस मैच में जोरदार जीत दर्ज कर अपनी स्थिति को और मजबूत करने का होगा। पंजाब के नौ मैचों में से आठ अंक हैं और उसे प्लेऑफ में पहुंचने के लिए इस मैच के अलावा अगले चारों मैच भी जीतने होंगे।
वहीं, विराट कोहली की कप्तानी वाली बैंगलोर की टीम 11 मैचों में से आठ मैच हारने के बाद अंकतालिका में सबसे निचले पायदान पर है और अपने बाकी मैच जीतकर सम्मान के साथ टूर्नामेंट से विदा होना चाहेगी। इस मैच में कोहली खराब दौर से गुजर रहे कुछ खिलाड़ियों को हटाकर युवा खिलाड़ियों को मौका दे सकते हैं। पिछले अंतरराष्ट्रीय सत्र में शानदार प्रदर्शन करने वाले कोहली के लिए आइपीएल का यह सत्र निराशाजनक रहा।
शानदार फॉर्म में पंजाब
पंजाब ने पिछले मैच में दिल्ली को दस विकेट से रौंदा था। ऐसे में बैंगलोर के खिलाफ वह एक और जीत दर्ज कर प्लेऑफ की दौड़ में बने रहना चाहेगी। मौजूदा फॉर्म को देखते हुए उसके लिए यह चुनौती मुश्किल नहीं लग रही है। ग्लेन मैक्सवेल की अगुआई वाली टीम के लिए हाशिम अमला ने एक शतक के साथ 315 रन बनाए हैं। मार्टिन गप्टिल भी शानदार फॉर्म में हैं। उन्होंने पिछले मैच में 27 गेंदों पर अर्धशतक जड़ा था। पंजाब के प्रशंसकों को मैक्सवेल से भी बड़ी पारी की उम्मीद होगी, जिन्होंने इस सत्र में नौ मैचों में सिर्फ 193 रन बनाए हैं, जिसमें नाबाद 44 उनका सर्वाधिक स्कोर है।
पंजाब के बल्लेबाजों को एक इकाई के रूप में प्रदर्शन करना होगा। गेंदबाजी में उन्हें पिछले मैच में दिल्ली के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करने वाले तेज गेंदबाजों संदीप शर्मा और वरुण एरोन से एक बार फिर अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद होगी। बायें हाथ के स्पिनर अक्षर पटेल पर भी दारोमदार होगा, जो नौ मैचों में दस विकेट ले चुके हैं।
बैंगलोर की समस्या
बैंगलोर के लिए समस्या उसके कोहली, क्रिस गेल, एबी डिविलियर्स और केदार जाधव जैसे सितारों से सजे बल्लेबाजी क्रम का असफल होना रहा है। इन्होंने अलग-अलग प्रदर्शन तो किया, लेकिन सामूहिक रूप से नहीं कर सके। मंदीप सिंह और स्टुअर्ट बिन्नी जैसे भारतीय खिलाड़ियों ने भी निराश किया। टीम के लिए जो एकमात्र अच्छी बात रही वह उसके दो लेग स्पिनरों का प्रदर्शन रहा। सैमुअल बद्री ने नौ विकेट लिए हैं तो युजवेंद्र चहल 11 विकेट झटक चुके हैं। अनिकेत चौधरी (दो विकेट) जैसे तेज गेंदबाज प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे और उन्होंने काफी रन लुटाए।