भारत बनाम इंग्लैंड: इस वर्ष भारत ने गवांई टेस्ट सीरीज लेकिन कपिल बने प्लेयर ऑफ द सीरीज
सीरीज में 292 रन और 10 विकेट हासिल करने वाले कपिल देव को प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया।
फ्लैश बैक 1982 :
बॉथम ने तोड़ी गावस्कर की हड्डी
मैच - 03, नतीजा- इंग्लैंड 1-0 से जीता
कुछ महीने पहले ही भारत का दौरा करने वाली इंग्लैंड की टीम को टेस्ट और वनडे सीरीज में शिकस्त मिली थी। उस हार का बदला इंग्लिश टीम ने 1982 की अपनी घरेलू सीरीज में लिया। भारतीय टीम को उस दौरे पर मेजबान टीम ने तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-0 और दो मैचों की वनडे सीरीज में 2-0 से शिकस्त दी। लॉर्ड्स में खेले गए पहले टेस्ट की दूसरी पारी में दिलीप वेंगसरकर के शतक के बावजूद भारत को इंग्लैंड के हाथों सात विकेट से शिकस्त झेलनी पड़ी। मैनचेस्टर में खेला गया दूसरा टेस्ट बारिश की वजह से ड्रॉ रहा जिसमें भारत की ओर से संदीप पाटिल और इंग्लैंड की ओर से इयान बॉथम ने शतक जड़े। ओवल में खेल गए तीसरे टेस्ट में बॉथम ने टेस्ट क्रिकेट का सबसे तेज दोहरा शतक लगाया लेकिन यह मुकाबला भी ड्रॉ रहा। अपने दोहरे शतकीय पारी के दौरान बॉथम ने अपने तेज शॉट से भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर के पैर की हड्डी तोड़ दी। सीरीज में 292 रन और 10 विकेट हासिल करने वाले कपिल देव को प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया।
फ्लैश बैक 1986 :
भारत का ऐतिहासिक दौरा
मैच- 03, नतीजा - भारत 2-0 से जीता
1986 के इंग्लैंड दौरे पर कपिल देव की अगुआई वाली भारतीय टीम ने इतिहास रचा। तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत ने शुरुआती दोनों टेस्ट जीतकर सीरीज को अपने नाम किया। पिछले दो दौरे से लॉर्ड्स में शतक लगाने वाले दिलीप वेंगसरकर ने क्रिकेट के मक्का में तीसरा शतक जड़ा लेकिन इस बार उनकी मेहनत बेकार नहीं गई। चेतन शर्मा के पांच विकेट की मदद से भारत ने पहला टेस्ट अपने नाम किया। दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड की गेंदबाजी के सामने वेंगसरकर ने पहली पारी में 61 और दूसरे टेस्ट में 102 रनों की पारियां खेली और भारत को 279 रनों की बड़ी जीत दिलाकर सीरीज में निर्णायक बढ़त दिलाई। इस जीत में रोजर बिन्नी की भी अहम भूमिका रही जिन्होंने पहली पारी में पांच विकेट हासिल किए। इंग्लैंड की पहली पारी महज 102 रनों पर सिमट गई थी। सीरीज का तीसरा टेस्ट ड्रॉ रहा था।
फ्लैश बैक 1990 :
सचिन का पहला टेस्ट शतक
मैच-03, नतीजा- इंग्लैंड 1-0 से जीता
ग्राहम गूच की अगुआई में 1990 के दौरे पर आई भारतीय टीम को तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में 0-1 से शिकस्त झेलनी पड़ी। सीरीज के पहले ही टेस्ट में इंग्लिश कप्तान ग्राहम गूच ने तिहरा शतक लगाकर तहलका मचा दिया। दूसरी पारी में भी उन्होंने शतक जड़ा जिसकी बदौलत इंग्लैंड की टीम ने पहले टेस्ट में बड़ी जीत दर्ज की। पहले टेस्ट के बाद भारतीय कप्तान मुहम्मद अजहरुद्दीन ने लगातार दूसरे टेस्ट में शतक लगाया लेकिन इस टेस्ट में 17 वर्षीय सचिन तेंदुलकर सुर्खियों में रहे जिन्होंने अपने करियर का पहला टेस्ट शतक जड़ा। सचिन के शतक के दम पर भारत वह टेस्ट ड्रॉ कराने में सफल रहा। इसके बाद रवि शास्त्री के एक शतक के दम पर भारत तीसरे टेस्ट में काफी मजबूत स्थिति में दिख रहा था लेकिन डेविड गोवर के शतक के दम पर इंग्लैंड टेस्ट को ड्रॉ कराने में सफल रहा।